“The campaign of “Bageshwar Dham” “Pandit Dhirendra Shastri” ji continues, 95 people were returned home again.”
एक बार संत श्री आसारामजी बापू ने बहुत तेजी से ये अभियान चलाया था अब ये पंडित जी उस अभियान को आगे बड़ा रहे हैं।
सनातन 🚩समाचार🌎 पिछले कुछ समय से योगेश्वर धाम के पंडित धर्मेंद्र शास्त्री जी के द्वारा एक तरफ जहां हिंदुओं में नई चेतना का संचार किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर असंख्य लोगों की घर वापसी भी करवाई जा रही हैं। जिसके चलते शास्त्री जी हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं।
अपने अभियान के बारे में पंडित जी कहते हैं कि जब तक शरीर में सांस रहेगी तब तक हिंदू को बिखरने नहीं दूंगा।
विवरण ………
मध्य प्रदेश के सागर जिले में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के द्वारा की जा रही श्रीमद्भागवत गीता जी का कथा समारोह गत रविवार को संपन्न हुआ। इस अवसर पर वहां पहुंचे हुए 50 परिवारों के 95 लोगों ने घर वापसी करते हुए अपना मूल धर्म सनातन धर्म अपना लिया है। बता दें की इन लोगों ने कभी किसी प्रलोभन में पढ़कर ईसाई मत स्वीकार कर लिया था, अब यह लोग फिर से सनातन धर्म में लौट आए हैं।
इस अवसर पर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री जी ने कहा कि भले ही बारिश हो रही है, जमीन जरूर गीली है लेकिन जमीर गिला नहीं होना चाहिए। जिस यज्ञ में बारिश हो जाती है वह यज्ञ सफल हो जाता है। उन्होंने कहा कि मैं पहले ही कह रहा था कि सागर में कुछ बड़ा होने वाला है और आज कुछ परिवार सनातन धर्म में वापसी कर रहे हैं। इनमें 50 से अधिक परिवारों के वो 95 लोग शामिल हैं जो भ्रमित होकर अन्य पंथ में चले गए थे। इस अवसर पर पंडित जी ने घर वापसी करने वाले लोगों से बात भी की। उन्होंने कहा अब बताइए कहते हैं कि हम नफरत फैला रहे हैं और वह हमारे भोले भाले साथियों को बहला रहें हैं।
घर वापसी करने वाले लोगों से बात करते हुए पंडित जी ने उनसे पूछा कि आगे कोई बड़ा प्रलोभन मिलेगा तो क्या फिर से चले जाओगे जवाब में सभी लोगों ने एकमत होते हुए कहा कि हम आप की प्रेरणा से सनातन धर्म में आए हैं अब हम कभी भी वापस नहीं जाएंगे। तब धीरेंद्र शास्त्री जी ने कहा जब तक शरीर में सांस रहेगी तब तक हिंदू को बिखरने नहीं दूंगा। इस सारे कार्यक्रम के दौरान लोग उत्साहित होकर जय श्रीराम के उद्घोष करते रहे।
बता दें की कथा के इस आखिरी दिन बारिश भी बहुत अधिक हुई, किंतु बारिश के बावजूद लोग रात से ही बागेश्वर धाम सरकार के दर्शन करने के लिए वहां पर डटे रहे। हजारों की संख्या में उपस्थित बारिश में भीगते हुए श्रद्धालुओं को देखकर वह बार-बार बाहर आकर लोगों का अभिवादन करते रहें और साथ ही बारिश में भीगते हुए लोगों के लिए व्यवस्थाएं करने के लिए सेवादारों को निर्देश भी देते रहे।
बारिश के बीच चल रही कथा में उन्होंने कहा की उन्हें सागर जैसे श्रोता कहीं नहीं मिले। आप की श्रद्धा अपार है इसलिए मैं 3 दिन से सोया नहीं। मौसम कैसा भी हो कोई भी तूफान आ जाए कथा से हमें कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने इस अवसर पर भावुक होते हुए हैं यह भी कहा की सागर के पागलों आप सभी धन्य हो आज यहां मेरी कथा का अंतिम दिन है यहां जैसे व्यक्ति मैंने कहीं नहीं देखे। मुझे आप सब की आदत हो गई है मैं जल्दी फिर आऊंगा और आप सभी को श्री रामकथा सुनाऊंगा।
बताने की आवश्यकता नहीं है कि किसी समय 86 वर्षीय वृद्ध संत श्री आसाराम जी बापू भी इससे बहुत ज्यादा संख्या में घर वापसीयां करवा रहे थे जो विधर्मीयों को रास नहीं आईं, और आज वो उस जगह पर हैं जो उनका स्थान है ही नहीं। किंतु सनातन 🚩समाचार🌎 का यह मानना है कि उस समय तो हिंदुओं ने संत श्री आसाराम जी बापू का साथ नहीं दिया किंतु अब हिंदू अतीत से सबक लेते हुए बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी के साथ अवश्य ही खड़े रहेंगे।