“हिन्दु मन्दिर एक्ट’ हर हिन्दु का अधिकार है।
हम अपने अधिकार “हिन्दु मन्दिर एक्ट’ के लिये भगवान के आदेशानुसार अपना कर्म कर रहे हैं।
पिछले काफी समय से सारे देश के हिंदुओं में ये मांग उठ रही है कि हम हिंदुओं के मंदिरों पर हमारा ही अधिकार हो और इसके लिए व्यवस्थित हिन्दू मन्दिर एक्ट बनाया जाए। इस बारे में पंजाब में अब सरगर्मियां बहुत तेज हैं। जानियें हिन्दू मन्दिर एक्ट की आवश्यकता क्यों है हिंदुओं को ??
अगर आप सनातनी हैं तो आप भी भगवान के आदेशानुसार अपना कर्म करिये, आप अन्य सनातनियों से फोन पर सम्पर्क करके 3 सितम्बर को चंडीगढ़ विधानसभा में भगवा लगी दस हजार गाड़ियों के “विशाल भगवा मार्च” में केवल 5 गाड़ियों के लीये प्रयास करें।
फेसबुक सोशलमीडिया आदि पर लाइव आकर वीडियो बनाकर हिन्दूओं को जगाने का प्रयास करके अपना कर्म करिये।
हिन्दु मन्दिर एक्ट आवश्यक क्यों❓
🔅सभी प्वाइंट ध्यान से पढ़े
- बिना किसी डर दबाव, किसी भी सरकारी या गैरसरकारी दखल के अपनी धार्मिक रस्मों पूजा अर्चना रीति रिवाज का पालन करने की पूर्ण स्वतंत्रता के हमारे मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करना।
- हमारे धर्मस्थलों की मूल परंपराओं, सिद्धान्त, दर्शन आदि के बार बार हो रहे हनन को रोकना उनको संरक्षित सुरक्षित करने के हमारे मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करना।
- हमारे धर्मस्थलों में बिना किसी सरकारी या राजनीतिक हस्तक्षेप के अपने स्तर पर हमारे धर्मस्थलों के प्रबंधकों को हमारे धर्मस्थलों के प्रबंधन के हमारे मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करना।
- सरकार के कब्जे में चल रहे हमारे धर्मस्थलों से सरकार का कब्जा हटा कर देवालय देवस्थान प्रबंधन एक्ट के अधीन समिति गठित करके हमारे समाज को अपने धर्मस्थलों के प्रबंधन के हमारे मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करना।
- हमारे धर्मस्थलों की सम्पत्ति जमीन जायदाद आदि के संरक्षण और सुरक्षा को सुनिश्चित करना।
- हमारे धर्मस्थलों की खुर्द फुर्द हो चुकी सम्पत्ति जमीन जायदाद आदि को निश्चित समयावधि में पुनः धर्मस्थलों को सौंपने को सुनिश्चित करना।
- हमारे जीर्णशीर्ण हो रहे धर्मस्थलों का जीर्णोद्धार को सुनिश्चित करना।
- हमारे धर्मस्थलों में उपयुक्त व्यक्तियों को नियुक्त करके धार्मिक रस्मों रीति रिवाजों आदि के पालन के हमारे मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करना।
- धर्मस्थलों से सम्बंधित हमारे आपसी विवादों का बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के अपने स्तर पर निपटारा करने को सुनिश्चित करना।
- हमारे धर्मस्थलों से सम्बंधित विवादों को लंबी कानूनी प्रक्रिया से मुक्त करके अपने स्तर पर निपटारे का अधिकार सुनिश्चित करना।
- हमारे शास्त्रों, वेदों, ग्रन्थों आदि में किसी भी रूप में वर्णित किसी भी देवी, देवता, जल, जीव, जंतु, पर्वत, पेड़, पौधे आदि या उनके अनुयायियों से सम्बंधित किसी भी पूजा स्थल या किसी भी अन्य रूप में किसी भी जमीन जायदाद या सम्पत्ति को धर्मस्थल की परिभाषा में लाने को सुनिश्चित करना।
- हमारे धार्मिक, सामाजिक या अन्य किसी भी विषय पर शास्त्रों के अनुसार विवाद के निपटारा अपने स्तर पर करने के अधिकार को सुनिश्चित करना
- हमारे शास्त्रों के अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, आवास जैसी समाज सेवाओ के हमारे मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करना।
- हमारे गोशालाओं, शिक्षण संस्थानों अन्य संस्थानों के प्रबन्धको को संरक्षण सुनिश्चित करना।
- हमारे मामलों में कोताही बरतने वाले सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक दंड का प्रावधान सुनिश्चित करना।
- योजना के अनुसार हमारे शास्त्रों के अनुसार हमारे धर्माचार्यों के सर्वसम्मत या बहुमत से निर्णय और उन निर्देशों को हमारे हर व्यक्ति व्यक्ति तक पहुंचाने को सुनिश्चित करना।
- चंडीगढ़ हाईकोर्ट की डबल बेंच के 10 मई 2015 के आदेश को तुरंत लागू करके धर्मस्थलों की जमीनों को निश्चित समयावधि में कब्जो से मुक्त करवा कर धर्मस्थलों को तुरंत वापिस सौंपने को सुनिश्चित करना।
- हमारे माफीलैंड या अन्य धर्मस्थलों में पुजारी या महन्त आदि की नियुक्ति का डीसी, एफसीआर या सरकार को कोई अधिकार नही है इस बात को सुनिश्चित करना।
- हमारे धर्मस्थलों में सरकार की मलकियत के दावे को खत्म करके सम्बंधित धर्मस्थल की ही मलकीयत को सुनिश्चित करना।
- आपदा की स्थिति में हमारे समाज के लोगों को हमारे धर्मस्थलों से मदद को सुनिश्चित करना।
- हमारे समाज के लोगों को बहला फुसला कर, प्रलोभन देकर, लालच देकर, किसी डर या दबाव आदि द्वारा कीये जा रहे धर्मांतरण पर दंड का प्रावधान सुनिश्चित करना। जिनका इस तरह धर्मांतरण हो चुका हो उनके धर्मांतरण को अवैध घोषित करके दोषियों को दंड सुनिश्चित करना।
- हमारे समाज से स्वेच्छा से धर्मांतरण करने वाले व्यक्तियों को हमारे धर्म की सूची से बाहर करने को सुनिश्चित करना और संविधान के मुताबिक हमारे धर्म के अनुसार हमारी जातिगत व्यवस्था से बाहर करके उनके जातिगत प्रमाणपत्रों आदि को रद्द करने और उससे प्राप्त लाभों की रिकवरी को सुनिश्चित करना।
- हमारे समाज मे किसी भी तरह के बाहरी दखल को रोकने को सुनिश्चित करना।
- हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले दोषियों को निश्चित समयावधि में दंड को सुनिश्चित करना।
- हमारे दीवानी या फौजदारी मामलों के सम्बंध में भ्र्ष्टाचार या अन्य किसी कारण से कोर्ट में ठीक से पैरवी ना करने वाले सरकारी वकीलों आदी के विरुद्ध कारवाई को सुनिश्चित करना।
- हमारे समाज के प्रत्येक व्यक्ति को संरक्षण को सुनिश्चित करना।
- हमारी धार्मिक तस्वीरों, शब्दों आदि के दुरुपयोग को रोकने को सुनिश्चित करना।
- प्राण प्रतिष्ठित मूर्तियों आदि को दीवानी मामलों में कानून जीवित मानता है। फौजदारी मामलों में भी उनको जीवित मान कर कानूनी कारवाई को सुनिश्चित करना।
- धर्मस्थलों में पूर्ण धार्मिकता से प्रबंधन को सुनिश्चित करना।
- एफसीआर द्वारा 2005 में चंडीगढ़ हाईकोर्ट में दिये हलफनामे के अनुसार हमारे धर्मस्थलों की जमीनों को सुरक्षित करने के लीये पॉलिसी बनाना।
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अगर आप “हिन्दू मन्दिर एक्ट” की इस मुहिम से सहमत हैं तो नीचे दिए किसी एक नम्बर पर डायल या क्लिक करके मिस्ड कॉल की ऑप्शन दबाएं।
+917696520613 या +919855386903
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