“The minor Rupesh, who was carrying the idol of Maa Saraswati, was killed while carrying the sandalwood tricolor.”
चौंकिए मत ये पाकिस्तान नहीं हिंदुस्थान है।
सनातन🚩समाचार🌎कभी सारी दुनियां का एक छत्र सम्राट हिंदू आज अपनी आखिरी भूमि हिंदुस्थान में भी खात्मे की ओर बड़ रहा है। 9 राज्यों में तो हिंदू अल्पसंख्यक हो ही चुके हैं। ये खात्मे का सिलसिला लगातार जारी है। झारखंड के हजारीबाग जिले में बंद पड़ी इंटरनेट सुविधा 37 घंटों के बाद फिर से चालू कर दी गई है। बेशक इंटरनेट बंद करने से बहुत सारे नुकसान भी हुए हैं। कोरोना कॉल की व्यवस्था के कारण बच्चे अपनी ऑनलाइन क्लासेस ज्वाइन नहीं कर पाए। बहुत सारे कॉलेज विश्वविद्यालय इत्यादि बंद रहे। नेट बैंकिंग पर करोड़ों का कारोबार भी ठप रहा साथ ही और भी बहुत सारे काम रुके रहे। क्योंकि वर्तमान में अधिक से अधिक काम इंटरनेट के द्वारा ही हो रहे हैं।
बहरहाल इंटरनेट को बंद कर देने का कारण यह था कि गत 6 फरवरी को दुलमाहा में पढ़ते नई टांड के रहने वाले एक नाबालिग लड़के को पीट-पीटकर मार दिया गया था जिससे सारे इलाके में आक्रोश फैल गया था। इसी आक्रोश को बढ़ने से रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन ने इंटरनेट की सेवा बंद कर दी थी।
मिली जानकारी के अनुसार गत 6 फरवरी को जब हिंदू समुदाय के लोग अपनी धार्मिक आस्था के अनुसार मां सरस्वती जी की मूर्ति को विसर्जन करने जा रहे थे तभी उन पर हमला कर दिया गया था। हजारीबाग के बरही थाना में नई टांडा गांव में लखना दूलमाहा इमामबाड़ा के पास से जब यह लोग निकल रहे थे तो वहां पर मुस्लिम समाज के लोगों ने इनको वहां से आगे जाने को रोक दिया। जिस पर दोनों पक्षों में तीखी बहस बाजी हो गई और फिर बहस बाजी के बाद गुस्साए हुए मुस्लिम समाज के लोगों ने मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन करने के लिए जा रहे लोगों के ऊपर हमला कर दिया। इसी हमले में 17 वर्ष के रूपेश कुमार पांडे को उन लोगों ने पीट-पीटकर मार दिया। मुस्लिम समाज के लोग तब तक रुपेश को पीटते रहे जब तक वह बेसुध नहीं हो गया।
फिर उसी हालत में उसे जब अस्पताल लेकर जाया गया तब वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूत्रों के अनुसार इस नाबालिग लड़के की मौत के बाद इलाके में रोष फैल गया है तथा कुछ दुकानों को आग भी लगा दी गई। इस सब को रोकने के लिए पुलिस ने काफी प्रयास किया परंतु असफल रही इसके बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग कर दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस हत्या के मामले में सात लोगों को नामजद किया गया है तथा 100 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया है यह भी पता चला है कि इस हुए हत्याकांड में शामिल 3 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है।
बाहर हाल यह एक बहुत चिंता का विषय है की आखिर क्यों हिंदुओं के धार्मिक आयोजनों पर हमले किए जाते हैं ? और हमले भी इतने भयानक की हत्याएं तक कर दी जाती हैं। याद दिला दें की ऐसे ही भीषण घटना तब घटी थी जब कासगंज में चंदन गुप्ता नाम का युवक तिरंगा रैली में शामिल होकर अपनी शान तिरंगे को उठाए चल रहा था तब उसे गोली मार दी गई थी।
इन दोनों घटनाओं में कोई खास अंतर नहीं है, और यह दोनों घटनाएं कोई नई भी नहीं है क्योंकि हिंदुस्तान में ऐसी घटनाओं का होना अब कोई नई बात नहीं रह गई है।