आज ~ विक्रम संवत – 2078,अयन – दक्षिणायन, ऋतु – शरद, मास – भाद्रपद,कृष्ण पक्ष, तिथि – सप्तमी रात्रि 11:26 तक तत्पश्चात अष्टमी🌹
🚩🙏 कृष्णम वन्दे जगदगुरूम 🙏 🚩
भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी, रोहिणी नक्षत्र एवं हर्षण योग में हुआ था। सौभाग्य से इस वर्ष इसी तिथि, नक्षत्र और योग की स्थिति बन रही है।🌹
🚩तंत्र शास्त्र के अनुसार, किसी भी सिद्धि को पाने के लिए या मनोकामना पूर्ति के लिए चार रात्रियां सबसे बेहतर हैं पहली है कालरात्रि (नरक चतुर्दशी या दीपावली), दूसरी है अहोरात्रि (शिवरात्रि), तीसरी है दारुणरात्रि (होली) व चौथी है मोहरात्रि अर्थात जन्माष्टमी यानी इस दिन किए गए उपाय अवश्य सफल होते हैं।
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भगवान श्रीकृष्ण श्री विष्णु के आठवें अवतार हैं। सोलह कलाओं से परिपूर्ण दिव्यतम अवतार है | विलक्षण और अद्भुत शक्तियों के स्वामी है | भगवान श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी के दिन इतना शुभ माना जाता है कि यदि कोई मन से उन्हें प्रसन्न कर ले तो उसके सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं।
विशेष :–
श्री कृष्ण जन्माष्टमी को वासुदेव कृपा के लिए किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय
🚩माना जाता है कि इस दिन कुछ खास और आसान उपाय किया जाए तो कुंडली के अशुभ ग्रहो के प्रभाव को काम किया जा सकता है एवं सभी ग्रहों के सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं |
1.. 🚩महावीर, महाज्ञानी, महान नीतिकार, महायोगी,शस्त्रधारी,महान राजा हैं श्री कृष्ण भगवान जी🚩
2..अस्थिरता एवं संघर्ष को दूर करने के लिए जन्म अष्टमी के दिन सायं काल तुलसी पौधे के नीचे घी का दीपक जलाकर निम्न मन्त्र
ऊं वासुदेवाय नमःकी माला का जाप करें।
3..जन्म अष्टमी के दिन ‘क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरि परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः’ इस मन्त्र का तुलसी की माला से जाप करने से घर में हर प्रकार सुख व शान्ति बनी रहेगी।
4..सुख व शान्ति के लिए दक्षिणावर्ती शंख से श्री कृष्ण जी का अभिषेक करने से घर में रोग का नाश होता है तथा लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।
समस्याओ के निवारण के लिए मन्त्र
‘कृष्णः शरणं मम्’का जाप करें।
5..बीमारी और क्लेश दूर करने के लिए-
क्लीं कृष्णाय सर्व क्लेशनाशाय नम:
हाथ में हल्दी और तुलसी पत्र लेकर मंत्र का जाप श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष लाभदायी है | सौभाग्य वृद्धि के लिए माता बहनो द्वारा विशेष फलदायी
6.. ‘ऊं ऐं श्रीं क्लीं प्राणवल्लभाय सौः सौभाग्यदाय श्रीकृष्णाय स्वाहा’
मंत्र का जाप श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष लाभदायी है |
7.. संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाओं को इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप गोपाल का पूजन कर पंचामृत से स्नान कर नया वस्त्र धारण कराकर गोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए।
‘ऊॅ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।
छेहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।।
8.. जन्माष्टमी सँध्या के समय घर में तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएँ और
‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
का जाप करते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें, इससे परिवार में सुख शांति और प्रेम का वातावरण बना रहता है|
9.. वास्तु दोष- घर में किसी भी तरह का वास्तु दोष हैं तो 8 मोर पंख को एक साथ नीचे से सफेद धागे से बांध दें और ओम सोमाय नमः मंत्र का जाप करें। इससे आपके घर का वास्तु दोष दूर होगा और नकारात्मकता दूर होगी।
10.. जन्माष्टमी की शाम को तुलसी पूजन करें। तुलसी के पौधे को लाल चुनरी ओढ़ाकर दीपक जलाएं। इसके बाद तुलसी के पौधे के सामने ही बैठकर माला लेकर
“ॐ वासुदेवाय नम:”
का जाप दो बार पूरी माला फेरकर करें। आपकी आर्थिक परेशानी दूर हो जाएगी और घर में समृद्धि आएगी।
11.. कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए जन्माष्टमी के दिन मोर पंख अर्पित करने वाले भक्तों पर भगवान श्रीकृष्ण कृपा बरसाते हैं। जन्माष्टमी की रात्रि तकिए के नीचे सात मोर पंख रखें ऐसा करने से कालसर्प दोष दूर हो जाता है। घर में मोरपंख रखने से सुख शांति आती है🌹
🚩श्री कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत को शास्त्रों में ‘व्रतराज’ कहा जाता है। मान्यता है कि इस एक दिन व्रत रखने से कई व्रतों का फल मिल जाता है।
अपनी समस्त इच्छाओं की पूर्ति के लिए, अभीष्ट लाभ की सिद्धि के लिए जन्माष्टमी के दिन ये उपाय पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास से अवश्य करें —
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जन्माष्टमी का त्योहार 30 अगस्त को मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि 29 अगस्त को रात 11 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी और 31 अगस्त की रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी।
रोहिणी नक्षत्र 30 अगस्त को सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगा, जो कि 31 अगस्त को सुबह 9 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा। पूजा का समय 30 अगस्त की रात 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। पूजा के शुभ समय की कुल अवधि 45 मिनट🌹