राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीमकोर्ट हुआ सहमत।
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के द्वारा सुप्रीमकोर्ट मे एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका में बंगाल में फैली अशांति के कारणों की जांच के लिए एक SIT गठित करने की मांग की गई है, तथा याचिका में राज्य सरकारों से नुकसान का पता लगाने और पीड़ित परिवारों के सदस्यों को मुआवजा देने की मांग भी की गई है। याचिका में कहा गया है कि 2 मई को विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद, T M C समर्थकों ने जो किया वो बिल्कुल भी ठीक नहीं था।
T M C को नोटिस जारी
याचिकाकर्ता रंजना अग्निहोत्री की तरफ से अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र सिंह ने कहा कि “याचिका पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई अशांति को रोकने के उद्देश्य से दायर की गई है। इस याचिका को सुनने वाली पीठ ने कहा, हम प्रतिवादी संख्या 1, (भारत संघ), प्रतिवादी संख्या-2 (पश्चिम बंगाल सरकार) और प्रतिवादी संख्या 3 (भारत निर्वाचन आयोग) को नोटिस जारी कर रहे हैं। प्रतिवादी संख्या 4 – तृणमूल कांग्रेस पार्टी(टीएमसी) के अध्यक्ष के रूप में ममता बनर्जी है।
ताकि सत्ता उनके हाथों में रहे
याचिका में कहा गया है कि जनहित याचिका असाधारण स्थिति में दायर की गई है। क्योंकि पश्चिम बंगाल के हजारों लोगों को विपक्षी दल BJP का समर्थन करने के लिए TMC पार्टी द्वारा बहुत प्रताड़ित किया जा रहा है तथा याचिकाकर्ता पश्चिम बंगाल के उन सभी हिंदुओं की बात कर रहे हैं जो भारतीय जनता पार्टी के समर्थक हैं और एक विशेष मानसिकता के कारण मुसलमानों द्वारा उन्हें बहुत सताया जा रहा है ताकि आने वाले समय में सत्ता उनके ही हाथों में रहे।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिये।
माननीय उच्च न्यायालय ने भारत की संप्रभुता और अखंडता को बचाने के लिए केंद्र सरकार को अनुच्छेद 355 और अनुच्छेद 356 द्वारा प्रदान अपनी शक्ति का प्रयोग करने करने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि पश्चिमी बंगाल में चुनावों के बाद से अब तक भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं बंगाल से निरंतर परेशान कर देने वाली खबरें और वीडियो निरंतर आ रही हैं जिनमें यह स्पष्ट दिख रहा है कि वहां पर बड़े-बड़े अधिकारी भी उपद्रवियों के आगे विवश हैं साथ ही वहां पर रह रहे हिंदुओं की हालत बद से बदतर होती जा रही है आशा करनी चाहिए की सुप्रीम कोर्ट अब पश्चिमी बंगाल के मामले में कुछ ऐसे कदम अवश्य उठाएगा जिससे कि बंगाल में रह रहे हिंदू अब कुछ शांति से जी पाएंगे।