राजनीति: यह शब्द वास्तव में एक दिव्य शब्द है इस शब्द का अर्थ है नीतियों की राजा परंतु वर्तमान में राजनीति के मायने ही कुछ और हो गए हैं आज तो राजनीति का अर्थ केवल गिरगिट की तरह रंग बदलना ही रह गया है।
आज कैसे भी करके राज राजनीती का अर्थ जीतना ही रह गया है।आजादी के बाद से ही बहुत सारे हिंदुओं को यही लगता रहा कि उनकी घोर उपेक्षा हो रही है उनके धर्म का अपमान हो रहा है जिस कारण धीरे धीरे करके आखिर पिछले 70 सालों से सत्ता के आसन पर विराजमान पार्टी को लोगों ने दरकिनार कर दिया।इसके बाद ही राजनीति में कई अद्भुत परिवर्तन देखे जा रहे हैं जो नेता निरंतर हिंदुओं की उपेक्षा करते थे वह ऊपर से पहन कर उसे दिखाते हुए देखे गए और अपने को हिंदू घोषित करते हुए देखे गए और जो कहते थे हिंदू मंदिर में लड़की छेड़ने जाते हैं वही लोग मंदिर मंदिर जाते हुए भी देखे गए।
यहां काबिले गौर बात यह है कि पिछले बहुत समय से टीवी चैनलों पर और सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियो देखी गईं जिनमें पश्चिमी बंगाल की ममता दीदी श्री राम जी के नाम से भड़कती देखी गई भयंकर गुस्सा करते देखी गईं और यह विडंबना ही है कि अब वह खुद मंदिर मन्दिर जा रही हैं मंच से श्री चंडी जी का पाठ भी कर रही हैं, और तो और जिस पश्चिमी बंगाल में हिंदुओं को पूजा पंडाल लगाने के लिए अदालतों का आश्रय लेना पड़ रहा था उसी पश्चिमी बंगाल में ममता जी ने पिछले दिनों खुद पूजा पंडाल लगवाए।
खैर सनातन धर्म के लिए तो यह संकेत अच्छे ही हैं परंतु बड़ा सवाल यह उठता है कि यह नेता कब तक अपने देश की जनता को इस तरह मुर्ख़ बनाते रहेंगे विशेषता हिंदुओं के साथ कब तक घोर विश्वासघात करते रहेंगे ???