गुरुद्वारा साहब हो तो सिखों की मर्जी – होनी भी चाहिए,चर्च हो तो ईसाइयों की मर्जी,मस्जिद हो तो मुसलमानों की मर्जी परंतु मंदिर हो तो भी मर्जी बसपा के असलम चौधरी की ही चलेगी।
जी हां ऐसी ही घोषणा की गई है डासना के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मंदिर के बारे में वहां के स्थानीय एम एल ए अस्लम चौधरी के द्वारा।बहुजन समाज पार्टी के एमएलए ने घोषणा की है कि वह मंदिर में अवश्य जाएगा।
बता दें कि पिछले दिनों इसी मंदिर में एक लड़के को संदिग्ध स्थिति में पकड़ा गया था जिसके बारे में बताया गया कि वह लड़का मुसलमान था और मंदिर में स्थित पवित्र शिवलिंग के पास सोच कर रहा था जिससे आहत होकर वहां के सेवादारों ने उसकी पिटाई कर दी थी,वायरल हुए वीडियो में उस लड़के को थप्पड़ पड़ते दिख रहे हैं, इसके बाद मानो भूचाल आ गया बहुत सारे #सेकुलरमीडिया के पत्रकार वहां पर जाने लगे और दिखाने लगे की मंदिर में गए पानी पानी पीने गए लड़के को मारा।
जब मीडिया द्वारा खूब हो हल्ला कर दिया गया तो गाजियाबाद स्थित डासना के एमएलए भी जोश में आ गए और उन्होंने घोषणा कर दी कि कोई मुझे रोक के दिखाए मैं मंदिर में अवश्य जाऊंगा हालांकि उस मंदिर के मुख्य द्वार पर लिखा हुआ है कि इस मंदिर में मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है। इस बारे में उस शक्ति पीठ के महंत श्री यति नरसिंहानंद सरस्वती जी का कहना है कि इस स्थान पर कई बार डकैतीया पड़ चुकी हैं यह लोग जानबूझकर यहां पर बहाने बहाने रेकी करने आते हैं और कोई त्योहार हो तो मंदिर में अगर हिंदू लड़कियों को छेड़ते हैं।
बहरहाल इस सब के बाद अब #सुदर्शनन्यूज़ चैनल के मालिक एवं चेयरमैन सुरेश चौहान के जी ने भी घोषणा कर दी है कि मैं मंदिर की गरिमा व पवित्रता पर आंच नहीं आने दूंगा और मंदिर की रक्षा करने के लिए मैं भी डासना के उस शक्ति पीठ मंदिर में पहुंचूंगा।साथ ही उन्होंने अपने चैनल पर भी आव्हान किया है की सभी धर्म प्रेमी भी शुक्रवार को डासना पहुंचे।
अब यह देखना दिलचस्प होगा की भविष्य में यह शक्तिपीठ मंदिर किन लोगों की मर्जी के अनुसार चलेगा ? बसपा के स्थानीय MLA असलम चौधरी के अनुसार या धर्म के अनुसार ? या उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्रशासन के अनुसार ??
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