67 वर्ष के बजुर्ग शौहर और 19 वर्ष की बीवी ने जब हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग की तो हैरान कोर्ट ने दे दिया ये आदेश —–


पंजाब ऐंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक ऐसा मामला पहुंचा है जिससे जज साहब भी चौक गए और जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

पंजाब ऐंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सुरक्षा की याचिका लेकर पहुँचे एक जोड़े की मांग पर ध्यान देने की बजाए निकाह के जाँच के ही आदेश दिए हैं, और इसकी वजह है बीवी की आयु 19 साल होना और शौहर की आयु 67 साल की होना है। आयु के इसी बड़े अंतर से हैरान अदालत ने पलवल के SP को निकाह की परिस्थितियों की जाँच करने का निर्देश जारी किया है।

अपनी याचिका में रिश्तेदारों से अपनी जान को खतरा बताते हुए इस जोड़े ने हाईकोर्ट में सुरक्षा देने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट दोनों के बीच आयु का अंतर देख कर अदालत को बहुत आश्चर्य हुआ जिस कारण अदालत ने स्थानीय पुलिस को इस मामले की जाँच करके सारी हकीकत का पता लगाने के लिए SIT गठित करने का आदेश दिया है।

इस याचिका पर कोर्ट ने कहा कि “यह एक चौंकाने वाला मामला है। याचिकाकर्ता में से एक 19 वर्ष की लड़की है और दूसरा 67 वर्ष का बजुर्ग पुरुष है और बताया गया है कि उन्होंने एक-दूसरे से शादी कर ली है। कोर्ट ने जाँच का आदेश देते हुए कहा कि इस मामले में जबरन विवाह की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।

जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकीलों की बातों से स्पष्ट नहीं हो पा रहा है की इस पुरुष की यह पहली शादी है या उसने इससे पहले भी शादियाँ की हैं ? या फिर किन हालातों में 19 साल की लड़की को 67 साल के बुजुर्ग व्यक्ति के साथ विवाह करना पड़ा है ? ?

इस सारे विषय पर गौर करने के बाद माननीय हाई कोर्ट ने पलवल के पुलिस अधीक्षक को एस आई टी गठित करके इस मामले की जाँच करने को कहा है। कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार इस टीम में किसी महिला अधिकारी का भी होना आवश्यक होगा। पलवल पुलिस अधीक्षक के द्वारा गठित टीम 67 साल के व्यक्ति की न केवल वर्तमान, बल्कि पिछले जीवन और शादियों के बारे में जाँच करेंगे।

माननीय हाईकोर्ट ने पुलिस को लड़की को सुरक्षा उप्लब्ध करवाने के साथ ही एक सप्ताह के अंदर अंदर जाँच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। तथा साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त 2021 को होना निर्धारित कर दिया है।


3 responses to “67 वर्ष के बजुर्ग शौहर और 19 वर्ष की बीवी ने जब हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग की तो हैरान कोर्ट ने दे दिया ये आदेश —–”

  1. जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं का मार्ग प्रशस्त करना

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