“The army will deal with the enemies on the border, but who will deal with the enemies inside the country?.”
सीमा पर तो सेना निपट लेगी शत्रुओं से किंतु देश के अंदर बैठे शत्रुओं से कौन निपटेगा ?
सनातन🚩समाचार🌎 एक तरफ जहां सीमा पर हमारी सेना लगातार दुश्मनों के छक्के छुड़ा रही है तो वहीं दूसरी ओर केवल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार देश के भीतर रह रहे दुश्मनों को सबक सिखाने में लगी हुई है।
अब नए मामले में उत्तर प्रदेश की STF ने 1 दिसंबर 2023 को नकली सर्टिफिकेट बनाने वाले उन देश के दुश्मनों को दबोचा है जो हिंदुस्तान की डेमोग्राफी को चेंज करने के लिए देश में अवैध घुसोसीठीय बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानो को बसा रहे थे। इस गिरोह के लोग इन विदेशियों को जली सर्टिफिकेट बनकर देते थे।
इस देशद्रोही गैंग के द्वारा बहुत बड़े स्तर पर यह कार्य किया जा रहा था। यह लोग कॉविड वैक्सीन के प्रमाण पत्रों के साथ-साथ जन्म मृत्यु के भी नकली प्रमाण पत्र बना देते थे। इनका मकड़ जाल इतना बड़ा था कि इन लोगों ने देश में 436 फ्रेंचाइजी भी बांट रखी थी। इस तरह यह लोग सारे देश में अवैध काम करते हुए अवैध घुसपैठियों को देश में बसाने का काम करते थे। पता चला है कि ये गिरोह अब तक 7000 से अधिक नकली सर्टिफिकेट बना चुका है।
इस गिरोह के लोग विशेष रूप से अवैध घुसपैठियों को हिंदुस्तान में बसाने के लिए उनके नकली जन्म प्रमाण पत्र इत्यादि सब कुछ बनाकर उन्हें हिंदुस्तान में बसाने का काम करते थे। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के अनुसार पकड़े गए तीनों लोग गाजियाबाद के रहने वाले हैं। इनमें से मोहम्मद साहिल नाम का व्यक्ति इस सारे गोरख धंधे का सरगना है। एसटीएफ ने इन लोगों से लेमिनेशन मशीन, प्रिंटर, थंब स्कैनर, लैपटॉप, केवाईसी फॉर्म, वेबकैम, 15 जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, भिन्न-भिन्न अस्पतालों के नकली डिजिटल हस्ताक्षर और नगर पंचायतो के नकली डिजिटल हस्ताक्षर भी बरामद किए हैं।
इस बारे में एसटीएफ के एसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि इस शातिर गिरोह ने जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए सरकारी वेबसाइट www.crsorgi.gov.in से मिलती जुलती भी बनाई हुई थी। इस वेबसाइट के जरिए यह लोग कई राज्यों में नकली प्रमाण पत्र इत्यादि बनाने का काम कर रहे थे। इस गिरोह के द्वारा बाकायदा फ्रेंचाइजी भी बेची जा रही थी। पूछताछ करने पर पकड़े गए आरोपियों ने STF को बताया है कि वो अवैध रूप से देश में घुसने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानो को हिंदुस्तान में बसने के लिए उनके नकली जन्म प्रमाण पत्र बनाते थे।
फिर उसके आधार पर वे लोग घुसपैठियों के लिए भारत का निवास प्रमाण पत्र, वोटर कार्ड, आधार कार्ड इत्यादि बनवा देते थे। बाद ने इन दस्तावेजों का प्रयोग विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए और बीमा कंपनियों से क्लेम लेने तक में प्रयोग किया जाता था। एसटीएफ के अनुसार मोहम्मद साहिल इस सारे गोरख धंधे का मास्टरमाइंड है। जबकि पकड़ा गया दूसरा व्यक्ति मोहम्मद जुबेर व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों से संपर्क करता रहता था।