“Perhaps the DNA of the professor who spoke fiercely on Lord Bhole Nath is spoiled, anger among Hindus.”
इस जहरीले नाग का नाम तो हिंदुओं वाला है पर विचारों से तो कोई और ही लगता है।
सनातन🚩समाचार🌎जब से ज्ञान वापी विवादित ढांचे में हुए सर्वे के परिणाम सामने आया है तभी से कथित धर्मनिरपेक्षों और औरंगजेब के चाहने वालों में तो खलबली मची हुई ही है परंतु इनके साथ ही एक ऐसे व्यक्ति का जहरीला बोल सामने आया है जिसका नाम तो हिंदुओं वाला है परंतु लगता है की शायद इस व्यक्ति का DNA बिगड़ चुका है। हम ऐसा इस लिए कह रहे हैं क्योंकि इसने कहा है की ………..
यदि ये शिवलिंग है तो शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था।
वाराणसी के ज्ञानवापी विवादित ढाँचे की सच्चाई सामने आने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास का एक प्रोफ़ेसर ज्ञानवापी के वजूखाने में मिले शिवलिंग पर टिप्पणी करते हुए सारी सीमाएँ लाँघ गया है। अब उसकी तीखी आलोचना के साथ साथ उस पर कार्रवाई की माँग हो रही है। सोशल मीडिया पर उसके द्वारा ज्ञानवापी में पाए गए काशी विश्वनाथ जी पर की गई नीच टिप्पणी से हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएँ आहत हो रही हैं। दिल्ली के हिन्दू कॉलेज में इतिहास के एसोसिएट प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत रतन लाल ने फेसबुक पर एक लिंक साझा करते हुए लिखा है की…..
यदि यह शिव लिंग है तो लगता है शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था। साथ ही पोस्ट में चिढ़ाने वाला इमोजी भी लगाया है 😜
बताने की आवश्यकता नहीं है कि वाराणसी के ज्ञानवापी “विवादित ढाँचे” में से एक शिवलिंग मिला है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ये बेशकीमती पत्ना पत्थर का बना हुआ है। हुए सर्वे के परिणाम में एक बात खुल कर सामने आई है की “यह वही शिवलिंग है, जिसे अकबर के वित्त मंत्री टोडरमल जी ने बनारस के पंडित नारायण भट्ट जी के साथ मिलकर 1585 में इसे स्थापित कराया था। प्रकट हुए इस शिवलिंग का रंग हरा है। इसके ऊपर का कुछ हिस्सा औरंगजेब की तबाही में क्षतिग्रस्त हो गया दिख रहा है। इस शिवलिंग का आकार लगभग 2 मीटर बताया जा रहा है। यह देखने में काफी आकर्षक है।
नमाज पढ़ने आए लोग हाथ पैर धोते थे
बता दें कि ये शिवलिंग श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित नंदी के सामने वाले ज्ञानवापी के हिस्से में है। इस प्राप्त हुए दिव्य शिवलिंग के बारे में जहां एक और हिंदुओं में खुशी का वातावरण है, वहीं पर एक बहुत दुखद स्थिति यह भी सामने आई है कि यह शिवलिंग उस तालाब के अंदर मिला है जहां पर नमाज पढ़ने आए लोग हाथ पैर धोते थे और कुल्ला करते थे। अब इस दुखद स्थिति से अदालत ने हिंदुओं को निकाला है और आदेश दिया है की इस स्थान पर अब किसी भी प्रकार की कोई क्रिया ना की जाए तथा इसकी सुरक्षा का जिम्मा सीआरपी को सौंपा गया है। खास बात यह कि न्यायालय ने तो यह काम कर दिया है परंतु उन हिंदू नाम वाले तथाकथित हिंदुओं का क्या किया जाए जो अपने आप को सेकुलर सिद्ध करने के लिए हिंदू धर्म के खिलाफ अक्सर बहुत भयानक बातें करते रहते हैं।
आपको याद होगा कि हिंदुस्तान की एक बहुत बड़ी पार्टी के एक बड़े नेता ने भी यह कहा था कि जो मंदिर जाते हैं वह लड़की छेड़ते हैं। और अब इस प्रोफेसर ने ऐसी बात कह दी है जो शायद किसी भी पंथ या मजहब वाला व्यक्ति नहीं कह सकता है। सोशल मीडिया पर लोगों के द्वारा इस रतनलाल नाम के तथाकथित हिंदू पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की जा रही है।