Only tweet on the death of Shankaracharya and national mourning on the death of foreigners, will India become a Hindu nation like this?.”

धर्म की जय हो हिंदुओं में सद्भावना हो, धर्म की जय हो हिंदुओं में सद्भावना हो।

हर हर महादेव

सनातन 🚩समाचार🌎 श्री द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया है। पीएम मोदी ने स्वरूपानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि उनके निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!

गृह मंत्री अमित शाह का ट्वीट

पीएम मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह ने भी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर दुख जताया है। अमित शाह ने कहा है, “द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। सनातन संस्कृति व धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित उनके कार्य सदैव याद किए जाएंगे। उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करे। ॐ शांति

योगी आदित्यनाथ जी का ट्वीट

स्वामी स्वरूपानंद के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है, “श्री द्वारका-शारदा पीठ व ज्योतिर्मठ पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य श्रद्धेय स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का ब्रह्मलीन होना संत समाज की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम दिवंगत पुण्यात्मा को अपने परमधाम में स्थान व शोकाकुल हिंदू समाज को यह दुःख सहने की शक्ति दें।
ॐ शांति!”


हिंदुओं को संगठित करने की भावना से आदिगुरु भगवान शंकराचार्य ने 1300 बर्ष पूर्व भारत के चारों दिशाओं में चार धार्मिक राजधानियां (गोवर्धन मठ, श्रृंगेरी मठ, द्वारका मठ एवं ज्योतिर्मठ) बनाईं | जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी दो मठों (द्वारका एवं ज्योतिर्मठ) के शंकराचार्य थे| शंकराचार्य का पद हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है,हिंदुओं का मार्गदर्शन एवं भगवत् प्राप्ति के साधन आदि विषयों में हिंदुओं को आदेश देने के विशेष अधिकार शंकराचार्यों को प्राप्त होते हैं

हिंदुस्तान में सनातन धर्म के चार पीठों के चारों शंकराचार्य को राष्ट्रपति से भी ऊपर का आसन प्राप्त है।

सनातन समाचार शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के बैकुण्ठ पूरी गमन से मर्माहत हैं,ये क्षति हम सनातनियों के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है, हम पुण्यात्मा को आपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
१९५० में शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती एक महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे और आजादी के आंदोलनों में जेल भी गए थे,जब १९४२ में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा तो वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और १९ साल की उम्र में वह ‘क्रांतिकारी साधु’ के रूप में प्रसिद्ध हुए। इसी दौरान उन्होंने वाराणसी की जेल में नौ और मध्यप्रदेश की जेल में छह महीने की सजा भी काटी। वे करपात्री महाराज की राजनीतिक दल राम राज्य परिषद के अध्यक्ष भी थे।

आपकी धर्म, समाज और राष्ट्र को दी गई सेवाओं को भुलाया नहीं जा सकता है।

ऐसे में एक यक्ष प्रश्न खड़ा होता है की ……..

क्या ऐसे ही बनेगा INDA हिंदु राष्ट्र ?

ब्रिटेन की महारानी के मरने पर भारत में एक दिन का राष्ट्रीय शोक।

सऊदी अरब के सुल्तान शाह अब्दुल बिन अब्दुल अजीज के मरने पर भारत में एक दिन का राष्ट्रीय शोक।

यूएई के शेख खलीफा बिन जायेद के मरने पर भारत में एक दिन का राष्ट्रीय शोक।

बालीवुड में गायिका लता मंगेशकर जी के देह त्याग पर भारत में दो दिन का राष्ट्रीय शोक।

परंतु हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी जो स्वतंत्रता सेनानी भी थे, उनके ब्रम्हलीन होने पे केवल श्रद्धांजलि ❓केवल ट्वीट❓

ऐसे होगी धर्म की रक्षा ? ऐसे बनेगा हिंदु राष्ट्र ? और ऐसे होगी आक्रांताओं और औपनिवेशिक प्रतीकों की समाप्ति ? देश तो देश जहां के वे शंकराचार्य थे, जहां वे पैदा हुए, जहां उन्होंने आजादी की लड़ाई में जेल काटी उन सभी राज्यों में कथित हिंदुवादी सरकारें हैं, वहां भी कोई राजकीय शोक नहीं दिख रहा।

धर्म रक्षको क्या ऐसे होगी धर्म रक्षा ? ऐसे ही बनेगा INDA हिंदू राष्ट्र

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *