आजकल सभी हिन्दू मांग कर रहे हैं कि हिन्दुस्थान को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाए परन्तु इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है की हिन्दुस्थान बहुत तेजी से इसायिस्तान बन रहा है।

देश भर में हर रोज प्रत्येक राज्य से धर्मांतरण के नए नए मामले सामने आ रहे हैं, जिनकी ओर कोई भी राष्ट्रवादी संगठन, हिन्दू संगठन, कोई कथावाचक या कोई भी धर्मगुरु ध्यान नहीं दे रहा है। अब चर्चा करते हैं झारखंड के हजारीबाग जिले के दारू प्रखंड क्षेत्र की। यहाँ कोरोना महामारी का लाभ उठाते हुए ईसाई मिशनरियों द्वारा बड़े पैमाने पर हिंदूओं का धर्मांतरण किया गया। जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में यहाँ 200 से अधिक लोगों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर हिंदू धर्म से ईसाई में कन्वर्ट कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि यहां ज्यादातर घरों के सभी सदस्यों का धर्मांतरण हो चुका है। वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो विषम परिस्थितियों के बावजूद भी ईसाई बनने को तैयार नहीं हैं।

यहां रहने वाली दारू प्रखंड की दिग्वार पंचायत की 75 वर्षीय मंझली मरांडी भी उन्हीं महान लोगों में शामिल हैं, जो किसी भी तरह के प्रलोभन को स्वीकार नहीं कर रही हैं। मंझली अपने परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य हैं। वह खुद को बजरंग बली का भक्त बताती हैं।

धर्मपरिवर्तन को हिंदुओं का दुर्भाग्य मानने वाली मंझली मरांडी का कहना है कि उन्हें छोड़कर उनके परिवार के अन्य सभी 9 लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है। वह अपने घर में ईसाई बन चुके लोगों के साथ ही रहती हैं, और हनुमान जी व अपने अन्य हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करती हैं, जबकि परिवार के अन्य लोग ईसाई मत के अनुसार प्रार्थना करते हैं। अकेली होने के बावजूद वह परिवार के सभी सदस्यों से वापस हिंदू धर्म अपनाने का अनुरोध करती हैं, लेकिन सब उनकी बात को अनसुना कर देते हैं।

मंझली जी कहती हैं, ”मैं जन्म से हिंदू हूँ और मरते दम तक हिंदू ही रहूँगी” बजरंग बली हमारे देवता हैं। मैं जीवन भर हिंदू ही बनी रहूंगी। कोई भी प्रलोभन मुझे मेरे धर्म से नहीं डिगा सकता। किसी को भी लोभ में पड़कर अपना धर्म नहीं बदलना चाहिए। मंझली मरांडी के दोनों बेटे बादल मरांडी और मोहन मरांडी 18 महीने पहले ही ईसाई बने हैं। बादल की पत्नी, चार बच्चे और मोहन व उसके दो बच्चे भी ईसाई बन चुके हैं।

बतादें कि दारू प्रखंड क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों के द्वारा पिपचो में स्थित मिशन विद्यालय की आड़ में वर्षों से बड़े पैमाने पर हिंदुओं के धर्म परिवर्तन का कार्य किया जा रहा है। इस प्रखंड के दिग्वार पंचायत के चानो खुर्द, अककुम्बा, बंधु टोला, पिपरा टोला, झरना आदि स्थानों में अब तक दर्जनों परिवार के सैकड़ों लोगों (करीब 200 लोग) को ईसाई मत में कन्वर्ट किया जा चुका है। दारू थाना से मात्र 100 मीटर की दूरी पर ही मिशन स्कूल भी मौजूद है।


यहां बड़ा सवाल ये उठता है कि हिंदुओं का ब्राह्मण समाज, कथावाचक, धर्मगुरु और कथित हिन्दू संगठन कब नींद से जागेंगे ? कब अपना कर्तव्य पालन करेंगे ??

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

2 thoughts on “दण्डवत प्रणाम: ‘हिंदू जन्मी हूँ हिंदू ही मरूँगी धर्म नहीं बदलूंगी,75 वर्ष की इस आदिवासी महिला का सारा परिवार ईसाई बन चुका है।”

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