ये हिंदुओं का दुर्भाग्य ही है कि कुछ वर्षों से धर्म के नाम पर अधर्म किया जा रहा है।

कोई भी हिंदू उत्सव हो तो देवी देवताओं का स्वांग बनाकर भांडों को नचवाया जाता है। ऐसा करने से धर्म का प्रचार तो हो ही नहीं सकता बल्कि धर्म का अपमान अवश्य होता है।इसमें सबसे बड़ी दुखद बात यह है कि इन हो रहे कुकृत्यों पर सारा संत समाज, धर्मगुरु, हिंदू संगठन और सभी हिंदू नेता मौन धारण किए रहते हैं, कोई भी इन शर्मनाक हरकतों को रोकने का प्रयास तो क्या करना इनपर बोलता भी नहीं है।

अगर संत समाज और धर्म गुरुओं की बात करें इन पर तो विशेष दायित्व है धर्म का क्योंकि यह लोग धर्म के नाम पर ही अपनी आजीविका चलाते हैं फिर भी यह लोग इस हो रहे धर्म के अपमान को रोकने का प्रयास कभी नहीं करते।

बतादें की जब सनातन समाचार ने कई लोगों से इस बारे में बात की तो स्पष्ट हुआ कि इन ओछी चेष्टाओं से सारा हिन्दू समाज त्रस्त है परन्तु विरोध कोई नहीं करता।

https://youtu.be/tGGsGOgs8FY

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

2 thoughts on “अपनी माँ को नचवाने की हिम्मत नहीं परन्तु धर्म के नाम पे जगत जननी को नचवाते हैं कुछ हिन्दू😡”
  1. अपने इष्ट का नाट्य चित्रण निसंदेह निंदनीय है। राम लीला में भी यदि पात्र प्रभु की भूमिका निभाएं, तो प्रभु का वेश धारण करने के पश्चात मर्यादा का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।

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