मजार का मतलब नीचे कोई शव दबा हुआ और मूर्ति का मतलब प्राण प्रतिष्ठित पवित्र स्वरूप। आज कल नई नई उग रही मजारों के नीचे तो कोई मुर्दा हो ही नहीं सकता। इन मजारों को कोई हाथ नहीं लगा सकता परन्तु सारे देश मे पवित्र मूर्तियां तो तोड़ी ही जा रही हैं।
अब धर्म का यह अपमान हुआ है योगी जी के राज में, उत्तर प्रदेश में। हिन्दू आस्था को ठेस पहुंचाने वाली ये दुर्घटना घटी है उत्तर प्रदेश के लखनऊ में। यहां के थाना पी.जी.आई.के अंतर्गत आवास विकास योजना वृंदावन सेक्टर 11बी के पार्क मे 20 वर्षों पुराना मंदिर शुक्रवार को नाग पंचमी के दिन तोड़ दिया गया है। इसे आवास विकास परिषद के कर्मचारियों और वरिष्ठ पदाधिकारियों के सामने ही तोड़ा गया है। इस मंदिर में माँ दुर्गा जी मूर्ति, शिव जी की पवित्र पिंडी और हनुमान जी की मूर्तियां स्थापित थीं। जिन्हें आवास विकास के अधिकारियों ने साथ आये मजदूरों से निर्दयता पूर्वक तुड़वा दिया। बतादें की ये क्रूर कार्रवाई किसी भी पूर्व सूचना के की गई।
इन आततायियों ने माता शेरावाली माँ की मुर्ति पर ड्रिल मशीन से प्रहार किया जिससे मुर्ति खंडित हो गई। इसके पश्चात शिव जी की पवित्र पिंडी पर भी ड्रिल मशीन से प्रहार करके उसे उखाड़ दिया तथा साथ ही हनुमानजी की मूर्ति पर भी ड्रिल मशीन का प्रयोग किया। मन्दिर पर हो रहे इस हमले की जानकारी जब हिंदुओं को मिली तो वहां पर भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए तथा इस मंदिर को तोड़े जाने का विरोध करने लगे। इस बारे में अधिकारियों का कहना था कि यह मंदिर यहां पर अवैध कब्जा करके बनाया गया है वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोग कह रहे थे कि यह तो लगभग 20 साल से ज्यादा पुराना मंदिर है। हम यहां पर प्रतिदिन पूजा अर्चना करने आते हैं।
अधिकारियों का इस बारे में कहना है कि ये जमीन आवास विकास योजना पार्क में है यहां अवैध निर्माण किया गया है। कुछ स्थानीय लोगो का कहना था की अगर ऐसा है तो अधिकारियों ने इतनी भयंकर कार्रवाई करने से पहले मन्दिर प्रबंधकों को कोई नोटिस क्यों नहीं दिया ? आखिर आवास विकास परिसर के लोग कोई हिंसक घटना को अंजाम देने की रणनीति बना कर आये थे ? ये भी सवाल उठता है कि इतनी बडी कार्यवाही करने आये आवास विकास के अधिकारी प्रशासन को इस कार्रवाई की सूचना दिए बिना ही कैसे हिंदुओं के मंदिर और धावा बोलने पहुंच गए ? ये बात अलग है कि हमेशा की तरह हिंदुओं ने कोई उग्र प्रतिक्रिया नही दी परन्तु अगर हिन्दू उग्र हो ही जाते तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होती ? तब क्या आवास विकास के अधिकारी इसकी जिम्मेदारी लेते ?
इस सबसे यही लगता है कि इस विभाग द्वारा उस मन्दिर का अपमान जानबूझ कर समाज मे अशांति फैलाने की नीयत से किया गया है।
बहरहाल यहां सबसे बड़ा मुद्दा तो यह बनता ही है कि एक तरफ जहां सारे देश में धड़ाधड़ नई-नई मजार में उड़ रही हैं उनके ऊपर कभी भी कोई भी सरकारी विभाग या प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता हालांकि यह मजारें बन रही हैं नए नए बने हाईवे पर, उन के बीचों बीच। यहां तक कि अब तो फ्लाईओवर के ऊपर भी मजारें उग रही हैं। परंतु ऐसा क्या कारण है की अवैध कब्जे हटाने के नाम पर केवल हिंदुओं की आस्था पर ही प्रहार क्यों किए जाते हैं, क्यों हिंदुओं के पवित्र मंदिर तोड़ दिए जाते हैं ???