“Said Jai Shri Ram, then St. Mary’s School gave this punishment….. then Vishwa Hindu Parishad asked for forgiveness.”
जो स्कूल भगवान श्री राम के विरोधी हैं उनमें हिंदू अपने बच्चे भेजते ही क्यों हैं ???
सनातन🚩समाचार🌎 यह उन अभिभावकों की नादानी है या मूर्खता समझ से परे है। परंतु यह एक सच्चाई है की भगवान श्री राम जी को मानने वाले लोग अपने बच्चों को उन स्कूलों में पढ़ने के लिए भेज रहे हैं जो स्कूल भगवान श्री राम जी के घोर विरोधी हैं। यह स्कूल अपने परिसर में किसी भी हिंदू देवी देवता का नाम भी बर्दाश्त नहीं करते हैं। यह स्कूल हिंदुओं के बच्चों के कलावे उतरवा देते हैं। इन्हें हिंदू बच्चों के तिलक पर भी समस्या होती है। परंतु यह स्कूल हिंदू बच्चों का माइंड वाश करके उन्हें इसाई बना देने के हर प्रकार के हथकंडे अपनाते रहते हैं।
ईसाई स्कूल ने बच्चों को
भगवान श्री राम जी का विरोध करने का अब एक और मामला सामने आया है गुजरात में। यहां के एक क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल ने तब उन दो नाबालिक बच्चों को दंडित कर दिया जब उन्होंने एक दूसरे का जय श्री राम बोल कर अभिवादन किया था। हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाली है ये घटना घटी है गुजरात के वापी जिले के सेंट मैरी स्कूल में। प्राप्त विवरण के अनुसार इस स्कूल में पढ़ने वाले नवमी कक्षा के 2 छात्रों ने स्कूल के गलियारे में एक दूसरे का “जय श्री राम” बोल कर अभिवादन किया था परंतु स्कूल ने आरोप लगाया कि उन्होंने स्कूल में जय श्रीराम के नारे लगाए हैं। इसके बाद इस ईसाई स्कूल ने बच्चों को दंडित किया। उन्हें स्कूल से निकाले जाने की धमकी दी और फिर काफी मिन्नतें करवाने के बाद उनसे लिखित माफीनामा भी ले लिया।
ईसाई स्कूल ने बच्चों को
बता दें कि इस अत्याचार के दो दिन बाद स्कूल ने माफी मांगते हुए बच्चों को दी गई सजा वापस ले ली क्योंकि इस मामले का जब विश्व हिंदू परिषद को पता चला तो विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के लोग तुरंत सक्रिय हुए और इस धर्म विरोधी स्कूल में जा पहुंचे। वास्तव में इन दोनों नाबालिग बच्चों के परिजन अपने बच्चों को स्कूल द्वारा लगातार परेशान किए जाने से इतने चिंतित हो गए थे कि वह विष्व हिंदू परिषद के कार्यालय में गुहार लगाने पहुंच गए थे। वहां उन्होंने विष्व हिंदू परिषद की वापी इकाई के उपाध्यक्ष नरेंद्र पायक को अपनी सारी पीड़ा बताई। इस धर्म विरोधी घटना का विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद वापी के सेंट मैरी इंग्लिश स्कूल ने लिखित माफी मांग ली।
बच्चों से माफी पत्र लिया
स्कूल ने अपने बयान में कहा है कि 11 मार्च 2022 को हमने अपने स्कूल में जय श्रीराम के नारे लगाने की घटना के बारे में इन बच्चों से माफी पत्र लिया था, जिसका हमें अब खेद है क्योंकि काफी सोच-विचार के बाद हमने महसूस किया है की उपरोक्त अनुशासनात्मक कार्रवाई किसी अन्य तरीके से भी की जा सकती थी। अगर हमने अपनी इस कार्रवाई से किसी की भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो हम उसके लिए माफी मांगते हैं।
यह माफी सेंट मैरी स्कूल के प्रिंसिपल सेवियो कैथीनो द्वारा मांगी गई है। इस सारे घटनाक्रम के बाद विश्व हिंदू परिषद के नेता सुशील यादव ने बताया कि यह ईसाई मिशनरी स्कूल हिंदू बच्चों को बहुत परेशान करते हैं, यह स्कूल हिंदू बच्चों के हाथों में बंधे हुए पवित्र पूजा वाले कलावे उतरवा देते हैं तथा यह लोग हिंदुओं की प्रतिष्ठा का प्रतीक तिलक को भी लगाने से मना करते हैं।
इस सब के बारे में एक बहुत बड़ा प्रश्न यह पैदा होता है कि जब हिंदुओं को पता है कि इन स्कूलों में उनके धर्म का, उनके देवी देवताओं का, उनकी आस्थाओं का घोर अपमान किया जाता है तो फिर आखिर हिंदू अपने बच्चों को इन धर्म विरोधी स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजते ही क्यों हैं ?