“Sarfaraz and accomplices > 2 minor dalit girls kidnapping gangrape > SHO Rehman Ansari Mast > Panchayat imposed price.”
हिंदू संगठन ने करवाई कार्रवाई वरना थानाध्यक्ष रहमान अंसारी तो इनकार कर रहे थे।
सनातन🚩समाचार🌎 जिस गांव की दो दलित लड़कियों के साथ का अपहरण करके उनके साथ गैंगरेप कर दिया जाए और फिर उसी गांव की पंचायत मामले को दबाने लगे और पीड़ित दलित परिवार को ₹63000 दिलवा कर अपने कर्तव्य की पूर्ति मान ले तो समझ लेना चाहिए कि उस गांव का भविष्य क्या होने वाला है। यह सनसनीखेज घटना घटी है बिहार के सहरसा के अंतर्गत पड़ते बसनही थाना क्षेत्र में। इस थाना क्षेत्र में पढ़ते महुआ उत्तर बाड़ी पंचायत में यह कारनामा हुआ है।
यहां पर मोहम्मद सरफराज, मोहम्मद शमशाद, राजा और मोहम्मद सिराज ने दो नाबालिग लड़कियों का जबरन अपहरण कर लिया फिर उनके साथ गैंग रेप करके भाग गए। मिली जानकारी के अनुसार दोनों लड़कियां दलित हिंदू परिवार की हैं। यह मामला आरोपियों की मिलीभगत से पंचायत ने दबा ही दिया था परंतु जब मीडिया में सारा मामला आया तब जाकर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पता चला है कि दोनों पीड़ित लड़कियों की आयु मात्र 8 साल और 15 साल है। इन दोनों के साथ यह घटना 25 फरवरी 2022 को उस समय घटी जब यह दोनों शाम के समय घर से शौच जाने के लिए निकली परंतु रात भर वापस नहीं लौटीं।
जब दोनों लड़कियां घर वापस नहीं आई तो परिजनों ने इन्हें कई जगह खोजा परंतु यह कहीं नहीं मिली। तब परिजनों ने बसनही थाना में जाकर अपनी बच्चों के अपहरण होने की जानकारी दी।अपने दिए गए निवेदन में परिजनों ने सरफराज, विराज और शमशाद का नाम लिखा था। इसके बाद दोनों नाबालिग बच्चियां शनिवार की दोपहर को मधेपुरा जिला के अखाड़ा गांव में बरामद हुई। सूचना मिलने पर उनके परिजन उन्हें घर ले आए। अपने परिजनों को नाबालिग लड़कियों ने बताया की गांव के चार लड़कों ने उनका जबरन अपहरण कर लिया था, तथा रात भर उन लोगों ने उनके साथ गैंग रेप किया। फिर सुबह वह उन्हें खाड़ा में छोड़कर भाग गए।
इस सब के बाद शुरू हुआ इस मामले को रफा-दफा करने का षड्यंत्र। इस घटना के बाद गांव की पंचायत जुटी जिसमे आरोपियों पर ₹65000 का जुर्माना लगाया गया। (यह अपने आप में एक चिंता में डालने वाली बात है कि कोई पंचायत मासूम नाबालिग लड़कियों की इज्जत की कीमत कैसे लगा सकती है ? ) बता दें की जब इस घटना की चर्चा मीडिया में हुई तब हिंदू संगठन भी इस मामले में शामिल हुए तब जाकर इस बारे में पुलिस नहीं ने मामला दर्ज किया है। परंतु इससे पहले तो थानाध्यक्ष रहमान अंसारी तो यही कह रहे थे कि उन्हें इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
इस सारे प्रकरण में एक बात आश्चर्य में डालने वाली यह है कि यूं तो हमेशा कुछ लोग “जय भीम जय मीम” करते रहते हैं परंतु जब भीम वाले लोगों पर कोई मीम वाले अत्याचार कर देते हैं तब आखिर यह > जय भीम जय मीम वाले लोग कहां गुम हो जाते हैं ? ? ?