अब सन्त सबक सिखाएंगे हिंदुओं का अपमान करने वालों को।
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे वैसे ही नेताओं की जुबान में जहर घुलता जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि मानो यह नेता लोग सारे देश को अपने जहर में डुबोकर बर्बाद कर देंगे। एक तरफ जहां असदुद्दीन ओवैसी सरेआम बोल रहा है कि योगी मठ में चली जाएंगे मोदी पहाड़ों में चले जाएंगे तो तुम्हें कौन बचाने आएगा ? और साथ ही ओवैसी चुनावी सभाओं में पूरी तरह जातिवाद फैलाने के जुगाड़ में लगा हुआ है। यह हिंदुओं को विशेषकर यादवों को बड़े-बड़े सब्जबाग दिखा रहा है। और उधर राहुल गांधी भी अपने जलवे बिखेर रहा है।
उसके बयानों से हिंदू समाज बहुत बुरी तरह आहत हो रहा है। उसने हाल ही में कहा है कि हिंदू और हिंदुत्व दोनों अलग-अलग चीजें हैं यह ठीक वैसा ही बयान था जैसे मां और ममता को अलग अलग बताना। चुनावी संग्राम में हर एक नेता आगे से आगे बढ़कर ऐसे ऐसे जहरीले बोल बोल रहा है मानो इनमें कोई प्रतियोगिता ही चल रही हो हिंदुओं का अपमान करने की। इस बीच अब हिंदुओं का संत समाज भी आक्रोशित हो उठा है, क्योंकि उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने नंबर 2021 में हिंदुओं के आदरणीय संतो के बारे में बहुत गलत शब्दावली प्रयोग की है।
समाजवादी पार्टी के मुखिया ने अपने बयान में हिंदुओं के आदरणीय संतो को चिलमजीवी और एक रंगा कहा था, जिस पर अखिल भारतीय संत समिति ने घोर आपत्ति व्यक्त की है। अखिलेश यादव के इस बयान के बारे में समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्र आनंद सरस्वती जी ने बहुत ही कड़े शब्दों में कहा है कि अब संत समाज हिंदू और उनकी सनातन परंपराओं व संस्कृतियों के खिलाफ प्रलाप करने वाले इन दिखावे के समाजवादी और कांग्रेसियों के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाएगा। सारे संत समाज ने राहुल गांधी के हिंदू और हिंदुत्व और अखिलेश यादव के ऐसे बयानों को हिंदू समाज के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र बताया है।
तथा अब इन नेताओं को सबक सिखाने के लिए अखिल भारतीय संत समिति यूपी के 13 स्थानों पर संत सम्मेलन का आयोजन करने वाली है। मिल रही जानकारी के अनुसार संतो के इस सम्मेलन में विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और श्री विद्वत परिषद भी शामिल होगा। संतो के अनुसार सपा और कांग्रेसियों के खिलाफ यह सम्मेलन 11 जनवरी 2022 से आरंभ होकर पूरे फरवरी तक चलेगा। इस सम्मेलन के बारे में बताया गया है कि यह धार्मिक होगा तथा इसके जरिए हिंदू और हिंदुत्व के खिलाफ नेताओं की बयानबाजी और उनके षड्यंत्र का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
इस प्रयास से हिंदुओं को ऐसे लोगों के बारे में जागरूक किया जाएगा जो हिंदुओं को बर्बाद करने के मंसूबे बना रहे हैं। बता दें कि यह सम्मेलन प्रयागराज, काशी, अयोध्या, वृंदावन, विंध्याचल, शुक्रताल, चित्रकूट, बिठूर, गढ़मुक्तेश्वर, बृजघाट, कछला, नैमिषारण्य, देवरिया और सोरों इत्यादि में आयोजित किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि इन कार्यक्रमों में देशभर के प्रतिष्ठित संत शामिल होंगे। बहरहाल अब देखना यह होगा की इस चुनावी वातावरण में हिंदुओं का रुख किस तरफ होगा ? क्योंकि अभी 3 दिन पहले ही हिंदू संत कालीचरण महाराज जी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। उनके ऊपर महात्मा गांधी के खिलाफ गलत शब्द बोलने का आरोप है।
परंतु सवाल यह है कि क्या केवल हिंदू संत काली चरण महाराज जी ने ही यह बात कही है ? क्योंकि उनसे पहले देश के अनेक लोग भी खुलकर गांधी जी को राष्ट्रपिता मानने से इंकार कर चुके हैं, और उन्हें हिंदुओं का हत्यारा मानते हैं। और कुछ लोग तो उनकी समाधि को ही उखाड़ कर यमुना जी में फेंकने की बात भी करते हैं, परंतु फिर भी हिंदुओं के संत कालीचरण महाराज जी को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि हिंदुओं के खिलाफ भयानक विश्व अमन करने वाले लोग खुले घूम रहे हैं।
Hindu genocide, hindrances in Ram temple, casteism and now Sant Samaj raging against saying Chilamjeevi made this announcement