बीच सड़क में अवैध कब्जा करके मजार बना दी जाए तो प्रशासन की हिम्मत नहीं कि उसे हटा दे।
अब यह कोई नई बात नहीं रह गई है कि हिंदुस्तान में किसी भी प्रांत में किसी भी शहर में अथवा कस्बे में कहीं भी रातों-रात किसी भी पीर की मजार रातों-रात उग आती है यानी बना दी जाती है। और एक बार मजार बन गई तो बन गई किसी भी प्रशासन या अधिकारी मैं इतना दम नजर नहीं आता कि कोई उस हुए अवैध कब्जे को हटा दे, भले ही इससे कितना भी ट्रैफिक जाम क्यों ना हो रहा हो। चाहे उसे जाम में फस कर किसी एंबुलेंस में पड़े मरीज की जान ही क्यों ना निकल जाए परंतु मजार तो मजार है। पता नहीं ऐसा कौन सा खौफ प्रशासनिक अधिकारियों के दिमाग में घुस गया है कि वह इन हो रहे अवैध कब्जों को चुपचाप देखते रहते हैं, परंतु अपना कर्तव्य पालन करते हुए उन्हें हटाते नहीं हालांकि इन अधिकारियों को मोटी मोटी तनख्वाह इसी काम के लिए ही मिलती हैं।
केवल और केवल हिंदू ही जाते हैं।
बता दें कि कभी कभार कोई अधिकारी इन अवैध मजारों को हटाने का कारनामा कर भी देता है। अब हालात यह हो चुके हैं कि आप कहीं भी किसी भी सड़क पर चले जाएं आपको कोई ना कोई मजार अवश्य ही दिखाई दे जाएगी। और यह सभी मजारे वह होती हैं जो आपने पहले कभी नहीं देखी थी यह बस पिछले दो चार 6 महीने में अथवा 1 साल के भीतर भीतर ही बनी हुई होती हैं। हालांकि कुछ गिनती के पुराने स्थान भी हैं।वास्तव में यह मजारें अब एक बहुत बड़ा धंधा बन चुकी हैं। हालांकि इस्लाम में तो ऐसी मजारे बनाना उन्हें पूजना अपराध है कुफ्र है। और मजे की बात यह है कि इन मजारों पर मुसलमान तो जाते भी नहीं और अगर जाते हैं तो केवल और केवल हिंदू ही जाते हैं।
और यह वह हिंदू होते हैं जिन्हें अपने देवी-देवताओं पर विश्वास नहीं होता और वह सोचते हैं कि इस मजार में पड़ा कोई पीर बाबा हमारा भला कर देगा जबकि वह मजार तो 1 साल कोई 2 साल कोई 3 साल पहले ही उगी हुई होती है। अब यह समझ से परे है कि आखिर हिंदुओं में यह भृम कहां से पैदा हो गया है ? और क्यों हिंदू इस भेड़ चाल का शिकार हो रहे हैं ? इन मजारों की बढ़ती भीड़ के कारण आम जनमानस भी अब त्रस्त होने लगा है।
ऐसा ही मामला आया है दिल्ली के छतरपुर इलाके का। इस बारे में दो वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं जिनमें एक जागरूक लड़की सड़क के बीचो-बीच बनी मजार को हटाने का प्रयास करती हुई दिख रही है। उसके साथ शायद उसका एक सहयोगी भी है वह लड़की स्पष्ट कह रही है कि मैं फरवरी में इधर आई थी तो यहां पर कोई मजार नहीं थी। यहां बड़ी बात यह है कि राजधानी के छतरपुर जैसे व्यस्त इलाके में सड़क को रोककर बीचो-बीच मजार बना देना प्रशासन की बहुत बड़ी नालायकी साबित करता है। हालांकि सनातन🚩समाचार🌎 इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि यह वीडियो कहां का है, परंतु इन दो वीडियो के साथ-साथ यह भी लिखा जा रहा है कि यह घटना दिल्ली के छतरपुर इलाके की है।
बरहाल घटना कहीं की भी हो परंतु जो इस वीडियो में दिख रहा है वह इस बात का प्रमाण है कि आम जनता अब इन मजारों की भीड़ से परेशान हो चुकी है और इनसे छुटकारा पाना चाहती है। अब देखना यह है कि क्या अब भी सरकारों की कुम्भकर्णी नींद इस बारे में टूटती है या नहीं ? या अब आगे भी इसी तरह धड़ाधड़ मजारे बनती रहेंगी ???
भारत देश में आजादी के बाद सभी केंदर सरकारों और राज्य सरकारों, चाहे वह किसी भी पार्टी की हों, ने हिन्दू विरोधी ऐजनडा ही अपनाया हुआ है, यहाँ तक कि हमारी सुप्रीम कोर्ट भी हिन्दू विरोधी और दोगली है, ईस्लाम की हर जायज नजायज बात मानी जा रही है, अब हिन्दूओं को सरकार और कानून का सहारा छोड़ कर खुद अपनी रक्षा करनी होगी, हिन्दूओं को लडाके बनना पडेगा, अहिंसा छोड़ हिँसा को अपनाना होगा, फिर सभी सरकारें, सभी अदालतें आपकी बात मानेगे,
🚩हिन्दू माने या ना माने हिंदुओं को युद्ध ने 1000 साल पहले से चुन रखा है। हम नहीं माने और सारी दुनिया से खत्म हो गए और अब अस्तित्व खत्म होने की तैयारी है। अब या तो अपनी बहन बेटियों को लुटवा के कुत्ते की मौत मरें अथवा लड़ते हुए वीर गति को पाएं और स्वर्ग प्राप्त करें। मर्जी हमारी।