“Mother’s Navratri was celebrated, somewhere the pandals of Durga Puja were decorated, somewhere the devotees did bhajan kirtan and some did such work…”
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
सनातन 🚩समाचार🌎 सारी दुनिया में जहां जहां भी हिंदू रहते हैं, वहां वहां नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा जी की पूजा अर्चना की जाती है, और इन्हीं दिनों में नवरात्रि के पहले दिन से आरंभ होकर दशहरे तक श्री राम लीलाओं का मंचन भी होता है। बताने की आवश्यकता नहीं है कि यह दिन सभी हिंदुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
आराध्य देवी-देवताओं को याद किया
हर साल की तरह इस साल भी नवरात्रि उत्सव की खूब घूम रही। कहीं पर लोगों ने मां दुर्गा जी के बड़े-बड़े पंडाल लगाकर श्री दुर्गा पूजा की तो कहीं पर लोगों ने घर में मां भवानी की पूजा अर्चना,कीर्तन इत्यादि किए। इसके साथ ही लगभग सभी शहरों में श्रीराम लीलाओं का मंचन भी किया गया। सभी सनातनियों ने अपनी अपनी समझ और योग्यता के अनुसार इन पवित्र दिनों में अपने आराध्य देवी-देवताओं को याद किया। इस बीच श्रद्धालुओं द्वारा अपने मंदिरों में और गली मोहल्लों में भी निरंतर 9 दिन तक भजन कीर्तन का आयोजन किया।
सभी मिल कर करते हैं
सनातन 🚩समाचार🌎 को एक ऐसे ही आयोजन की जब सूचना मिली तो हम भी वहां पर पहुंचे। बता दें कि यह आयोजन पंजाब के लुधियाना महानगर में पढ़ते हैं चंद्र नगर इलाके में किया जा रहा था। वहां पर इकट्ठा हुई श्रद्धालु महिलाओं ने बताया कि हमे जब भी अवसर मिलता है, हम सभी मिलजुल कर अपने सारे मोहल्ले में भजन कीर्तन किया करते हैं। फिर वह चाहे श्री गणेश उत्सव हो या नवरात्रि के दिन अथवा और भी कोई अवसर हो हम सभी मोहल्ला निवासी मिलकर भगवान जी को याद करते हैं और उनका गुणगान करते हैं।
पिरो मजारों के गाने नहीं गाते
इस अवसर पर एक महिला ने सनातन समाचार से बात करते हुए बताया कि हम अपने भजन कीर्तनों में कभी भी पीरों मजारों का कोई भी भजन नहीं गाते हैं, क्योंकि हम हिंदू हैं हम केवल अपने धर्म के अनुसार ही चलते हैं। इसी के साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि हमारे द्वारा ऐसा कोई भी भजन नहीं गया जाता है जिसमें श्री कृष्ण भगवान जी का अपमान किया जाता हो। हम केवल श्री कृष्ण भगवान जी के शौर्य स्वरूप का ही चिंतन और प्रचार करते हैं।
बरहाल यह बहुत अच्छी बात है कि अब हिंदू अपने धर्म के लिए सतर्क हो रहे हैं। इसके साथ ही एक बहुत दुखद बात भी सामने आई है कि एक तरफ जहां श्रद्धालु अपनी श्रद्धा से अपने आराध्य देवी-देवताओं के गुणगान कर रहे थे तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे नासमझ हिंदू भी देखे गए जो धर्म के नाम पर मनोरंजन करते हुए देखे गए।
वे लोग अल्लाह मियां – अल्लाह मियां के गानों पर डांस भी करते देखे गए। शायद इसी कारण विधर्मियों का हौसला बढ़ जाता है की वह हिंदुओं के डांडिया पंडालों पर पथराव कर सकें या उनमें असल पहचान छिपाकर घुस सकें।