“Brain wash” Seduction of sex then disgust at the sound of the bell and cut off the crest, conspiracy to convert to Christianity in St. Aloysius School.”
हर रोज कहीं ना कहीं से ऐसी खबरें मिलती रहती हैं फिर भी हिंदू अपने बच्चों को ईसाई सकूलों में भेजते रहते हैं। पता नहीं क्यों ?
सनातन🚩समाचार 🌎 सनातन धर्म को मानने वाले एक परिवार में उस समय हड़कंप मच गया जब उन्होंने देखा कि उनके बेटे के सर से शिखा/चोटी गायब है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी महसूस किया कि उनका बेटा हिंदू देवी देवताओं का सम्मान नहीं कर रहा तथा घर में पूजा के समय बजाने वाली घंटी से भी वह चिढ़ रहा है।
यह मामला है उत्तर प्रदेश के कानपुर में पढ़ते सेंट एलॉयसिस हाई स्कूल का। इस मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाले एक नाबालिक बच्चों ने पहले तो अपनी शिखा/चोटी काटी तथा इसके साथ ही उसने पूजा पाठ में बजने वाली घंटियों का भी विरोध करना शुरू कर दिया। आरोप है कि सेंट एलॉयसिस हाई स्कूल में पढ़ाने वाली एक महिला अध्यापिका उसे चर्च में ले गई थी। इसके बाद उसने अपनी शिखा कटवा दी। दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले अपने बच्चे के इस तरह से हुए ब्रेनवाश का पता उसके परिजनों को तब लगा जब वह 4 महीना पहले अपने घर लौटा।
𝙏𝙚𝙖𝙘𝙝𝙚𝙧'𝙨 𝙨𝙚𝙭𝙩𝙞𝙣𝙜, 𝙛𝙤𝙧𝙘𝙚𝙙 𝙘𝙤𝙣𝙫𝙚𝙧𝙨𝙞𝙤𝙣 𝙤𝙛 𝙖 𝙏𝙚𝙣𝙩𝙝 𝙜𝙧𝙖𝙙𝙚 𝙨𝙩𝙪𝙙𝙚𝙣𝙩.
— Treeni (@TheTreeni) October 17, 2023
Here is a story that no one told you, and you must hear it today.
Kanpur: A 10th-grade student from St. Aloysius' High School suddenly became annoyed after hearing… pic.twitter.com/tnfIw8MMgQ
उन्होंने जब अपने नाबालिक बेटे की कटी हुई शिखा/चोटी को देखा और उसके व्यवहार में हिंदू धर्म के प्रति घृणा देखी तो उन्होंने अपने बच्चों से इस बारे में कई बार पूछा किंतु वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया। किंतु जब परिवार वालों ने उसे लगातार पूछता ताछ जारी रखी तो आखिर उसने बताया कि उसके स्कूल में पढ़ने वाली एक महिला अध्यापिका उसे लगातार ईसाई बनाने का प्रयास कर रही है। जिसके चलते वह उसे चर्च में भी ले गई जहां पर हिंदू धर्म के देवताओं के बारे में काफी गलत बातें बोली गई।
इस बारे में नाबालिक छात्र के पिता ने बताया है कि स्कूल की एक पी व्हाइट मैडम उनके बेटे से कहती है कि हिंदू लोग भीख मांगते हैं। उन्होंने आरोप लगाया की सेंट एलॉयसिस सकूल में तिलक लगाने की पाबंदी है तथा कलावा भी उतरवा दिया जाता है। छात्र के पिता के अनुसार उनके बेटे को ईसाई बनाने के षड्यंत्र के पीछे स्कूल का प्रिंसिपल वाल्टर डीसिल्वा है। नाबालिक छात्र के पिता के अनुसार जब उनके बेटे ने अपने स्कूल की अध्यापिका के बारे में हिंदू विरोधी बातें बताएं तो उन्होंने अपने बेटे के मोबाइल की भी जांच की तो पता चला की स्कूल की एक महिला अध्यापिका उसे ईसाई बनाने का प्रयास कर रही थी।
वह देर रात तक उसे कामुक अश्लील मैसेज भी भेजा करती थी, तथा साथ ही उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी कहती थी। अपने नाबालिक बेटे के साथ इस प्रकार की धर्म विरोधी हरकतें होती देखकर उसके परिजनों ने ABVP के कार्यकर्ताओं से संपर्क किया तथा उन्हें अपने बेटे के बारे में सारी बातें बता दी। इसके बाद इस मिशनरी स्कूल की चर्चा सारे शहर में फैल गई। बता दें की धर्मांतरण के इस गोरख धंधे के विरोध में एबीवीपी द्वारा इस घटना के विरोध में एक प्रदर्शन भी किया गया तथा इसके साथ ही पुलिस को इस सारे घटनाक्रम की लिखित शिकायत भी दे दी गई।
नाबालिक छात्र के परिजनों के अनुसार यह उनके बच्चे के खिलाफ प्यार के बहाने धर्मांतरण करवा देने की साजिश है। इस साजिश में महिला अध्यापिका का पति और उसका भाई भी शामिल है। पीड़ित पक्ष ने अपने बच्चों के साथ हुई इस घटना के बारे में 11 अक्टूबर 2023 को पुलिस में शिकायत दी थी किंतु जब पुलिस के द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई तब ABVP के कार्यकर्ताओं और पीड़ित छात्र के परिजनों के द्वारा 16 अक्टूबर 2023 को इस बारे में विरोध प्रदर्शन भी किया गया था।
ABVP ने आरोप लगाया है कि प्रशासन इस मामले को दबाना चाहता है जिसके चलते आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में देरी की जा रही है। उधर इस घटनाक्रम के चर्चे जब सारे शहर में फैल गए तब स्कूल प्रशासन ने आरोपी महिला अध्यापिका को सस्पेंड कर दिया। एबीवीपी के प्रांत संगठन मंत्री अंशुल विद्यार्थी ने आरोप लगाया है की नाबालिग छात्र को धोखाधड़ी से ईसाई बनाए जाने के पीछे स्कूल के प्रिंसिपल का पूरा-पूरा हाथ है। इसके साथ ही एबीवीपी के पदाधिकारी विक्रांत अग्निहोत्री ने आरोप लगाया है कि स्कूल के अंदर छात्रों को जो सिलेबस की किताबें पढ़ने को दी जाती हैं उसमें आजादी दिलवाने वाले महापुरुषों के चैप्टर पर क्रॉस लगा दिया गया है।
इस बारे में पुलिस का कहना है की शिकायत मिलने के बाद सारे मामले की बारीकी से छानबीन की जा रही है, किंतु अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। हो रही जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके अनुसार आगे की बनती कार्रवाई की जाएगी।
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