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सुप्रीम कोर्ट : (2 अगस्त 2021) – केरल के पूर्व कैथोलिक पादरी रॉबिन वडक्कमचेरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। इस याचिका में पूर्व कैथोलिक पादरी ने उस लड़की से शादी करने के लिए अंतरिम जमानत की माँग की थी, जिसके साथ उसने बलात्कार करके उसे गर्भवती कर दिया था।

विवरण ………

इस पिशाच पादरी को 27 फरवरी, 2017 को कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास से उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह देश से बाहर भागने की तैयारी कर रहा था। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के बाद इस पादरी को 17 फरवरी, 2019 को थालास्सेरी की एक अदालत ने 20 साल कैद की सजा सुनाई थी। सुनवाई के दौरान नाबालिग पीड़िता और उसकी माँ अपने बयान से मुकर गई थीं। इसके बावजूद, अदालत ने पर्याप्त प्रमाणों के आधार पर अपना निर्णय सुनाया था।

इस घिनौने पाप के आरोपी पादरी रॉबिन को फरवरी 2019 में एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की से बलात्कार करने और उसे गर्भवती करने का दोषी करार दिया था तथा उसे 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। अदालत द्वारा उसे सजा दिए जाने के बाद वेटिकन द्वारा आरोपी पादरी को उसके पद से हटा दिया गया था।

शर्मिंदगी से बचने के लिए और अपने बच्चे के लिए

मिली जानकारी के अनुसार माननीय अदालत ने केरल के कोट्टियूर बलात्कार मामले की पीड़िता द्वारा दाखिल की गई उस याचिका पर भी विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें उसने अपने बलात्कारी रॉबिन वडक्कमचेरी से शादी करने की इच्छा व्यक्त की थी। पता चला है कि पीड़िता ने पादरी की याचिका का समर्थन करते हुए ये कहा था कि वह सामाजिक शर्मिंदगी से बचने के लिए और अपने बच्चे को वैधता देने के लिए दोषी से शादी करना चाहती है।

अपने निर्णय में SC कोर्ट ने कहा कि बलात्कार पीड़िता से शादी करने के लिए रॉबिन की सजा को कम करने से इनकार करने वाले हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का कोई भी कारण नहीं है। इस बारे में जस्टिसजस्टिस दिनेश माहेश्वरी और विनीत सरन की पीठ ने अभियोजक से हाईकोर्ट के समक्ष ही अपनी बात को रखने को कहा है।

बता दें कि 45 वर्षीय बलात्कार के आरोपि रॉबिन ने पीड़िता से शादी करने की माँग वाली एक याचिका के साथ केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन हाईकोर्ट ने रॉबिन की इस याचिका को ठुकरा दिया था।

इस प्रकरण के बारे में वरिष्ठ अधिवक्ता किरण सूरी ने बताया कि पीड़िता अपने बच्चे की वैधता के लिए आरोपि से शादी करना चाहती है। याचिका में पीड़िता ने कहा था कि उसका बच्चा स्कूल जाने की आयु का हो गया है, ऐसे में उसे बच्चे के स्कूल में दाखिले के लिए पिता के नाम का उल्लेख करना आवश्यक है।

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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