“Maa Baglamukhi Yagya continues for the welfare of Hindus by Mahamandaleshwar Yeti Narasimhanand Giri.”
श्रीराम,योगेश्वर श्रीकृष्ण व परशुराम जी केवल पूजनीय नहीं बल्कि अनुकरणीय भी हैं -कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद जी।
श्रीमद्भावद्गीता ईश्वर द्वारा मानवता को दिया हुआ सर्वोत्तम ज्ञान-महन्त राजेन्द्र पूरी जी।
आज धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में श्री जयराम विद्यापीठ आश्रम में चल रहे माँ बगलामुखी व महादेव के यज्ञ के तीसरे दिन महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज,कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद जी,महन्त राजेन्द्र पूरी जी तथा अन्य सभी संतो ने माँ और महादेव से सनातन धर्म की रक्षा और सनातन धर्म के शत्रुओं के विनाश के साथ ही सभी भक्तगणों की सात्विक मनोकामनाओ की पूर्ति के लिये प्रार्थना की।
अब आज से माँ बगलामुखी व महादेव के महायज्ञ के साथ ही दो दिवसीय श्रीमद्भावद्गीता ज्ञान यज्ञ की आरम्भ होगा जिसमें अनेक विद्वानों द्वारा श्रीमद्भावद्गीता पर व्याख्यान दिए जाएंगे।
महायज्ञ में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद जी ने कहा कि सनातन धर्म हमारे, आपके और सारे सनातन धर्मावलंबियों के कर्मो पर टिका हुआ है। हमारे कर्म ही सनातन धर्म और सम्पूर्ण मानवता की दिशा को तय करते हैं।इसीलिए हमारा कोई भी कर्म केवल व्यक्तिगत नही होता। इस रहस्य को समझते हुए हमें अधिक से अधिक शुभ कर्म करने चाहिये और समाज को भी शुभ कर्म के लिये प्रेरित करना चाहिये।
भगवान श्री कृष्ण दुष्टों के संहारक
उन्होंने यह भी कहा कि हम सबको यह अच्छी तरह समझना पड़ेगा कि श्रीराम,योगेश्वर श्रीकृष्ण व परशुराम जी सहित सभी दिव्य अवतार पूजनीय होने के साथ अनुकरणीय भी हैं। जो उन्होंने किया, हम सब को वही करना चाहिये, तभी सनातन धर्म व मानवता की रक्षा सम्भव होगी। यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि भगवान श्री राम जी ने अपने जीवन में असंख्य पापियों के वध किए। वहीं भगवान श्री कृष्ण जी ने भी सारा जीवन अधर्मियों का संघार किया। और शौर्य की चर्चा तो भगवान परशुराम जी के बिना शौर्य की कल्पना ही असंभव है।
श्रीमद्भावद्गीता से अत्याचार खत्म होगा
भक्तगणों को सम्बोधित करते हुए महंत राजेन्द्र पुरी जी महाराज ने कहा की श्रीमद्भावद्गीता ईश्वर द्वारा मानवता को दिया हुआ सर्वोत्तम ज्ञान है। हमे हर संशय के निवारण के लिये श्रीमद्भावद्गीता का सहारा लेना चाहिये। यदि हम श्रीमद्भावद्गीता को अपने जीवन का आधार बनायेगे तो हमारे भटकने की संभावना बहुत कम होगी और समाज से अत्याचार, अनाचार और पाप कम होता चला जायेगा। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भावद्गीता ही विजय के मार्ग को सुनिश्चित करती है।
इस अवसर पर सनातन 🚩समाचार🌎 के मुख्य संपादक अश्विनी कुमार जी ने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी से मिलकर धर्म रक्षा के बारे में गहन चर्चा की।