The name of any place is not accepted in the name of Kala Pahad, it had demolished the famous Kamakhya temple.”

आसाम के मुख्य मंत्री हिमंता बिस्वा सर्मा कई स्थानों के नाम बदलेंगे।

सनातन🚩समाचार🌎 अब असम की संस्कृति को बढ़ावा देने के अभियान को और तेज करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सर्मा ने काला पहाड़ नाम को हटा देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा है की काला पहाड़ ने कामाख्या देवी जी के मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि किसी भी शहर का नाम कालापहाड़ रखा जाए। उन्होंने कहा कि लोगों के साथ विचार विमर्श करने के बाद इस नाम को हटाया जाना चाहिए ।उन्होंने बताया कि काला पहाड़ का नाम बंगाल सल्तनत काला पहाड़ के तानाशाह मुस्लिम जर्नल के नाम पर रखा गया था। यही व्यक्ति हिंदुओं के पवित्र और प्रसिद्ध शक्ति पीठ कामाख्या देवी मंदिर पर किए गए हमले का जिम्मेदार था।

बता दें कि पिछले साल के सितंबर महीने में असम सरकार की कैबिनेट ने राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम हटाकर ओरंग राष्ट्रीय उद्यान कर दिया था। मुख्यमंत्री सर्मा ने यह निर्णय चाय जनजाति समुदाय से बैठक करके उनके कहे जाने पर लिया था। उसके बाद मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सर्मा ने स्पष्ट किया था कि आसाम में राजनीतिक नेताओं के नाम पर राष्ट्रीय उद्यानों का नाम रखे जाने की कभी कोई परंपरा नहीं थी, परंतु कांग्रेस ने 2000 के दशक में ऐसा करके उस परंपरा को तोड़ दिया था।

आज 16 फरवरी 2022 को अपने एक ट्वीट में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि नाम से बहुत कुछ होता है। हर शहर और गांव का नाम उसकी संस्कृति परंपरा और सभ्यता को दर्शाने वाला होना चाहिए। हम पूरे असम में उन जगहों के नाम बदलने पर सुझाव आमंत्रित करने के लिए एक पोर्टल लॉन्च करेंगे जो हमारी सभ्यता संस्कृति के विपरीत हैं और जो किसी भी जाति समुदाय के लिए अपमानजनक हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत ने ट्वीट में कहा है कि असम सरकार उन स्थानों के नाम बदल देगी जो स्थान प्रदेश के संस्कृति और परंपरा से जुड़े हुए नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी कई जगह हैं जहां के स्थानीय लोग उस नाम को पसंद नहीं करते हैं कुछ जगह ऐसे भी स्थान हैं जिनका नाम द्वेष के कारण रखा गया है, अब इन्हें बदलना होगा।

जानें कौन था काला पहाड़ ???

कालापहाड़ या काला पहाड़ बंगाल सल्तनत का एक मुस्लिम जनरल था, जो कर्रानी राजवंश के शासन में था, जिसका उल्लेख मुगल साम्राज्य के रिकॉर्ड में किया गया है, जिसने कोणार्क मंदिर को तोड़ने के लिए अपनी सेना के साथ पुरी जगन्नाथ मंदिर पर हमला किया था। उसे मुस्लिम जनरल कहा जाता है जिसके आदेश से गुवाहाटी, असम में कामाख्या मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था।

लेकिन कुछ इतिहासकार इस बात पर बहस करते हैं कि यह कालापहाड़ और उनकी सेना नहीं थी बल्कि 1498-1506 ईस्वी के दौरान हुसैन शाह था। वो सूर्य मंदिर कोणार्क के आंशिक विनाश से भी कुख्यात है। अन्य ग्रंथों में कहा गया है कि 15 वीं और 17 वीं शताब्दी के बीच मुस्लिम सेनाओं द्वारा मंदिर को कई बार ध्वस्त किया गया था।

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

3 thoughts on “काला पहाड़ के नाम पर किसी जगह का नाम मंजूर नहीं, इसने ध्वस्त किया था प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर”
  1. Excellent goods from you, man. I have understand your stuff previous to and you are just extremely magnificent. I really like what you have acquired here, really like what you are saying and the way in which you say it. You make it enjoyable and you still care for to keep it sensible. I can’t wait to read much more from you. This is actually a great web site.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *