भगवान श्री कृष्ण जी की काल्पनिक कथाएं मिर्च मसाले लगा कर चटखारे ले ले कर भक्तों को सुनाने वाले कथावाचक ही इसके जिम्मेवार हैं।
टीवी पर प्रसारित हो रहा “राधा कृष्ण” सीरियल बहुत घटिया सोच वालों ने सिर्फ अपनी जेबें भरने के लिए बनाया है इसका विरोध करके इसे बंद करवाना चाहिए। इस सीरियल में गलत स्टोरी दिखाई जा रही है, लेकिन हैरानी की बात है उसका विरोध कोई भी हिन्दू नहीं कर रहा है।
इस TV सीरियल में भगवान श्री कृष्ण का चरित्र एक मनचला, फ्लर्ट करने वाला युवक का दिखया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से आपत्तिजनक है। बड़े बड़े भाषण देने वाले, वेद पुराणों के परम ज्ञाता साधु संत क्यों चुप्पी साधे हुए हैं।
देवी-देवताओं को बदनाम
इस सीरियल में मनगढ़ंत कहानी बनाकर लोगों को दिखाई जा रही है जिसका उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन करके पैसे कमाना है। इस सीरियल के अब तक 700 से ज्यादा एपिसोड हो चुके हैं हर एपिसोड मिर्च मसाला लगाकर बनाया जा रहा है। सीरियल शुरू होने से पहले एक Disclaimer भी आता है जिसमें लिखा होता है यह सिर्फ मनोरंजन के लिए है। अगर मनोरंजन कार्यक्रम ही दिखाना है तो किसी भी आम लड़का लड़की की कहानी क्यों नहीं दिखाते हमारे देवी-देवताओं को क्यों बदनाम कर रहे हो ?
इसमें श्रीकृष्ण की आयु 16 वर्ष बताई गई है, जो कि सही नहीं है। जबकि सत्य तो यह है कि भगवान श्रीकृष्ण मात्र 13 वर्ष की आयु में गोकुल छोड़कर मथुरा चले गए थे। लेकिन इस सीरियल में उनका रोल एक 24 साल का युवक कर रहा है।
केवल श्रृंगार रस को बढ़ा चढ़ा कर पेश करते हैं
वास्तविकता तो यह है कि 13 वर्ष की आयु के बाद भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमेशा हमेशा के लिए बदल गया था। पलायन, संघर्ष, युद्ध और विनाश में ही उनका सारा जीवन बीत गया। TV सीरियल वाले सिर्फ श्रृंगार रस को बढ़ा चढ़ा कर पेश करते हैं, ताकि उनके द्वारा बनाया गया एपिसोड खूब कमाई करे।
श्रीकृष्ण ने ब्रजभूमि में श्रीराधा और गोपियों संग जितनी भी लीलायें की थीं, वह सब बाल्य अवस्था में ही किये थे।
उन्होंने 6 दिन की आयु में पूतना उद्धार, 5 वर्ष की आयु में अघासुर उद्धर और ब्रह्मा जी का मोह भंग लीला, 6 वर्ष 6 माह की आयु में चीर हरण लीला की, 7 वर्ष की आयु में महारास लीला और अपनी कनिष्का अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला, इस तरह माखन लीला, कालिया नाग दमन लीला, दवानल लीला आदि-आदि विभिन्न लीलायें बाल्यावस्था में ही किये थे।
भगवान श्रीकृष्ण की गोकुल, बरसाना, नंदगाव और वृन्दावन की अन्तिम लीला का पूर्ण विराम,13 वर्ष 54 दिन तक की आयु में ही सिमट कर रह गया था, क्योंकि 13 वर्ष 55 दिन की आयु में, वे मथुरा चले गए थे, जहाँ से दोबारा उनकी वापसी श्री राधा, गोप और गोपियों तथा नन्द यसोदा के पास नहीं हुई।
ये टेलीविजन वाले राधाकृष्ण के वास्तविक चरित्र की जगह, उनके ऐसे घटिया चरित्र को लोगों के सामने पेश करते हैं, जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नही है। यदि TV चैनल वाले राधाकृष्ण की वास्तविक लीला को दिखाएंगे जो कि सिर्फ बाल्यावस्था की लीला है, तो युवावर्ग आकर्षित कैसे होगा और इनकी आध्यात्मिक कमाई कैसे होगी।
सुदर्शन चक्र भी उठाया है
आप सभी सनातन धर्मी जागृत हो जाइये, आप लोग अपने धार्मिक ग्रंथो, पुराणों का अध्ययन कीजिये और भगवान श्रीकृष्ण के वास्तविक चरित्र को जानिये। उन्होंने सिर्फ बांसुरी ही नहीं बजाई बल्कि जब जब आवश्यकता पड़ी, धर्म की रक्षा के लिए उन बांसुरी वाले हाथों ने सुदर्शन चक्र भी उठाया है और असुरों का संहार किया है। लेकिन ये सब ये टीवी वाले नहीं दिखाएंगे क्योंकि वे नहीं चाहते लोगों को सच्चा इतिहास पता चले। अगर देखना ही है तो BR चोपड़ा की महाभारत देखो, अपने बच्चों को रामानंद सागर जी की रामायण व श्री कृष्णा धारावाहिक दिखाओ।
इस घटिया सोच वाले TV सीरियल को देखना बंद कीजिए और इसका डटकर के विरोध कीजिए ताकि सनातन धर्म को बदनाम करने वालों की दुकानें बंद की जा सकें।
सनातन🚩समाचार🌎 का ये मानना है कि भगवान श्री कृष्ण जी की काल्पनिक कथाएं मिर्च मसाले लगा कर चटखारे ले ले कर भक्तों को सुनाने वाले कथावाचक ही इसके जिम्मेवार हैं।