“Sanatan Samachar suspects that he is an illegitimate child because he has given all this High Court also denied.”
70 सालों तक बच्चों को जो पढ़ाया गया ये सब उसिका परिणाम है।
सनातन🚩समाचार🌎ज्ञानवापी का सच क्या सामने आ गया की बहुत सारे हिंदूद्रोही कुकुरमुत्ते जगह-जगह से निकलने लग गए हैं और ज्ञानवापी मंदिर में मिले शिवलिंग के बारे में तरह-तरह की आपत्तिजनक बातें बकने लग गए हैं। यह और कुछ नहीं है ये केवल 70 सालों में पढ़ाई गई उस उन किताबों का असर है जिनमें केवल और केवल हिंदुओं को नकारने और विदेशी आक्रांता को महिमामंडित करने की बातें लिखी गई हैं। इसी कारण उन किताबों को पढ़ पढ़ कर अब बड़े हो चुके लोग हिंदू धर्म और देवी-देवताओं के बारे में अन्ट शन्ट बक रहे हैं।
महाराणा प्रताप की पत्नी के
इसी कड़ी में लखनऊ यूनिवर्सिटी के एक नीच प्रोफेसर रविकांत चंदन ने काशी विश्वनाथ जी और हिंदू साधु संतो के बारे में बहुत ज्यादा घृणित टिप्पणियां की थी, जिनके बारे में इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई गई थी। इस शिकायत के अनुसार प्रोफेसर रवि कांत ने कहा है कि “महाराणा प्रताप की पत्नी के अकबर से अवैध संबंध थे वे रात में सोने के लिए अकबर के पास (हम वह नहीं लिख सकते), कृष्ण के अनुयाई बलात्कारी हैं। सीता रावण के घर अपनी मर्जी से रुकी थी।”
अदालत द्वारा नकार दिया गया
इन सारी आपत्तिजनक बातों के बाद इस हिंदू नाम वाले परंतु हिंदू द्रोही प्रोफेसर के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवाई गई है। इसीके बारे में इसने इलाहाबाद हाई कोर्ट से निवेदन किया था कि उसके ऊपर गलत ढंग से कानूनी कार्रवाई की जा रही है तथा उसकी FIR को रद्द किया जाए। परंतु शुक्रवार 20 मई 2022 को हाई कोर्ट का आदेश आया है जिसमें उसके अनुरोध को अदालत द्वारा नकार दिया गया है। अदालत को दी अपनी याचिका में इस प्रोफेसर ने कहा था की मेरे ऊपर दर्ज धाराओं में अधिकतम 7 वर्ष की सजा है लेकिन इसके बाद भी पुलिस लगातार मेरी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।
पापी प्रोफेसर रविकांत चंदन
यह सीआरपीसी के सेक्शन 41/1 B और 41 A का उल्लंघन है। नियमानुसार ऐसे मामलों में गिरफ्तारी से पहले पुलिस आरोपी को नोटिस देती है। हाईकोर्ट ने पुलिस को इसका पालन करने को कहा है। कोर्ट ने प्रोफेसर द्वारा एफआईआर को रद्द करने की उसकी मांग को ठुकराते हुए कहा है कि अदालत के पास इस एफआईआर को रद्द करने की कोई वजह नहीं है। बता दें कि इस पापी प्रोफेसर रविकांत चंदन के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लखनऊ के हसनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी।
एफ आई आर में उस पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। इसी एफआईआर को रद्द करवाने के लिए यह प्रोफेसर इलाहाबाद हाईकोर्ट गया था। जहां पर जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा और जस्टिस मनीष माथुर की बेंच ने सुनवाई करते हुए इसकी एफआईआर रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया है।
उधर लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रों ने प्रोफेसर रवि कांत चंदन की बातों से नाराज होकर उन्होंने कुलपति कार्यालय पर धरना भी दिया है। छात्रों ने इस प्रोफेसर को कुंठित मानसिकता का बताते हुए इसे जातिवादी बताया है।
क्योंकि इसने कहा है कि “महाराणा प्रताप की पत्नी के अकबर से अवैध संबंध थे वे रात में सोने के लिए अकबर के पास (हम वह नहीं लिख सकते), कृष्ण के अनुयाई बलात्कारी हैं। सीता रावण के घर अपनी मर्जी से रुकी थी।” इसलिए सनातन समाचार का यह मानना है कि यह अवश्य ही नाजायज औलाद है।