“Shri Rambhadracharya ji: I was beaten up, my hand was broken, the blood of Ram devotees will be avenged and with interest?“
दो बच्चों को घर से घसीट कर गोली मारी गई। भाजपा मेरी एजेंट हो सकती है।
सनातन 🚩समाचार🌎 यह जगजाहिर है कि किसी समय श्री अयोध्या जी में कारसेवकों पर भीषण अत्याचार किए गए थे। उन पर लाठीचार्ज किया गया गोलियां मार मार के हिंदुओं की लाशों के ढेर लगा दिए गए, और जेलों में ठूंस दिया गया था। 90 के दशक में घटी उन घटनाओं को तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी ने एक राम कथा के दौरान याद किया। यहां पर स्वामी जी ने कहा कि अब याचना नहीं अब रण होगा संग्राम महा भीषण होगा।
भारी जनसमूह से भरे हुए पंडाल में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जगद्गुरु जी ने कहा की 1990 की घटना हम भूले नहीं हैं, और ना कभी भूल पाएंगे। हमने किसी का अपमान नहीं किया, लेकिन हमारे धर्म ग्रंथों का अपमान हुआ, हिंदुत्व का भी अपमान हुआ। उन्होंने कहा कि निहत्थे राम भक्तों पर गोलियां चलाई गई थी। सरयू मैया खून से लाल हो गई थीं। कोठारी बंधुओं को घर से खींचकर गोली मारी गई थी, हमको नहीं चाहिए ऐसी समरसता। जगत गुरु जी ने यह सब बातें आगरा के कोठी मीना बाजार में कथा के पांचवें दिन कहीं हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि मेरे लिए कहा जा रहा है कि मैं भाजपा का एजेंट हूं। मैं भाजपा का एजेंट नहीं हूं बल्कि भाजपा मेरी एजेंट हो सकती है। उन्होंने हिंदुओं को आश्वासन देते हुए कहा कि जहां भी हिंदुत्व को चुनौती मिलेगी मै त्रीदंड लेकर वहां मौजूद रहूंगा, और प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दूंगा। आपने कहा कि राम भक्तों के खून का बदला लिया जाएगा। मैं कोई सौहार्द नहीं बिगाड़ रहा मैं खुलकर कह रहा हूं कि सबको यहां पर रहना है और जिसे भारत में रहना है उसे वंदेमातरम कहना है।
सब रघुवर की संतान होकर रहो, बाबर की संतान होकर नहीं। उन्होंने पूछा कि क्या हमने रहीम जी को चित्रकूट में स्थान नहीं दिया ,? क्या रसखान को वृंदावन में स्थान नहीं दिया ? इसलिए भारत में आक्रांता की संतान बनकर मत रहो। भारत के विकास में अपना योगदान दो हम स्वागत करेंगे।
जगदगुरू रामभद्राचार्य जी ने आगे कहा कि जब हम को कहा गया कि “मिले मुलायम कांशीराम हवा में उड़ गए जय श्रीराम” तब हमने कुछ नहीं कहा कहा और जब मैंने कल कह दिया कि मरे मुलायम कांशीराम प्रेम से बोलो जय श्री राम, तो मिर्ची क्यों लग रही है ? मैं नेताजी (मुलायम सिंह) और कांशीराम का आदर करता हूं, पर अब तो वह चले गए हमने उनका अपमान नहीं किया है।
जगत गुरु जी ने पुरानी घटना को याद करते हुए कहा कि उन लोगों को जरा भी दया नहीं आई मेरा शरीर भौतिक दृष्टि से असमर्थ था। मुझे जेल में बंद कर दिया, डंडे मारे, मेरे दाहिने हाथ की कलाई टूट गई। मुझे 8 दिन तक बंद रखा गया। उन्होंने यह भी कहा कि तब मैंने अयोध्या में प्रतिज्ञा की थी कि जब राम मंदिर बन जाएगा तब अयोध्या में कथा कहूंगा।
इसके साथ ही भद्राचार्य जी ने कहा कि हमको अब पाक अधिकृत कश्मीर चाहिए। हम आपको वचन देते हैं कि मेरे ही काल में राम जन्मभूमि मिली, कृष्ण जन्मभूमि मिलेगी, विश्वनाथ मिलेंगे और गंगा यमुना स्वच्छ होगी।