जब सरकार अपना काम करने में असफल रही तो अब आम जनता विरोध में आई है। परंतु एस एच ओ साहब के व्यवहार से लगता है कि यह उन्हीं ने बनाई है।
मामला दिल्ली में आजादपुर फ्लाईओवर के ऊपर बनी हुई मजार का। आपको याद होगा कि सनातन🚩समाचार🌎 ने इस मजार का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद सनातन समाचार की वह खबर बहुत ज्यादा वायरल हुई। जिस कारण यह बात जन जन तक पहुंच गई की फ्लाईओवर के ऊपर एक अवैध मजार बना दी गई है। जैसा की पहली खबर में भी बताया गया था कि अगर कोई मजार होती भी है तो वह भूमि पर बनी होती है, जहां पर किसी मरे हुए व्यक्ति को दबाया गया होता है। परंतु यह बहुत विचित्र मामला है, जहां पर पुल के ऊपर ही मजार बना दी गई है। फ्लाईओवर के ऊपर मजार बनाए जाने का एक अर्थ यह भी हो सकता है कि अगर कभी असमजिक तत्वों को आवश्यकता पड़े तो इस ऊंचाई से नीचे खड़े लोगों पर अथवा सुरक्षाबलों पर हमला भी किया जा सकता है।
बहरहाल इस विचित्र मजार के चर्चे जब दिल्ली तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में जोर शोर से होने लगे तो लोग इसके खिलाफ खुलकर सामने भी आने लगे। क्योंकि दिल्ली में अब ऐसा कोई कोना नहीं बचा है जहां पर मजार ना बनी हुई हो। मजे की बात यह है कि यह मजारें रातों-रात उग रही हैं। बता दें की आजादपुर फ्लाईओवर के ऊपर बनी मजार के बारे में जब एक व्यक्ति वहां पर ड्यूटी दे रहे आदमी से जब इस मजार के बारे में पूछताछ कर रहा था तभी अचानक वहां पर उस इलाका के एस एच ओ साहब आ गए। दी गई वीडियो में साफ-साफ दिख रहा है कि SHO साहब एकदम से मजार के व्यक्ति और उससे मजार के बारे में पूछने वाले व्यक्ति के बीच में आकर खड़े हो गए मानो मजार वाले व्यक्ति को सुरक्षा कवच दे रहे हों।
और SHO साहब इस तरह से व्यवहार करने लगे मानो यह मजार उन्होंने ही बनाई हो। वीडियो में एस एच ओ साहब का व्यवहार बहुत हैरान कर देने वाला है। यह साहब आपत्ति करने वाले व्यक्ति की कोई भी बात सुनने को तैयार ही नहीं थे, बस केवल अपने ही पुलिसिया अंदाज में जबरदस्त रौब डाल रहे थे, और गुस्से में भरकर अंग्रेजी में बात कर रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे यह मजार उन्होंने खुद ही बनाई हो या उन्हें कहीं से विशेष आदेश मिला था इस मजार का जो भी विरोध करें उससे बहुत बुरा व्यवहार करना है, तथा उसे जेल भेजना है।
इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि SHO साहब मजार के बारे में प्रश्न पूछने वाले युवक को आईपीसी की धाराएं गिनवा रहे हैं। परंतु जब उनके अंग्रेजी में कहे जाने वाले वाक्यों से युवक को संतुष्ट नहीं हुआ तो आखिर एसएचओ साहब ने उसे धकेल कर पुलिस की गाड़ी में बिठा दिया। वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि एसएचओ साहब किसी जबरदस्त दबाव में हैं या तो उनको अपने मजार छिन जाने का डर है या उनके ऊपर किसी आका का दबाव है।
इस मजार में तैनात सिकंदर का कहना है कि 1982-83 में ये मजार बनी है जबकि सन 1982 में तो ये फ्लाईओवर बनना आरम्भ भी नहीं हुआ था। इसी पुल पर उपस्थित एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि मैंने तो खुद इस मजार को केवल हो 10 से 11 साल पहले ही देखा है। विजय नाम के इस युवक ने बताया कि फ्लाईओवर का निर्माण आरंभ होने से पहले ही उसके देखते देखते नीचे की एक जगह को घेर कर उस पर मजार बना दी गई थी। फिर उसके बाद जब उसके ऊपर उस फ्लाईओवर बन गया तो इन लोगों ने फ्लाईओवर के ऊपर भी मजार बना दी है।
यहां फिर वही सवाल पैदा होता है कि मजार तो वही होती है जिसमें कोई मृतक दबा हुआ होता है तो ऐसे में फ्लाईओवर के ऊपर मजार कैसे बन सकती है ? या अपने आप में बहुत बड़ा आश्चर्य है तथा यह जांच का विषय है।
बहर हाल आदरणीय एसएचओ साहब के व्यवहार की यह वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इनकी जमकर निंदा की जा रही है, तथा साथ ही आम जनता द्वारा यह मांग भी की जा रही है कि सरकार द्वारा इस एसएचओ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
Mujhe Bahut Dukh Hai Is Tarah Ki kaarvayi aisa sabne kari aur ham Ashwini aapke Sath Hain
HumApkeSathHai
Thank you, Ashwani ji. We appreciate your efforts. All the Best to you.