हिन्दू आस्थाओं का हिन्दू संस्कारो का अपमान क्यों ? आखिर क्यों ???
जरूरी नहीं कि हिंदुओं की आस्था पर प्रहार फिल्मों में ही किया जाए। यह प्रहार तो हर स्तर पर निरंतर हो रहे हैं। कभी फिल्मों में, कभी गानों में, कभी टीवी सीरियल में, कभी कॉमेडी के नाम पर यह क्रम निरंतर चलता जा रहा है। जिसे कोई भी हिंदू वकील हिंदू नेता रोकने का प्रयास नहीं करता है। धर्म प्रचारकों के भी मुंह बंद हैं। और तो और बड़ी-बड़ी घटनाओं पर ध्यान ना देने वाला हमारा माननीय सुप्रीम कोर्ट भी हिंदुओं के त्योहारों पर ही कोई ना कोई ऐसा निर्णय दे देता है जिससे हिंदुओं की अंतरात्मा रो उठती है।
भयंकर प्रहार
हिंदुओं के त्योहार दीपावली पर पटाखे चलाए जाने पर आपत्ति, होली खेले जाने पर आपत्ति, दही हांडी पर आपत्ति, शनि शिगनापुर पर आपत्ति, जलीकट्टू पर आपत्ति। और भी बहुत सारे हिंदुओं के ऐसे त्यौहार अथवा संस्कार जिन पर निरंतर आघात किए जाते हैं, और हिंदू इस सब को चुपचाप सहन किए जाते हैं। कभी कोई भांड महर्षि नारद जी के भेष में विचित्र हरकतें करता है तो कभी OMG में हिंदू आस्थाओं पर भयंकर प्रहार होते हैं। कभी स्कूलों पर मैं तिलक लगाकर जाने पर पाबंदी, कभी कलावा बांधकर जाने पर पाबंदी, कभी रुद्राक्ष पहनने पर पाबंदी और कभी हिंदू छात्रों द्वारा शिखा धारण करके स्कूल जाने पर पाबंदी।
घटिया डाबर कंपनी
यह तो कुछ ही घटनाएं हैं जो हिंदुओं के हिंदुस्तान में हिंदुओं के ही खिलाफ घट रही हैं। और भी बहुत कुछ है जिन्हें यहां लिखा जाना संभव नहीं है। बहरहाल हिंदू आस्थाओं पर आघात का एक ताजा उदाहरण बना है डाबर का एक घोर हिंदू विरोधी विज्ञापन। यह विज्ञापन हिंदू स्त्रियों के पवित्र व्रत करवा चौथ का भयंकर अपमान करने वाला है। दुनिया जानती है कि करवा चौथ का व्रत हिंदू स्त्रियां अपने सुहाग की दीर्घायु के लिए रखती हैं। परंतु एक घटिया डाबर कंपनी द्वारा ऐसा विज्ञापन करवा चौथ के मौके पर ही जारी किया गया है जिसमें हिंदुओं की स्त्रियों को लैसबियन यानी समलैंगिक दिखा दिया गया है।
हिन्दू त्योहारों को इस्लामीकरण
इस विज्ञापन में यह दर्शाया गया है कि इस पवित्र त्यौहार को स्त्री अपने पति के लिए नहीं बल्कि हिंदू स्त्रियां पति के रूप में एक हिंदू स्त्री के लिए ही करवा चौथ का व्रत रखती हैं। निश्चित ही डाबर कंपनी का यह प्रयास हिंदुओं की भावी पीढ़ी को बर्बादी की ओर ले जाने वाला है। लगातार्ण हिन्दू धर्म को विज्ञापन के जरिए टारगेट किया जा रहा है। पहले फैब इंडिया के द्वारा हिन्दू त्योहारों को इस्लामीकरण करने का प्रयास किया गया। अब इसके बाद यह काम डाबर कर रहा है। अब डाबर के एक एड के वजह से फिर से बवाल मच गया है। बताया जा रहा है की डाबर कंपनी ने एक प्रचार बनाकर फिर से हिन्दू धर्म पर घात किया है।
प्रचार में दिखाया जा रहा है एक समलैंगिक जोड़े को ‘करवा चौथ’ का त्योहार मना रहा है। दरअसल, डाबर के इस विज्ञापन में एक महिला दूसरी महिला को क्रीम लगाते हुए दिखाई दे रही है। इसके बाद वो कहती है, “ये लग गया तेरा फेम क्रीम गोल्ड ब्लीच।” इस पर दूसरी महिला जवाब देती है, “धन्यवाद! तुम सबसे अच्छी हो।” इसके बाद वो पूछती है कि करवा चौथ का इतना ‘कठिन व्रत’ क्यों रख रही हो ? इस पर महिला जवाब देती है कि उनकी ख़ुशी के लिए। यही सवाल फिर पूछे जाने पर दूसरी महिला जवाब देती है कि उनकी लंबी उम्र के लिए।
इसके बाद एक अन्य महिला आकर कहती हैं कि ये उन दोनों का पहला करवा चौथ है। साथ ही वो दोनों को साड़ियाँ भी देती हैं। वो कहती है, “एकदम चाँद का टुकड़ा लगोगी दोनों।” फिर रात के समय दोनों महिलाओं को छलनी की जाल की तरफ से चाँद को और फिर एक-दूसरे को देखते हुए दिखाया गया है।
सनातन🚩समाचार🌎 का बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये प्रयोग हिन्दू त्योहारों के साथ ही क्यों किए जाते हैं ?
बता दें कि हाल के दिनों में कई ब्रांड्स ने हिन्दू त्योहारों का मजाक बनाते हुए विज्ञापन जारी किए हैं। फैबइंडिया ने दीपावली पर ‘जश्न-ए-रिवाज’ कैंपेन शुरू कर दीवाली का मजाक बनाया और इसके उर्दूकरण की कोशिश की। कंपनी ने कपड़ों के एक कलेक्शन के विज्ञापन में दीपावली को जश्न-ए-रिवाज बताया था। लेकिन सोशल मीडिया पर इसका लगातार विरोध होने के बाद उन्होंने इस हिंदू विरोधी विज्ञापन को हटा लिया।
इसी तरह CEAT टायर के विज्ञापन में बॉलीवुड का भांड आमिर खान को स्कूली बच्चों को यह कह रहा है कि “सड़क गाड़ी चलाने के लिए है पटाखे जलाने के लिए नहीं है। सोसायटी में बम फोड़े, ताकि सड़क पर किसी को असुविधा ना हो।”
ये नीच भांड हिंदुओं को ही सड़क रोकने का ज्ञान दे सकता है किसी और को नहीं😡
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2962796887306787&id=100007295137209
👆लिंक टच करें देखें वीडियो👆
Karva Chauth of Hindus is now on target, in ‘gay’ dirty advertisement, will any Hindu lawyer, any hindu neta speak ? not speak for sure.
किसी भी अप्रिय विज्ञापन अथवा फिल्म के विरुद्ध प्रतिक्रिया स्वरूप उस का बहिष्कार करने चाहिए
सोशल मीडिया जैसे ट्विटर और फेसबुक पर उन के एकाउंट पर विरोध दर्ज करना चाहिए
जहां हमारे वैधानिक अधिकारों का हनन हो वहां कोर्ट केस या पुलिस कंप्लेंट भी करनी चाहिए।
जी सत्य कथन आपका