पवित्र सर्वहितकारी तुलसी का पौधा या प्लास्टिक का पेड़❓मर्जी आपकी।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि हिंदुस्तान में बहुत बड़े स्तर पर धर्म परिवर्तन चल रहा है। हर रोज असंख्य अनपढ़ और गरीब लोग धर्म परिवर्तन करके ईसाई बन रहे हैं। हालांकि इस हो रहे धर्म परिवर्तन पर अक्सर कहीं ना कहीं बवाल भी होता रहता है। आरोप लगाया जाता है कि गरीबों को लालच देकर यह धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है। कोई कहता है एक बोरी चावल के बदले धर्म परिवर्तन हो जाता है। कोई कहता है कि नौकरी के बदले धर्म परिवर्तन हो जाता है, तो कोई कहता है कि विदेशी भेजने के नाम पर धर्म परिवर्तन हो जाता है।
सवाल उठते हैं
बता दें कि ऐसी बहुत सारी वीडियो भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध है जिनमें दिखाया जाता है कि मरे हुए लोग भी ईसाई मत के अनुसार प्रेयर करने से जिंदा हो जाते हैं। हो सकता है जिंदा होते भी हो परंतु इस पर भी सवाल उठते हैं कि अगर प्रेयर से मरने वाले लोग जिंदा हो जाते हैं तो कोरोना काल में जब सारी दुनिया मर रही थी तब प्रेयर से लोग जिंदा क्यों नहीं किये गए ? ऐसे बहुत सारे वाद-विवाद चलते रहते हैं।
सनातन🚩समाचार🌎 ऐसी किसी भी बात के ना पक्ष में है ना विरोध में है। आज का यह ब्लॉग लिखने का कारण है सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही एक वीडियो। इस वीडियो के दृश्य कुछ इस प्रकार के हैं कि एक स्कूल की किसी क्लास में बच्चे हंस खेल रहे हैं थोड़ा बहुत झगड़ा भी कर रहे हैं। इस बीच में वहां पर अध्यापिका जी आ जाते हैं और बच्चों को डांटते हैं। इसके बाद शुरू होता है अध्यापिका और विद्यार्थी का संवाद। जिसका विषय बनता है 25 दिसंबर। इस बारे में पूछे जाने पर विद्यार्थी बताते हैं कि यह क्रिसमस का दिन है। कोई कहता है इस दिन गिफ्ट मिलते हैं तो कोई कहता है कि मुझे घड़ी मिली है तो कोई कहता है कि इस दिन सेंटा गिफ्ट देने आता है।
यह सारी चर्चा चलते चलते बात इस तरफ मुड़ जाती है कि वास्तव में इस दिन किसी ट्री का महत्व है या तुलसी का ? विद्यार्थी इस बारे में चर्चा करते हैं और इसी चर्चा में एक विद्यार्थी बताता है कि तुलसी के पांच सात पत्ते सुबह खाली पेट खा कर थोड़ा पानी पी लेने से याद शक्ति बहुत बढ़ जाती है। यह भी एक प्रमाणित तथ्य है कि तुलसी का पौधा अपने आप में बहुत ज्यादा गुणकारी है। इसमें औषधीय तत्व हैं। तुलसी के पौधे से स्पर्श पाकर निकलने वाली हवा पूरी तरह कीटाणु मुक्त हो जाती है। और यह पौधा कई तरह से औषधियों के रूप में भी काम आता है। सभी जानते हैं कि तुलसी को सनातन धर्म में बहुत पवित्र भी माना गया है।
ठाकुर जी को तुलसी के बिना अर्पण किया हुआ भोग स्वीकार ही नहीं होता है ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। बतादें की विश्व प्रसिद्ध सन्त श्री आसारामजी बापू ने इस बारे में नई पहल करते हुए 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस के रूप में हिंदुओं को एक नया त्योहार दिया है, जो अब लगभग सारे देश मे मनाया जाता है। बहरहाल यह बहुत दिलचस्प चर्चा है और बहुत ही दिलचस्प वीडियो है इसे आप भी देखें और अपनी बुद्धि के अनुसार स्वयं निर्णय करें कि क्या उचित है और क्या अनुचित।।
25 December The mischief of the children in the classroom again after the talk of the teacher and the children