“Bet Sharif is going to become the abode of your Thakur ji for the Hindus going to Shri Vrindavan.”
श्री वृन्दावन में कई तरह की होली खेलने को मिलती है, रास का सुख भी मिलता है, भक्ति के साथ साथ मनोरंजन भी हो जाता है।
सनातन 🚩समाचार🌎 यह एक विडंबना ही है कि हम हिंदू कभी भी अपने कंफर्ट जोन से बाहर नहीं आना चाहते हैं। भले ही उसके लिए हमें कितनी भी कीमत चुकानी पड़ जाए। हम अपने बहुत सारे तीर्थ स्थानों पर जाते हैं। हम भगवान श्री कृष्ण जी का स्मरण करते हुए श्री वृंदावन धाम भी जाते हैं। निसंदेह उस पवित्र भूमि का एक अपना प्रभाव है।
मात्र 13 वर्ष की आयु में
बताने की आवश्यकता नहीं है कि वहां पर होलियों के दिनों में कई तरह के आयोजन देखने को मिलते हैं, इसके साथ ही वहां पर रास नृत्य इत्यादि के आयोजन तो होते ही रहते हैं। परंतु क्या कारण हैं कि हम हिंदू भगवान श्री कृष्ण जी के केवल इसी स्थान पर ही क्यों जाते हैं ? अपने ठाकुर जी के किसी अन्य स्थान पर क्यों नहीं जाते ? श्री वृंदावन धाम क्षेत्र ठाकुर जी ने मात्र 13 वर्ष की आयु में त्याग दिया था उसके बाद वह द्वारका जी चले गए थे। तो कह सकते हैं कि द्वारका जी भी हिंदुओं के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना श्री वृंदावन धाम। हां यह बात अलग है कि वहां पर किसी भी प्रकार के मनोरंजन के साधन उपलब्ध नहीं हैं।
बेट शरीफ घोषित किया जाए
वहां की भयावह स्थिति के बारे में गुजरात की रहने वाली प्रसिद्ध हिंदुत्ववादी काजल जी ने जो बताया है वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है। उन्होंने बताया है कि बेट द्वारका चारों तरफ से विधर्मियों के द्वारा घेरा जा चुका है, तथा वहां पर रहने वाले विधर्मी मंदिर के आसपास अवैध कब्जे कर के मकान दुकान और मकान बना कर के बैठे हुए हैं। श्री कृष्ण जी भगवान जी के भक्त वहां पर नहीं जाते हैं इसलिए बेट द्वारका जी में बचे खुचे हिंदू और बेट द्वारका मंदिर भी अब लगभग खत्म होने के कगार पर हैं। क्योंकि वहां पर रहने वाले मुसलमानों ने अपनी “इंटरनेशनल मुस्लिम कम्युनिटी” को लिखकर दे दिया है कि यहां पर हमारी जनसंख्या बहुत ज्यादा है इसलिए इस बेट द्वारका को “बेट शरीफ” घोषित किया जाना चाहिए।
ऐसे में कहना पड़ेगा कि हम हिंदू राधे राधे तो करते रहेंगे रहते हैं, परंतु राधा जी के और सभी हिंदुओं के आराध्य श्री कृष्ण भगवान जी की मुख्य कर्म भूमि भेंट द्वारिका जी की कभी सुध नहीं लेते हैं । तो ऐसे में बड़ा प्रश्न यह उठता है कि क्या हम हिंदू मात्र मनोरंजन के लिए राधे-राधे करते हैं ? क्या हम हिंदू मात्र दिखावे के लिए राधे-राधे करते हैं ? सनातन 🚩समाचार🌎 का ऐसा मानना है कि अगर हम अपने धर्म की, अपने मंदिरों की रक्षा नहीं कर पाते हैं तो हमें राधे राधे अथवा जय श्री कृष्ण कहने का भी कोई अधिकार नहीं है।
जय श्री कृष्णा, शस्त्र धारी श्री कृष्ण भगवान की जय, दुष्ट संहारक श्री कृष्ण भगवान जी की जय हो, जय हो, जय हो।