“Accept Islam, if not, head will be separated from body, Shoaib Akhtar will remain in jail.”
सनातन🚩समाचार🌎सिंदुरिया गाँव के एक चौकीदार को 21 सितंबर 2020 को सूचना मिली कि नाले में एक सिर कटी एक लाश पड़ी है। तब पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर उसकी पहचान शुरू कर दी, और जांच के बाद शोएब अख्तर पर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में चोपन पुलिस ने IPC की धारा 302 और 201 (सबूतों को छिपाना) के तहत मामला दर्ज किया था।
उसी मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 9 जुलाई को एक हिंदू लड़की की हत्या के आरोपित शोएब अख्तर को जमानत देने से इनकार कर दिया है। पता चला है की लड़की ने साल 2020 में इस अपराध के सह-आरोपित एजाज अहमद से शादी की थी, लेकिन शादी के बाद उस पर मुसलमान बनने का दबाव बनाया जाने लगा। लड़की ने जब इस्लाम कबूलने से इनकार कर दिया तो उसका सिर काट दिया गया।
दरअसल, सिंदुरिया गाँव के चौकीदार को 21 सितंबर 2020 को सूचना मिली कि नाले में एक सिर कटी लाश पड़ी है। पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर उसकी पहचान शुरू कर दी। पुलिस जांच में पता चला कि यह लाश प्रिया नाम की एक हिंदू महिला की थी। प्रिया ने कुछ दिनों पहले ही एजाज अहमद के साथ इस शर्त पर शादी की थी की वह धर्मांतरण नही करेगी।
इस बारे में मृतका की बहन शर्मिला ने कहा कि प्रिया उसे बताती थी कि एजाज अहमद और उसका दोस्त शोएब उस पर इस्लाम अपनाने का लगातार दबाव बना रहे थे, परंतु वह इस के लिए तैयार नहीं थी। शर्मिला के अनुसार एजाज ने उसे ओबला इलाके में एक किराए के कमरे में रखा। यहाँ वह पीड़िता पर इस्लाम कबूल करने का लगातार दबाव बना रहा था। जब मृतका ने धर्म परिवर्तन करने से इनकार कर दिया तो गुस्साए एजाज ने अपने एक अन्य दोस्त शोएब अख्तर को बुलाया।
इसके बाद दोनों मुस्लिम युवक प्रिया को पास के जंगल में ले गए और वहाँ उसका सिर काट दिया। पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद शोएब अख्तर ने अदालत में जमानत की याचिका लगाई थी। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। अदालत के आदेश में कहा गया है, “दोनों आरोपियों को एक साथ पकड़ा गया और उनके खुलासे पर आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। शोएब अख्तर की यह दूसरी जमानत अर्जी है जी खारिज की गई है।
इस बारे में न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने अपराध की क्रूरता को ध्यान में रखते हुए आरोपि को जमानत पर रिहा करने का कोई ठोस कारण नहीं पाया। शोएब अख्तर पर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में चोपन पुलिस ने IPC की धारा 302 और 201 (सबूतों को छिपाना) के तहत मामला दर्ज किया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि आरोपित शोएब अख्तर ने प्रिया की इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि उसने सह-आरोपित उसके दोस्त एजाज अहमद से शादी करने के बाद इस्लाम धर्म अपनाने से इनकार कर दिया था।