धर्म के नाम पर केवल ठुमके – ठिठोली – शृंगार रस और प्रेम रस की ही बातें क्या इसी को धर्म प्रचार कहते हैं ?

आजकल धर्म के नाम पर लोगों को मूर्ख बना कर धर्म का धंधा करने का रिवाज चला हुआ है, जिसे भोले भाले हिंदू भी आंखें मूंद कर स्वीकार कर रहे होते हैं। क्योंकि आख़िर इन धन्दे बाजों के शब्दों में हमारे भगवान, हमारे ठाकुर जी हमारे आराध्यों के नाम जो होते हैं। बस अपने आराध्या का नाम आते ही हिंदू भाव में बह जाते हैं, और इनकी ठगी का शिकार हो जाते हैं।

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जी हां वास्तव में यह ठगी ही करते हैं, सनातन धर्म में कहीं भी ठुमके लगाने का प्रावधान नहीं है, हां भाव में आकर कोई नृत्य करता है तो उसको तो प्रणाम ही करना पड़ेगा। हमारी माता मीराबाई जी इसका साक्षात प्रमाण हैं, परंतु वर्तमान में तो जिसको भी थोड़ा बहुत गाना आ गया, बोलना आ गया या डांस करना आ गया उसके पास एक ही कारोबार होता है कि चलो अब कथाकार बन जाते हैं। पैसा भी आएगा आदर मान भी आएगा और खाने पीने को मेवे मिठाइयां, छप्पन भोग भी मिलेंगे।

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परंतु अब हिंदुओं को सावधान होना चाहिए, क्योंकि इस सब चलते हिंदुओं का अब अस्तित्व ही समाप्त होने को है। कहां तो सारे विश्व का एकछत्र सम्राट हिंदू और कहां अब यह स्थिति कि हिंदू हिंदुस्तान में ही समाप्त होने को है। ऐसे में आवश्यकता तो इस बात की थी कि हमारे धर्म गुरु हमारे कथा कारों के द्वारा हिंदुओं को उनके आराध्यों के वीर रस और शौर्य रस के गुणगान सुनाए जाते, परंतु दुर्भाग्य से यह धर्म का धंधा करने वाले धूर्त लोग हिंदुओं काल्पनिक बातों में उलझा उलझा के नाच नाच के नचा नचा के नपुंसक ही बनाए जा रहे हैं। यह लोग कभी नहीं बताते कि धर्म की रक्षा करनी चाहिए धर्म के लिए प्राण दे देने चाहिए, धर्म की रक्षा के लिए भगवान श्री राम जी ने क्या किया, धर्म की रक्षा के लिए भगवान श्री कृष्ण जी ने क्या-क्या किया, धर्म की रक्षा के लिए मां भगवती दुर्गा जी ने क्या-क्या किया ?? किन-किन दुर्जनो का हमारे देवी देवताओं ने संहार किया ? यह सब नहीं बताएंगे क्योंकि वह सब बताने से इनके पास आए हुए लोगों का मनोरंजन नहीं होगा और अगर यह उनका मनोरंजन नहीं करेंगे तो इन्हें धन की प्राप्ति कैसे होगी ?
यह लोग धन के लोभ में पढ़कर हिंदुओं को भ्रमित कर रहे हैं। ऐसे में बहुत आवश्यक है कि ऐसे धन के लोभी भांड कथा कारों का डटकर विरोध किया जाए इनसे पूछा जाए कि आप लोग यह भांड पना क्यों करते हो ? क्यों हिंदुओं से ठुमके लगवाते रहते हो ?

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

4 thoughts on “क्या ये धर्म प्रचार है या धंधा है❓कथाकार या भांड ❓धर्म की चिंता करें भावुक ना बने, इनका विरोध करें🙏”
  1. समन्दरसिंह इन्दा प्रतिहार, बालेसर सत्ता, जोधपुर, राजस्थान says:

    ऐसा कानून भी बने और हिन्दूओं को भी संगठित होकर इन धर्मविरोधियों का मुँहतोड़ जवाब देने की योजना बनाकर धरातल पर यह मुहिम शुरू कर देनी चाहिए नहीं तो बहुत देर हो जाएगी। आने वाली पीढ़ी नपुसंकता की जगह वीरता के द्वारा प्रतिरोध करना सीख गई तो यह मलेच्छ हमारे सामने नहीं टिक पाएँगे।
    इस हेतु हमें कमर कसकर अपनी पीढ़ी को इस हेतु सक्षम बनाकर उन्हें प्रेरणा और प्रोत्साहित करना ही होगा अन्यथा समय हमारे हाथ से निकल जाएगा और हम सोशल मीडिया पर ही योजना बनाते रह जाएँगे।
    हिन्दू एकता के प्रयास हेतु आपका बहुत बहुत हार्दिक अभिनंदन सा।।

    1. प्रेरणा देने और हमारा बल बढ़ाने के लिए आभार। कृपया 7837213007 पे फोन करें जी।

  2. समन्दरसिंह इन्दा प्रतिहार, बालेसर सत्ता, जोधपुर, राजस्थान says:

    ऐसा कानून भी बने और हिन्दूओं को भी संगठित होकर इन धर्मविरोधियों का मुँहतोड़ जवाब देने की योजना बनाकर धरातल पर यह मुहिम शुरू कर देनी चाहिए नहीं तो बहुत देर हो जाएगी। आने वाली पीढ़ी नपुसंकता की जगह वीरता के द्वारा प्रतिरोध करना सीख गई तो यह मलेच्छ हमारे सामने नहीं टिक पाएँगे।
    इस हेतु हमें कमर कसकर अपनी पीढ़ी को इस हेतु सक्षम बनाकर उन्हें प्रेरणा और प्रोत्साहित करना ही होगा अन्यथा समय हमारे हाथ से निकल जाएगा और हम सोशल मीडिया पर ही योजना बनाते रह जाएँगे।
    हिन्दू एकता के प्रयास हेतु आपका बहुत बहुत हार्दिक अभिनंदन सा।।

    1. आपके विचार अति उत्तम हैं। आपने समर्थन दिया आपका बहुत बहुत धन्यवाद।।

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