गाजियाबाद: डासना का प्रसिद्ध शक्तिपीठ जो आजकल बहुत चर्चाओं में है यहां के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती जी का सिर काटने के लिए करोड़ों रुपए का फतवे जारी किए जा चुके हैं।
मन्दिर में नहीं थे अनहोनी टली ??
मिली जानकारी के अनुसार कल 2 जून को रात्रि लगभग 8:30 बजे मंदिर से दो संदिग्ध व्यक्ति पकड़े गए जब यह पकड़े गए उस समय यति नरसिंहानंद जी मंदिर में नहीं थे, वह सुदर्शन न्यूज़ चैनल की एक लाइव डिबेट में शामिल होने के लिए पहले ही जा चुके थे मंदिर के द्वार पर रखे रजिस्टर में उन दोनों संदिग्ध लोगों ने अपने नाम डॉ विपुल विजयवर्गीय और काशी गुप्ता दर्ज करवाया था।
बतादें कि यति नरसिंहानंद जी और यह मंदिर आतंकवादियों के पूरी तरह निशाने पर है फिर भी पुलिस ने इनके पहचान पत्र और बैग चेक की बिना ही इन्हें मंदिर में प्रवेश करने दिया परंतु मंदिर में प्रदेश होने के बाद जब वहां रुकने वालों के बारे में जांच की प्रक्रिया आरंभ हुई तो इन दोनों लोगों के पास से सर्जिकल ब्लेड और एक संदिग्ध केमिकल बरामद हुआ मंदिर के सेवादारों ने इनके पास से सर्जिकल ब्लेड मिलने के बाद जब इनकी शारीरिक जांच की तो पाया गया कि इनमें से एक व्यक्ति मुसलमान है। जिसका नाम उसने उस समय कासिफ मोहम्मद बताया जबकि दूसरे व्यक्ति ने फिर से अपना नाम विपुल विजयवर्गीय ही बताया परंतु उसके पास अपना नाम प्रमाणित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं था जिसके बाद उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया।
आज सुबह पुलिस ने डासना देवी मंदिर को बताया कि पकड़े गए दोनों व्यक्ति मुस्लिम ही हैं।
मन्दिर प्रबन्धन ने लगाया गम्भीर आरोप ….
इस सारे प्रकरण के बारे में डासना देवी मंदिर के प्रबंधकों का मानना है कि यह सब प्रशासन की नाकामी के कारण ही हुआ है क्योंकि जल्द ही यूपी में चुनाव होने वाले हैं इसके लिए किसी हिंदुत्ववादी चेहरे की हत्या होना जरूरी है इसलिए सत्ताधारी यूपी चुनाव के लिए धर्मगुरु यति नरसिंहानंद सरस्वती जी को मरवाने चाहते हैं इसके पीछे उनका तर्क यह है की दुनियां जानती है कि यति नृसिंघानन्द जी को बहुत बड़ी-बड़ी धमकियां मिल चुकी हैं उनके सिर पर करोड़ों रुपए का फतवा जारी कर दिया गया है। अनेक लोगों संगठनों के द्वारा बार-बार मांग किए जाने के बाद भी इन्हें जेड प्लस की सुरक्षा नहीं दी जा रही है।
बता दें की इससे पहले हिन्दू नेता कमलेश तिवारी जी की भी गला काट कर हत्त्या की जा चुकी है। यती नरसिंहानंद सरस्वती जी के लिए Y+ सुरक्षा की दो बार घोषणा तो हो चुकी है परंतु आज तक उन्हें यह सुरक्षा नहीं मिली बहरहाल अभी पुलिस तहकीकात में जुटी है आशा है कि शीघ्र ही सारी सच्चाई पता चल जाएगी और यह भी आशा है कि अब योगी जी की सरकार गंभीरता से इस विषय में संज्ञान लेगी और यति नरसिंहानंद सरस्वती जी को उचित सुरक्षा कवच प्रदान करेगी।