“Shivling missing from hundreds of years old temple, is this an act of revenge for knowledge?.”
खोद कर पूरा पवित्र शिवलिंग निकाला गया, हिंदू सदमे में।
खोद कर गायब कर दिया पवित्र शिवलिंग
सनातन🚩समाचार🌎एक तरफ जहां सारी दुनियां के हिंदू वाराणसी के ज्ञानवापी मंदिर में बाबा के प्रकट होने की खुशियां मना रहा है वहीं दूसरी ओर अब इस सैंकड़ों वर्ष पुराने मंदिर से बकायदा गड्ढा खोद कर पूरे के पूरे शिव लिंग को ही निकाल कर गायब कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ के नन्हेसर गांव में उस समय हिंदुओं के पैरों के नीचे से जमीन निकल गई जब उन्हें पता चला की वो जिस पवित्र शिवलिंग की पूजा अर्चना कर रहे थे उसे ही वहां से गायब कर दिया गया है।
पवित्र शिवलिंग प्रकट हुआ था
छत्तीसगढ़ के नन्हेसर गांव में उस में खलबली मच गई जब पता चला के मंदिर में से शिवलिंग गायब है। मिली जानकारी के अनुसार नन्हेसर गांव में सैकड़ों वर्ष पुराना शिव मंदिर है यहां की एक सेवादार सरिता नाम की महिला ने रविवार की शाम को जब मंदिर की सफाई करनी चाहिए तो देखा कि पवित्र शिवलिंग अपने स्थान पर नहीं है। नन्हेसर के इस मंदिर के प्रति स्थानीय लोगों में बहुत आस्था है। माना जाता है कि लगभग 80 वर्ष पहले एक स्थानीय व्यक्ति के स्वपन में इस स्थान पर शिवलिंग होने की बात सामने आई थी। जिसके आधार पर जब खुदाई की गई तो वहां पर पवित्र शिवलिंग प्रकट हुआ था। इस स्थान पर हर साल महाशिवरात्रि के दिन बड़ा भारी मेला भी लगता है।
अक्रोषित लोग मंदिर पहुंच गए
यह घटना घटी है छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के सन्ना थाना क्षेत्र में जहां पर शिवलिंग गायब होने की सूचना के बाद सोमवार 23 मई 2022 की रात तक आसपास के गांवों से भारी संख्या में अक्रोषित लोग मंदिर पहुंच गए। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद मंगलवार की सुबह जशपुर की एडिशनल एसपी और एसडीओपी सहित भारी संख्या में पुलिस भी नन्हेसर पहुंच गई थी। बताया जा रहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी राजेश अग्रवाल ने चोरी हुए प्राचीन शिवलिंग को बरामद करने के लिए सन्ना थाना प्रभारी बीएल साहू और दुलदुला थाना प्रभारी संतलाल आयाम के नेतृत्व में 2 टीमों का गठन कर दिया है।
प्राचीन शिव मंदिर
जशपुर के सन्ना तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर नन्हेसर गांव में ही यह शिव मंदिर है जहां से यह विचलित करने वाली खबर मिल रही है। बता दें कि नन्हेसर गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी जी की पत्नी का निधन 1 सप्ताह पहले हुआ था जिस कारण वह उनके अंतिम संस्कार और अन्य क्रियाओं के कारण व्यस्त थे जिस कारण उनके स्थान पर एक सरिता नाम की महिला मंदिर की देखभाल कर रही थी। इसी महिला ने सबसे पहले इस विचलित करने वाले दृश्य को देखा था और इसकी जानकारी गांव वालों को दी थी।
बहरहाल इस घटना से जहां एक तरफ सभी हिंदुओं में बेचैनी का वातावरण है वहीं लोग इस बारे में भी बात करते हुए देखे गए कि हो ना हो यह ज्ञानवापी मंदिर में प्रकट हुए भोले बाबा की प्रतिक्रिया स्वरूप ही विधर्मियों ने ही यह कुकृत्य किया है।