गाजियाबाद – डासना: शिवशक्तिधाम मंदिर की दीवार तोड़ कर घुसे जिहादियों के हमले से स्वामी नरेशा नन्द की हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती।
“यति नरसिंहानन्द सरस्वती” हिन्दू जगत का जाना वह नाम जो हमेशा चर्चाओं में रहता है और ये हमेशा इस्लामिक जिहादियों के निशाने पर रहते हैं।
डासना स्थित शिवशक्तिधाम के महंत यति नरसिंहानन्द सरस्वती पर मंदिर की दीवार तोड़कर मंगलवार को तड़के हत्या का प्रयास किया गया जो असफल रहा। मंदिर में यति नरसिंहानन्द सरस्वती के न मिलने से बौखलाये हमलावरों ने वहां बाहर से आये हुए अतिथि स्वामी नरेशानन्द का गला रेत दिया और उनके पेट पर धारदार हथियार से वार करके उनकी हत्या करने की कोशिश की। इससे उनकी हालत बहुत गंभीर बनी हुई है। उन्हें उपचार के लिए यशोदा अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
हमले के समय सो रहा था पुलिस का पहरा
मिली जानकारी के अनुसार कई महीनों से इस्लामिक जिहादियों द्वारा इन्हें मारने के असफल प्रयास किये जा रहे हैं। अब ये नया हमला हुआ है सोमवार (9 अगस्त 2020) की रात को। रात्रि लगभग साढ़े तीन बजे कुछ आतंकी हमलावर मंदिर की दीवार तोड़ कर भीतर घुस आये और उन्होंने पूरा मंदिर खंगाल डाला। जब उन्हें मंदिर में महंत यति नरसिंहानन्द सरस्वती नहीं मिले तो इन हमलावरों ने मंदिर में बिहार से आये अतिथि संत स्वामी नरेशानन्द पर जानलेवा हमला कर दिया। उनके गले और पेट पर धारदार हथियार से वार कर दिया। उस समय मंदिर में तैनात पुलिस के सुरक्षा कर्मी सोये हये थे। हमले की आहट पाते ही जैसे ही मंदिर के सेवादारों ने शोर मचाया तो हमलावर फरार हो गये। स्वामी नरेशानन्द के गले व पेट पर धारदार हथियार से वार के कारण उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। आनन फानन में उन्हें उपचार के लिए यशोदा अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
अप्रैल से हत्या के कई प्रयास हो चुके हैं।
अप्रैल माह में महंत यति नरसिंहानन्द सरस्वती द्वारा नई दिल्ली में की गयी प्रेस कांफ्रेंस के बाद से जिहादी लगातार उनकी हत्या का प्रयास कर रहे हैं। उनकी हत्या के लिए करोड़ों के इनाम घोषित किये जा रहे हैं। इसके बाद मंदिर में दो मुस्लिम अपना नाम बदल कर घुस कर सर्जिकल ब्लेड व साइनाइड लेकर यति नरसिंहा नन्द सरस्वती की हत्या के इरादे से घुसे थे। उससे पहले दिल्ली में कश्मीर के आतंकी को भी गिरफ्तार किया गया था, जिसे पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने यति नरसिंहानन्द की हत्या करने के लिए भेजा था। उसके बाद लगातार कई बार हमलावर हत्या करने के इरादे से मंदिर व उसके आसपास आये लेकिन हर बार मंदिर के सेवादारों ने उनके प्रयासों को नाकाम कर दिया।
मंदिर में यदि यति नरसिंहानन्द मिल गये होते तो….
मंदिर में यदि स्वामी नरेशानन्द की जगह हमलावरों को यति नरसिंहानन्द सरस्वती मिल गये होते तो क्या होता ? इस बात को लेकर पूरे हिन्दू समाज में चिंता और सनसनी है। इस बात को लेकर पूरे क्षेत्र में भी तनाव है। इस घटना के बाद लोगों ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं।
इस बारे में यति नृसिंघानन्द सरस्वती जी का कहना है कि मैं अपनी मौत के फतवों से मैं बिल्कुल भी भयभीत नहीं हूँ परन्तु कायरों द्वारा हमारे अतिथि साधु पे जानलेवा हमला किया जाना बहुत निंदनीय है।
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मुझे गर्व है आपके सनातन प्रेम पर
योगेश दीक्षित
सचिव
राम लला धर्मार्थ समिति
उत्तर प्रदेश
हर हर महादेव।
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इन जिहादियों को फांसी की सजा होनी चाहिए
सभी हिंदुओं को एकजुट होना होगा
हर हर महादेव