माँ गंगा के तट पर माँ बगलामुखी महायज्ञ के साथ आरम्भ हुआ तीन दिवसीय धर्म संसद


सनातन धर्म के धर्मगुरुओं का दायित्व है सम्पूर्ण मानवता की रक्षा करना- महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी


सनातन🚩समाचार🌎: श्री हरि की नगरी श्री हरिद्वार में आज भूपतवाला स्थित वेद निकेतन धाम में हिन्दू स्वाभिमान के तत्वाधान में तीन दिवसीय धर्म संसद का शुभारंभ हुआ।

धर्म संसद आरम्भ करने से पहले विजय और सदबुद्धि की देवी माँ बगलामुखी महायज्ञ किया गया और उनसे सनातन की विजय और धर्म संसद की सफलता की कामना की गई।सुबह शाम होने वाले इस यज्ञ की पूर्णाहुति धर्म संसद के समापन के बाद कि जाएगी।

दीप प्रज्वलित

धर्म संसद का शुभारंभ स्वामीनारायण सम्प्रदाय के वरिष्ठ संत स्वामी हरिवल्लभदास जी महाराज,महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी जी महाराज,महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद जी महाराज, स्वामी आनंद स्वरूप जी, महामंडलेश्वर डॉ अन्नपूर्णा भारती जी महाराज ने दीप प्रज्वलित करके किया।

दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत श्रीअखंड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पण्डित अधीर कौशिक जी ने फूल मालाओं और शाल उढ़ाकर संतो का सत्कार किया। धर्म संसद के शुभारंभ में धर्म संसद के उद्देश्यों को बताते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज घटते हुए हिन्दू जनसंख्या अनुपात ने तय कर दिया है कि आज जिस तरह से भारतवर्ष में तथा सम्पूर्ण विश्व मे जिस तरह हिन्दुओ की जनसंख्या का अनुपात घट रहा है,ये सम्पूर्ण विश्व के लिये चिंता का विषय होना चाहिए। हालात ये हैं कि 2029 में भारत का प्रधानमंत्री मुसलमान होगा।

प्रधानमंत्री मुसलमान

अगर ऐसा हुआ तो केवल अगले बीस वर्षों में 40 प्रतिशत हिन्दुओ का कत्ल हो जाएगा, 50 प्रतिशत हिन्दू धर्म परिवर्तन करके मुसलमान बन जायेंगे और बचे हुए 10 प्रतिशत हिन्दू या तो शरणार्थी शिविर में रहेंगे या विदेशों में रहेंगे जो कि धीरे धीरे समाप्त हो जाएंगे।भारत का प्रधानमंत्री मुसलमान होने का अर्थ अपनी अंतिम शरणस्थली में सनातन का सम्पूर्ण विनाश होगा। सनातन धर्म को समाप्त करने के बाद इस्लाम का जिहाद पूरी मानवता को समाप्त करने की शक्ति अर्जित कर लेगा।उसके बाद इस्लाम का ज़िहाद पूरी दुनिया के हर गैर मुस्लिम के घर तक अवश्य पहुँचेगा और सारी मानवता को समाप्त कर देगा।

इस समस्या पर विचार करके इसका समाधान खोजने के लिए ही यह धर्म संसद आयोजित की जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा की सनातन धर्म का अर्थ ही मानवता की रक्षा करना है, अतः यह सनातन के धर्म गुरुओं का दायित्व है कि वो मानवता की रक्षा के लिए इस्लाम के जिहाद से महायुद्ध का वैचारिक नेतृत्व करें। धर्म संसद के आरम्भ में स्वामी अमृतानंद जी ने कहा कि आज हिन्दू समाज अपने धर्म को ना जानने के कारण इस दुर्गति को प्राप्त हुआ है। अगर हिन्दू समाज को अपने अस्तित्व को बचाना है तो अपने धर्म को समझ कर संघर्ष करना पड़ेगा।

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अगर हिन्दू समाज अब भी संघर्ष नहीं करेगा तो कोई भी देवता या अवतार अब हिन्दू को बचा नहीं सकता। अब हिन्दू को अपने बच्चों के भविष्य को नेताओ के भरोसे पर न छोड़कर स्वयं प्रयास करना पड़ेगा।
धर्म संसद में देश के कोने कोने से आये संतो और सौ से ज्यादा संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

Shri Haridwar: 3-day Dharma Sansad begins, gathering of famous saints in large numbers

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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