सन्त सताए तीनो जाएं आज तेज और वंश, हिन्दू सन्तों पे सितम आखिर कब तक – कब तक ?

आज से 8 साल पहले 31 अगस्त 2013 को ठीक रात 12 बजे 76 वर्षीय हिन्दू संत आशारामजी बापू की गिरफ्तारी हुई थी। मीडिया ने आज तक जितना उनके खिलाफ इतना मीडिया ट्रायल चलाया की जितना किसी के खिलाफ नहीं चलाया। क्योंकि आशाराम बापू ने ईसाई बना दिए गए लाखों हिंदू आदिवासियों की घर वापसी करवा दी थी, करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति कट्टर बना दिया था, सैंकड़ों गुरुकुल और 17000 से अधिक बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित किया, कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर अनेकों गौशालाएं खोल दी, वेलेंटाइन डे के दिन करोडों लोगों द्वारा मातृ-पितृ पूजन शुरू करवा दिया।

धर्मान्तरण की दुकानें

विदेशों में भी उनके लाखों अनुयायी बन चुके थे और वे वहां भारतीय संस्कृति प्रचार प्रसार करने लगे थे, करोड़ों लोगों को व्यभिचारी से सदाचारी बना दिया उसके बाद उन करोडों लोगों ने व्यसन छोड़ दिये, सिनेमा में जाना छोड़ दिया, क्लबों में जाना छोड़ दिया, ब्रह्मचर्य का पालन करने लगे, स्वदेशी अपनाने लगे, जिसके कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अरबों-खरबों रुपयों का घाटा हुआ था। और ईसाई मिशनरियों की धर्मान्तरण की दुकानें भी बंद होने लगीं थीं।

देश व धर्म की रक्षा के लिए

फिर पूरे सुनियोजित ढंग से ये भयंकर षड्यंत्र रचा गया।
बताया जाता है कि अरबों-खरबों का कंपनियों को घाटा होने और धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने के कारण हिन्दू धर्म व राष्ट्र विरोधी ताकतों ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा। हिंदुत्ववादी प्रसिद्ध वकील डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया है कि मैंने आशाराम बापू को पहले ही बता दिया था कि आप जो धर्मान्तरण रोकने का कार्य कर रहे हैं उसके कारण वेटिकन सिटी बहुत नाराज है और वे सोनिया गांधी को बोलकर आपको जेल भेजने की तैयारी कर रहा है, पर आशारामजी बापू ने कहा कि “देश व धर्म की रक्षा के लिए सूली पर चढ़ जाऊंगा लेकिन धर्म की हानि नहीं होने दूंगा।”

जेल भेजने की तैयारी

आपको बता दें कि उनके खिलाफ षडयंत्र तो 2004 से शुरू हो गया था और 2008 में उसने जोर पकड़ा। उसमें उनके गुरुकुल के दो बच्चों की संदिग्ध रूप से मौत हो गई थी। और तब तांत्रिक विद्या बताकर मीडिया ने उनके विरुद्ध इतना कुप्रचार किया कि आम जनता में भी रोष व्याप्त होने लगा था। बाद में जब सुप्रीम कोर्ट ने और उसके बाद सरकार ने उन्हें क्लीनचिट दी तब मीडिया ने कुछ नहीं दिखाया। 2008 में ही उनको जेल भेजने की तैयारी थी लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं हुए। तब विदेशी फंड से चलने वाली बिकाऊ मीडिया उनकी वैदिक होली का कुप्रचार करने लगी अर्थात उनके हर हिन्दू धर्म के अनुसार किये जाने वाले कार्य की आलोचना करने लगी और उनको बदनाम करना जारी रखा।

माँ कमरे के बाहर बैठी थी

साल 2013 में उनके खिलाफ एक FIR दर्ज हुई लेकिन आपको बता दें कि आरोप लगाने वाली लड़की रहने वाली थी शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) की, पढ़ती थी छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) में, घटना जोधपुर (राजस्थान) की बता रही है। और FIR करवाती है तथाकथित घटना के 5 दिन बाद दिल्ली में वो भी रात के 2:45 बजे; दिलचस्प बात तो ये है कि FIR में उस लड़की ने लिखवाया है कि मैं कमरे के अंदर थी और मुझ पर आशाराम बापू ने डेढ़ घण्टे तक हाथ घुमाया और मेरी माँ कमरे के बाहर गेट पर बैठी थी। तो क्या लड़की चिल्ला नहीं सकती थी ?

अचानक क्या हुआ

चिल्लाती तो तुरन्त ही उसकी मां को पता चल जाता। दूसरी बात कि वो घटना रात को 10:30 के आसपास की बता रही थी जबकि वो जिसके घर में रुकी थी वे लोग बता रहे थे कि 10:30 बजे तो वो हमारे घर में ही थी और हमने दरवाजा को लॉक कर दिया था। लड़की की कॉल डिटेल के अनुसार तथाकथित घटना के समय लड़की अपने एक मित्र से बात कर रही थी। जिनके घर पर वो रुकी थी उन्होंने भी बताया कि सुबह हमारे साथ लड़की हंस खेल रही थी, हम उनको स्टेशन पर भी छोड़कर आये फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि उसने FIR करवा दी।

FIR करने के बाद आरोप लगाने वाली लड़की को उसकी सहेली ने पूछा कि ऐसे झूठे आरोप क्यों लगा रही है ?? तो उसने जवाब दिया कि मेरे को मेरे माता-पिता जैसे बोल रहे हैं वैसा कर रही हूं। फिर लड़की जो तथाकथित घटना बता रही है तो उस समय तो आशाराम बापू किसी कार्यक्रम में थे, उनके साथ 50-60 लोग भी थे जिन्होंने कोर्ट में गवाही भी दी है।

रेप का आरोप है ही नहीं

आपको बता दें कि जब लड़की का मेडिकल करवाया गया तो उसमें एक खरोंच का निशान तक भी नहीं आया अर्थात लड़की के साथ कुछ हुआ ही नहीं और FIR में भी लिखा है कि रेप हुआ ही नहीं सिर्फ हाथ घुमाया। मेडिकल में वो भी बात खारिज हो गई लेकिन मीडिया ने दुष्प्रचार किया कि लड़की के साथ रेप हुआ है। जबकि खुद जांच ऑफिसर अजय पाल लाम्बा ने बताया कि रेप का आरोप है ही नहीं, छेड़छाड़ का आरोप है फिर भी विदेशी फंडेड मीडिया उनको बदनाम करती रही।

आपको ये भी बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता सज्जन राज सुराणा ने न्यायालय में साजिश का खुलासा करते हुए आगे बताया कि Prosecution Witness PW-06 मणई फार्म हाउस के मालिक रामकिशोर ने ये कहीं नहीं कहा कि 15/08/2013 को लड़की या उसके माता-पिता रात्रि को 10 बजे कुटिया या कुटिया के आस-पास गए तो फिर जो रेप कमिट हुआ क्या वो हवा में कमिट हुआ ? इन्होंने उसके existence को ही नकार दिया।

conspiracy

अब question ये पैदा होता है कि ये लड़की आखिर आरोप क्यों लगा रही है ? इसके लिए हमने जिज्ञासा भावसार का स्टेटमेंट रीड किया। इसमें अमृत प्रजापति, कर्मवीर, राहुल सचान, महेंद्र चावला आदि जो बहुत से गवाह थे उन्होंने मिलकर conspiracy (षड्यंत्र) की- ऐसा कहा गया है। उनके अहमदाबाद स्थित आश्रम को एक फैक्स भेजा गया था जिसमें अमृत प्रजापति व उनके साथियों के द्वारा ये कहा गया था कि 50 करोड़ रुपये दे दो वरना परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाओ।

हम झूठी लड़कियां तैयार करेंगे, प्लांट करेंगे जिसके कारण बापूजी जिंदगी भर तक जेल में रहेंगे, कभी बाहर नहीं आ सकेंगे। इस बात के लिए conspiracy वडोदरा (गुजरात) में की गई थी। जिसमें दीपक चौरसिया (इंडिया न्यूज़) भी शामिल था जो मीडिया के ऊपर प्रचार प्रसार कर रहा था। कर्मवीर (परिवादिता का पिता) भी शामिल था। सबने मिलकर जो conspiracy की थी वो जिज्ञासा भावसार के सामने की थी। इन सबका जो एक motive था, वो 50 करोड़ की ब्लैकमेलिंग का था।

सुब्रमण्यम स्वामी

50 करोड़ नहीं देने के कारण से मणई गाँव का पूरा घटनाक्रम बनाया गया है। इस तरीके से सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया और उनको 76 वर्ष की आयू में आधी रात को गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में चल रहे ट्रायल जिसमें अपराध सिद्ध नहीं हुआ। और 5 साल तक चलने वाले केस जे दौरान उनको एक सेकिंड की भी जमानत नहीं दी गई। जबकि उनके केस की पैरवी दिग्गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी पैरवी कर चुके हैं। इसके बाद एक बज़ुर्ग सन्त को एक लड़की के बयान को सही मानते हुए POCSO एक्ट लगाकर सेशन कोर्ट ने उम्रकैद सजा सुना दी।

जबकि लड़की बालिग थी उसके अलग अलग बर्थ सर्टिफिकेट से साबित भी हुआ था और बापूजी के पास निर्दोष होने के अनेक प्रमाण हैं फिर भी उन्हें सजा सुना दी गयी। आपको बता दें कि निचली अदालत के कई फैसले हाईकोर्ट ओर सुप्रीम कोर्ट बदल देती है क्योंकि कई बार जल्दीबाजी में गलत निर्णय ले लिया जाता है। खैर जब वे ऊपरी कोर्ट में जायेंगे तब निर्दोष तो बरी होंगे ही, लेकिन उनका देश व धर्म के लिए कार्य करने का इतना कीमती समय कौन लौटा पायेगा ?

सलमान खान को निचली अदालत से सजा होने के बाद भी ऊपरी कोर्ट तुरंत जमानत दे देती है, और आतंकवादियों के हथियार रखने वाले संजय दत्त को बार बार पेरोल देती रही। वो ही न्यायालय हिंदू संत आसारामजी बापू को 8 साल में एक दिन/एक सेकिंड की भी जमानत अथवा पेरोल नहीं दे पाई। जो कानून पूरे भारत में कोरोना फैलाने वाले मौलाना साद को और दिल्ली के इमाम बुखारी पर सैंकड़ों गैर जमानती वारंट होने के बाद भी आजतक गिरफ्तार नहीं कर पाया वही कानून हिंदू संत आशारामजी बापू को 8 साल से जेल में रखे हुए है।

और जो मीडिया सिर्फ हिंदू धर्म के साधु-संतों के खिलाफ झूठी कहानियां बनाकर बदनाम करती है वही मीडिया इन सबपर चुप है, और सेक्युलर हिंदू तो वामपंथी मीडिया की बात को मानकर अपने ही धर्मगुरुओं के खिलाफ बोलना चालू कर देते हैं। इसलिए हिंदू भाईयो अब समझ जाओ कि सनातन धर्म की रक्षा करने वालों को कैसे फंसाया जाता है। अभी समय है अपने धर्मगुरुओं के खिलाफ हो रहे षड्यंत्रों के खिलाफ आवाज उठाओ, उनकी रिहाई करवाओ अन्यथा कहीं आने वाले समय में हिन्दुस्थान अफगानिस्तान जैसा न बन जाए।

85 Year Old Innocent Sant Asharamji Bapu Begins 9th Year In Jail, Not Released Even For 1 Second – Because He’s A Hindu

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *