Conspiracy to dismember Hindu families was not agreed in HC, so now the Supreme Court has done this on the prostitute.”

हिंदू आस्था, हिंदू मंदिर, धर्म पे आघात के बाद क्या अब हिंदू परिवार भी तहस नहस कर दिए जाएंगे ?

सनातन🚩समाचार🌎शांति से जीने वाले हिंदुओं के हिंदुस्तान पर मुगलों ने हमले किए और देश की लगभग आधे से अधिक हिंदुओं को कत्ल कर दिया, और जबरन हिंदुओं के मंदिरों को ध्वस्त कर के उनके ऊपर मस्जिदें बना दी गईं। उसके बाद दौर आया फिरंगियों का। इन्होंने भी हिंदुओं का जी भर कर हिंदुओं का संहार किया और बचे खुचे हिंदुओं में से भारी संख्या में हिंदुओं को ईसाई बना दिया। यह प्रमाणिक है कि पृथ्वी पर जिस देश में भी अंग्रेजों ने राज किया उस देश की सभ्यता को उन्होंने निगल लिया और उस देश को इसाई बना दिया। परंतु सनातन धर्म की जड़ें इतनी गहरी और सजीव हैं कि इन्हें मुगल भी खत्म नहीं कर पाए और ना ही ईसाई।

हिंदू लड़कियों के निकाह

फिर इसके बाद सारे देश में चेतना का संचार हुआ तो आखिर देश सन 1947 में ईसाइयों के चंगुल से निकलकर आजाद हो गया। अब हम कहने को तो आजाद हिंदुस्तान में जी रहे हैं परंतु वास्तव में यह आजादी भी हिंदुओं का भला नहीं कर पाई क्योंकि जब से देश आजाद है तभी से लगातार हिंदुओं की आस्थाओं पर प्रहार होते चले आ रहे हैं। कभी हिंदू परंपराओं को छिन्न-भिन्न करने के लिए अदालतों का सहारा लिया जाता है, कभी जबरन धर्मांतरण करके हिंदू लड़कियों के निकाह करवाए जाते हैं लव जिहाद होते हैं, तो उधर लालच देकर गरीब हिंदुओं को धर्म परिवर्तित करके ईसाई बनाया जा रहा है। यहीं पर बस नहीं इसके साथ साथ एक बहुत बड़े स्तर पर भी षड्यंत्र चलते रहते हैं। इन षड्यंत्रों में से एक बहुत भयंकर षड्यंत्र हिंदुओं पर किया है कुछ हिंदू द्रोही संस्थाओं ने।

पति ने बलात्कार किया है

इन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका डाल दी थी कि अगर किसी विवाहित महिला के साथ उसका पति उसकी मर्जी के बिना शारीरिक संबंध बना लेता है तो उसे भी बलात्कार माना जाए (मैरिटल रेप) इसका भयानक पहलू यह है कि झगड़े तो हर परिवार में होते ही रहते हैं, कभी कोई भी स्त्री गुस्से में आकर पुलिस में शिकायत कर दे कि उसके पति ने उसके साथ बलात्कार किया है तो उसके पति के ऊपर ठीक हो वही धारा लगेगी जो एक सामान्य बलात्कारी के ऊपर लगती है। इसी सारे विषय की बहस हाई कोर्ट में चल रही थी।

सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है

11 मई 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट में इस बारे में फैसला आने वाला था, परंतु न्यायाधीशों के अलग-अलग मत होने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया। जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस हरिशंकर में इस बारे में अलग-अलग विचार दिए हैं, जिस कारण अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश राजीव शकधर ने कहा कि यह आईपीसी की धारा 375 और आर्टिकल 14 का उल्लंघन है, इसलिए पत्नी से जबरन संबंध बनाने पर पति को सजा दी जानी चाहिए।

वहीं दूसरी और जस्टिस श्री हरिशंकर ने इस मुद्दे पर कहा कि वह राजीव शकधर से सहमत नहीं हैं, और वह नहीं मानते हैं यह अपवाद असंवैधानिक है। इस प्रकार इन दोनों जजों की राय अलग अलग होने के कारण इस मामले पर कोई निर्णय नहीं हो सका। अब इसके बाद याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका डालने के लिए स्वतंत्र हैं।

पत्नी 15 साल से ऊपर है तो

बता दें कि मैरिटल रेप को अपराधिक घोषित किए जाने के बारे में 2015 से ही फुसफुसाहट होने लगी थी और हिंदुओं के परिवारों को पूरी तरह तहस-नहस कर देने की मंशा से मांग की जा रही थी कि मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने के लिए धारा 375 के उस अपवाद को खत्म किया जाना चाहिए जो कहता है कि अगर पत्नी 15 साल से ऊपर है तो मैरिटल रेप अपराध की श्रेणी में नहीं आता।

बलात्कार का केस

दिल्ली कोर्ट ने याचिका पर ध्यान देते हुए इसी वर्ष के आरंभ में RIT फाउंडेशन और ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेंस एसोसिएशन की याचिकाओं पर संज्ञान दिया था। याचिका में कहा गया था कि आखिर विवाहित महिलाओं को अपने पति को मना करने के अधिकार से कैसे वंचित रखा जा सकता है ? जबकि अन्य सभी गैर सहमति वाले मामलों में बलात्कार का केस दर्ज हो सकता है। इस केस की सुनवाई के आरंभ में ही जस्टिस राजीव शकधर ने इस दलील को माना था कि वेश्या को भी हक होता है कि …….

वैश्या/पति पत्नी

वह अपने पास आने वाले को मना करें तो आखिर एक महिला जो पत्नी है उसे पति को मना करने के अधिकार से कैसे दूर किया जा सकता है ? उधर जस्टिस श्री हरि शंकर ने एक वैश्या और ग्राहक के रिश्ते की तुलना पति पत्नी के रिश्ते से करने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि ग्राहक की जो आशा सेक्स वर्कर से होती है उसे वैवाहिक रिश्ते के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। अगर आप कैसा कहते हैं तो आप बहुत गलत हैं। इस मामले पर 21 फरवरी पूरी सुनवाई होने के बाद पीठ ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा था परंतु न्यायाधीशों की असहमति के चलते अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है।

सनातन🚩समाचार🌎का ये मानना है कि यह मामला अवश्य ही सुप्रीम कोर्ट में ले जाया जाएगा, क्योंकि जो लोग हिंदुओं को पूरी तरह से नष्ट भ्रष्ट कर देना चाहते हैं वह किसी भी स्तर पर जा सकते हैं और यह लोग सुप्रीम कोर्ट में भी अवश्य ही जाएंगे।

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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