At the funeral of the one who slit the throats of two Hindu children and drank their blood.”

किसी हिंदू पर आरोप भी लग जाता है तो मूर्ख हिंदू उसे गालियां दे दे कर ही मार डालते हैं।

सनातन🚩समाचार🌎 दो बच्चों का गला काट कर उनका खून पी जाने वाले हैवान के जनाजे में जो भी हुआ है वह कोई नई बात नहीं है, और ना ही उसमें किसी को भी हैरानी होनी चाहिए क्योंकि यह प्रमाणिक है की जब भी किसी खूंखार शैतान को कानून के द्वारा दंड दे दिया जाता है अथवा उसका पुलिस के द्वारा एनकाउंटर कर दिया जाता है तो उसके जनाजे में मजहबी लोगों की भारी भीड़ जुड़ती ही है।

यही सब कुछ हुआ है उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो मासूम बच्चों का गला काटकर उनका खून पी जाने वाले दरिंदे साजिद के जनाजे में।  पता चला है कि साजिद के जनाजे में सैकड़ो की संख्या में उसके मजहब वाले लोग शामिल हुए, हालांकि यह अनुमान लगाए जा रहे थे कि उसके जनाजे को कोई कांधा भी नहीं देगा क्योंकि उसकी मां ने यह कहा था की साजिद का एनकाउंटर करके पुलिस ने कुछ गलत नहीं किया है।

किंतु लगता है कि वह बयान साजिद की मां ने बहुत सारे कानूनी पचड़ों से बचने के लिए दिया था क्योंकि अब साजिद के जनाजे में मुसलमानो की भारी भीड़ का पहुंच जाना साजिद की मां की बातों को सिरे से खारिज कर रहा है। दरअसल हैवान साजिद के एनकाउंटर के बाद उसका उसकी लाश का पोस्टमार्टम करने के बाद पुलिस ने उसे उसके परिवार वालों को सौंप दिया था जिसके बाद इस्लामिक रीति रिवाज के अनुसार उसे कब्रिस्तान में सपुर्दे खाक किया जाना था।

बता दें की जब साजिद का जनाजा उठा तब उसकी मैयत के साथ उसके सैकड़ो चाहने वाले उसके साथ चल रहे थे। इसके बाद जब साजिद के जनाजे की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तब लोगों ने सोशल मीडिया पर तरह-तरह से अपने विचार रखने चालू कर दिए।

कोई जनाजे में शामिल सैकड़ो लोगों के बारे में कह रहा है कि साजिद ने 11 वर्षीय आयुष और 6 वर्षीय आहान का गला काट दिया और फिर उसका खून भी पिया रमजान के पवित्र महीने में।

तो कोई दूसरा अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिख रहा है कि बदायूं में बच्चों का हत्यारा मोहम्मद साजिद का जनाजा देखिए हजारों लोग मोहम्मद साजिद के जनाजे में हैं। इस तस्वीर से क्या संदेश मिलता है ?

कोई कोई बहुत हैरानी से लिख रहा है कि मासूम बच्चों के हत्यारे साजिद के जनाजे में इतनी भीड़ ? शायद उसने अपने किसी बड़े मिशन को पूरा किया है इसीलिए उसके जनाजे के पीछे इतनी भीड़ है। इनमें अच्छे कितने हैं और बुरे कितने हैं आप स्वयं सोच लीजिए।

ऐसी और भी तरह-तरह की बातें सोशल मीडिया पर लोग साजिद के जनाजे के बारे में कर रहे हैं। बताने की आवश्यकता नहीं है की इस्लाम के अनुसार पवित्र रमजान के महीने में साजिद ने उन दो बच्चों का गला काटकर उनके खून पी लिया जिन बच्चों के माता-पिता उस पर रहम करते थे। यह भी बताया जा रहा है कि हैवान साजिद पूरी तरह से इस्लाम के असूलों का पालन करता था और वह जाकिर नायक को भी फॉलो करता था।

19 मार्च 2024 को साजिद दोनों मासूम बच्चों का गला काटकर उनका खून पीने के बाद मौके से फरार हो गया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश की पुलिस ने उसका पीछा करते हुए एक एनकाउंटर में उसको  ढेर कर दिया था। इस भयानक हत्याकांड में उसका भाई जावेद भी शामिल था जिसे पुलिस ने 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार कर लिया था।

आपको याद दिला दे की 9 वर्ष पहले सन 2015 में याकूब मेनन नाम के एक हैवान के जनाजे में भी इसी तरह से इस्लाम के मानने वालों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। उस समय भी लोगों ने याकूब मेनन के जनाजे में शामिल हुई भारी भीड़ पर हैरानी जताई थी।

बड़ी बात यह है की जब किसी इस्लाम को मानने वाले पर कोई आरोप लगता है या उसका पुलिस के द्वारा एनकाउंटर कर दिया जाता है अथवा अदालत के आदेश से उसे फांसी दे दी जाती है तब उससे सहमति जताने के लिए उसके मुस्लिम समाज के सैकड़ो लाखों लोग खड़े हो जाते हैं किंतु दूसरी ओर जब किसी हिंदू पर मात्र आरोप भी लग जाता है तब हिंदू तुरंत उस हिंदू की टांगें खींचना शुरू कर देते हैं और उसको गालियां दे दे कर उसे जीते जी ही मार डालते हैं, भले ही वह कोई कितना बड़ा संत हो अथवा आम व्यक्ति।

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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