“ASI will investigate the carbon dating of Gyanvapi Shivling by order of the High Court, and gave this instruction.”
हिंदू अपना पवित्र शिवलिंग कहते हैं और मुस्लिम बता रहे फव्वारा।
सनातन 🚩समाचार🌎 हिंदू बहुत आस लगाए बैठे हैं कि कब उन्हें ज्ञानवापी ढांचे में स्थित भोलेनाथ जी की पूजा अर्चना करने का सौभाग्य मिलेगा। किंतु कानूनी दांवपेच के चलते लगता है हिंदुओं की यह इच्छा पूर्ण होने में अभी दे रहे है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी क्षेत्र के ज्ञानवापी ढांचे में स्थित शिवलिंग कितना पुराना है ? लगता है अब इसका पता चल जाएगा, क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ए एस आई को आदेश दिया है कि इस शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच करवाई जाए और साथ ही निर्देश भी दिया है कि इस दौरान शिवलिंग को किसी भी प्रकार की कोई हानि नहीं पहुंचनी चाहिए। बताने की आवश्यकता नहीं है कि मुस्लिम समाज इस शिवलिंग को फव्वारा बताता है और उनके द्वारा बताया जा रहा है कि इसे मुगलों ने बनवाया था।

यह मामला सुर्खियों में आने से पहले तक जिस स्थान पर यह शिवलिंग है वहां आसपास पानी भर के नमाज से पहले मुस्लिम समाज के लोग वहां हाथ पैर धोते रहे हैं और कुल्ला करते रहें हैं। किंतु अब यह मामला अदालत में है। बता दें कि इससे पहले वाराणसी की निचली अदालत ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा उस जगह पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के चलते कार्बन डेटिंग जांच करवाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद निचली अदालत के उस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
अब हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को पलट दिया है। हाईकोर्ट ने भारत सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह से पूछा था कि शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना कार्बन डेटिंग से जांच की जा सकती है या नहीं ? क्योंकि इससे शिवलिंग की आयु का पता चल जाएगा। इस पर ASI ने कहा कि बिना किसी नुकसान के शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच की जा सकती है। हिंदुओं के द्वारा शुरू से ही यह कहा जा रहा है कि ज्ञानवापी नाम के ढांचे के अंदर हमारा पवित्र शिवलिंग और मंदिर है। जिस पर कब्जा करके उसका काफी हिस्सा ध्वस्त करके उस पर गुंबद बना दी गई थी।
यह मामला पूरी तरह उस समय सामने आया जब 16 मई 2022 को एक सर्वे के दौरान वहां पर शिवलिंग मिला था। इसी शिवलिंग की ए एस आई से साइंटिफिक सर्वे करवाने की मांग वाराणसी की निचली अदालत में की गई थी जिसे 14 अक्टूबर 2022 को निरस्त कर दिया गया था। उसके बाद अब इस मामले में हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी किया है की इस शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करवाई जाए।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश आदेश के बाद सोशल मीडिया पर हिंदुओं द्वारा बहुत खुशी प्रकट की जा रही है और ऐसी आशा भी की जा रही है कि शीघ्र ही इस शिवलिंग की पूजा करने का अधिकार भी हिंदुओं को मिल जाएगा।