मुस्लिम महिलाओं ने तो नाबालिग हिंदू लड़कियों को हिजाब/बुरखा पहना कर अपना काम किया परन्तु धिक्कार उन लड़कियों के माता पिता को जिन्होंने अपनी बच्चीयों को सावधान नहीं किया।

महाराष्ट्र के नागपुर में गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन जमात-ए-इस्लामी हिंद की महिला विंग से जुड़ी कुछ मुस्लिम महिलाओं को शनिवार (4 ​सितंबर) को 15-25 साल की हिंदू लड़कियों को इस्लामिक पर्चे बांटे और पहना दिया हिजाब।

कुरान और सुन्नत का ज्ञान फैलाने’ के लिए भी कहा गया है

पैम्फलेट में 15-25 साल की हिंदू लड़कियों से ‘कुरान और सुन्नत का ज्ञान फैलाने’ के लिए भी कहा गया है। यह घटना कथित तौर पर नागपुर में CM आवास के पास वॉकर स्ट्रीट पर हुई। कुछ स्थानीय लोगों ने नाबालिग लड़कियों को इस तरह से हिजाब पहनाने पर आपत्ति जताई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। बताया जा रहा है कि नागपुर में 20 अलग-अलग जगहों पर इस तरह की घटनाएँ हुई हैं।

वीडियो में देखा जा सकता हैं कि जब लोगों ने मुस्लिम महिलाओं को इस तरह से हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाने से रोका, तो वे उन पर भड़क गईं। इस्लाम मजहब में महिलाओं को आमतौर पर हिजाब पहनना पड़ता है। लेकिन हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाने के लिए इकट्ठा हुईं ये मुस्लिम महिलाएँ स्थानीय लोगों पर चिल्लाने लगीं और उनसे बहस करने लगीं, क्योंकि उन्होंने उन्हें ऐसा करने से रोका। उस दौरान तीन हिंदू लड़कियों में से एक नाबालिग लड़की ने भी कहा कि उसने अपनी मर्जी से हिजाब पहना है।

हिजाब पहनने को कहने लगी

दिलचस्प बात यह है कि हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए 4 सितंबर को पैम्फलेट बाँटे गए, जिसमें ‘हिजाब दिवस’ लिखा गया था। जबकि तथाकथित विश्व हिजाब दिवस हर साल 1 फरवरी को पड़ता है। इसके बाद स्थानीय लोग शिकायत दर्ज कराने थाने पहुँचे। स्थानीय निवासियों में से एक ने कहा कि वे सीएम आवास के पास टहलने गए थे, जहाँ उन्होंने देखा कि हिजाब पहने हुए 15-20 मुस्लिम महिलाओं ने 3-4 हिंदू लड़कियों को रोका और उनसे हिजाब पहनने को कहने लगी। उन्होंने कहा कि जब हमने उन्हें ऐसा करने से रोका तो वे कहने लगीं कि 4 सितंबर ‘विश्व हिजाब दिवस’ था और इस दिन कोई भी हिजाब पहन सकता है।

लेकिन वो झूठ बोल रही थीं

हालाँकि, हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि ‘विश्व हिजाब दिवस’ हर साल 1 फरवरी को पड़ता है। उन्होंने कहा, ”कुछ महिलाओं ने यहाँ तक दावा किया कि वे हिंदू हैं और अपनी मर्जी से हिजाब पहन रही हैं, लेकिन वो झूठ बोल रही थीं। जब मुस्लिम महिलाएँ वहाँ से चली गईं, तो हमने हिंदू लड़कियों को हिजाब उतारने को कहा।” शिकायत करने वाले लोगों ने आगे बताया कि ये (मुस्लिम) महिलाएँ फिर सीएम बंगले की ओर थोड़ा आगे बढ़ीं, जहाँ उनके पति या भाई स्कूटर पर उनका इंतजार कर रहे थे। वे तुरंत स्कूटर पर बैठकर वहाँ से चली गईं।

स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने इस बारे में पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद वह मौके पर पहुँची। मुस्लिम महिलाओं द्वारा बाँटे गए पर्चे पुलिस को सौंप दिए हैं। विहिप (विश्व हिंदू परिषद) के एक नेता ने कहा कि वे इस तरह की घटनाओं की निंदा करते हैं और यह शर्म की बात है कि नागपुर में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जो अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के दौरान देखने को मिल रही है। फिलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है।

बता दें कि गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन जमात-ए-इस्लामी हिंद की महिला विंग है, जो एक इस्लामिक संगठन है। इसका गठन 1948 में जामिया नगर दिल्ली में हुआ था। यह जमात-ए-इस्लामी के एक ऑफ-शूट के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे 1947 में भारत के विभाजन के बाद अलग-अलग संगठनों में विभाजित किया गया था। जमात-ए-इस्लामी हिंद को भारत सरकार द्वारा दो बार प्रतिबंधित भी किया जा चुका है।

यहां बड़ा सवाल ये भी है कि अफगानिस्तान में तालिबान आने के बाद हिन्दुस्थान में भी शरिया लागू करने की ये योजना है क्या ? या फिर आने वाले समय मे लव जिहाद में और तेजी लाने का षड्यंत्र है ???

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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