“Telling you this news for the sake of Sanatan Samachar is worse than the holocaust but we cannot run away from the responsibility.”
क्या अब वास्तव में हिंदुओं का अस्तित्व खत्म होने वाला है ❓
सनातन🚩समाचार🌎 देवों के देव महादेव को मनुष्यों की अदालत द्वारा अदालत में हाजिर होने का आदेश जाए और विवश होकर हिंदुओं के द्वारा उनके पवित्र स्वरूप को अदालत में पेश भी कर दिया जाए तो अवश्य ही यह माना जाना चाहिए कि अब प्रलय बहुत नजदीक है। जी हां आप चौंके नहीं, यह सत्य है, और यह हुआ है हिंदुओं के देश हिंदुस्तान में। हिंदुओं के दुर्भाग्य की मिसाल बना है छत्तीसगढ़। यहां के यहां के राजस्व अधिकारियों ने भगवान भोलेनाथ को नोटिस जारी किया तो आदि देव भगवान के पवित्र स्वरूप शिवलिंग को तहसील कोर्ट में पेश किया गया है।
दानव अधिकारियों के आदेश से
रायगढ़ जिले के अधिकारियों के अनुसार भगवान शिव ने भूमि पर अवैध कब्जा किया है। इन अधिकारियों द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया थे कि अगर भगवान शिव शंकर बताई बताई गई तारीख को हाजिर नहीं होते हैं तो उन पर ₹10000 का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस सब के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने विवश होकर दानव अधिकारियों के आदेश से विवश होकर शिवलिंग को उखाड़ कर अदालत में पेश कर दिया, परंतु वहां पर तहसीलदार ना होने के कारण भगवान भोलेनाथ को अगली तारीख दे दी गई है। यह भयंकर घटना 25 मार्च 2022 की है।
भगवान जी पेशी ……
यह घटना अपने आप में हिंदुओं की आस्था पर बहुत भयंकर केहर है, और बहुत दुखी हृदय से सनातन समाचार आपको यह सब बताने के लिए विवश भी है क्योंकि हमारा नाम ही “सनातन समाचार” है। शिवलिंग को उखाड़ कर अदालत में हाजिर करने के लिए लाए हुए लोगों ने लाचारी में बताया है की हम सभी आज तहसील कार्यालय में आए हैं। जितने लोगों को नोटिस मिला है वह सभी आए हैं। इसमें हमारे आराध्य देव के मंदिर को भी नोटिस मिला था। आज हमारी पेशी थी। शिव मंदिर में तो भगवान ही रहते हैं, उनकी सारे गांव के लोग पूजा करते हैं। अब नोटिस मिलने पर भगवान जी पेशी भुगतने के लिए आए हैं।
आराध्य देव भोलेनाथ
वही साहब से बात करेंगे, उनको ₹10000 का जुर्माना भी लगा है। अब भगवान ही तहसीलदार से बात करेंगे कि मुझे कारण बताओ नोटिस क्यों मिला है ? और अब भगवान ही पूछेंगे कि पैसा कब भरना है और कब खाली करना है ? हिंदुओं के आराध्य देव भोलेनाथ के स्वरूप को लेकर आने वाले लोगों में शामिल एक महिला के द्वारा कहां गया है कि यही नोटिस अगर मस्जिद में जाता तो आज मुस्लिम लोग सारा रायगढ़ बंद कर देते। मेरे साथ यहां बहुत सारे हिंदू खड़े हैं। हमारे भगवान का अपमान हुआ है। इसका फैसला क्या करते हैं आप सब बताइए।
नोटिस जारी कर दिए
बता दें की अतिक्रमण के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका डाली गई थी जिस पर कार्रवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया गया है। 14 फरवरी 2022 को हाईकोर्ट ने स्थानीय नगरपालिका को अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। रायगढ़ तहसील अदालत ने पोहा कुंडा गांव में इस शिकायत की जांच करवाई। फिर उसके बाद की गई जांच के आधार पर तहसील कोर्ट ने 10 स्थानों पर किसी भी नए निर्माण पर रोक लगा दी और साथ ही उन 10 स्थानों से संबंधित लोगों को नोटिस भी जारी कर दिए तथा उन्हें अदालत में पेश होने के लिए कहा गया। इसका पालन न करने वालों को ₹10000 जुर्माना खाने के साथ साथ अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
रायगढ़ तहसील अदालत द्वारा जीन लोगों को नोटिस जारी किया गया था उसमें एक पोहा कुंडा के वार्ड नंबर 25 में बना शिव मंदिर भी है। पता चला है के शिव मंदिर में कोई पुजारी नहीं था अतः ये नोटिस सीधे मंदिर को ही जारी किया गया था। यह नोटिस मिलने के बाद न्यायालय द्वारा दी गई तारीख को स्थानीय लोग शिवलिंग को ही उखाड़ कर उसे अदालत में ले गए परंतु वहां जाने पर पता चला की आज अधिकारी व्यस्त हैं, अतः इस केस की अगली सुनवाई 13 अप्रैल निश्चित कर दी गई। इस प्रलयंकारी नोटिस के बारे में तहसीलदार गगन शर्मा ने कहा कि मुझे नोटिस की जानकारी नहीं है नोटिस को जारी करने वाले अधिकारी नायब तहसीलदार हैं। अगर नोटिस में कोई कमी है तो उसे दूर किया जाएगा।
परंतु प्रश्न यह है इस भयंकर कमी को कौन दूर करेगा ? और कौन इस महापाप वाली कमी को दूर करने में सक्षम है ? हिंदुस्तान में हो रही घटनाओं से सारा हिंदू समाज पहले ही बहुत दुखी और आहत है, ऐसे में अब देवों के देव महादेव के पवित्र स्वरूप को उखाड़ कर विवशता की स्थिति में अगर लोग लेकर अदालत में पहुंचने लगे हैं तो यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि अब हिंदुओं का अस्तित्व भयंकर खतरे में है।