पादरी ने किया कुकर्म तो लगा POCSO एक्ट, भेज दिया गया है जेल।
हिंदुस्तान का मीडिया कितना हिंदू विरोधी है, इसके प्रमाण निरंतर मिलते रहते हैं। हिंदुओं को बदनाम करने का कोई भी मौका मीडिया नही छोड़ता है, वहीं जब किसी अन्य मत या मजहब की कोई बात होती है तो यह तथाकथित सेकुलर मीडिया पूरी तरह मौन साध लेता है। हिंदुस्तान में चल रहे मीडिया के निशाने पर खासकर हिंदुओं के संत ही रहते हैं। जबकि यह न्यूज़ चैनलों वाले पादरियों द्वारा किए गए कुकर्म पर हमेशा चुप हो जाते हैं।
नया मामला आंध्र प्रदेश के काकीनाडा स्थित सर्पवरम का है जहां एक पादरी द्वारा 10 साल की नाबालिग बच्ची से कुकर्म किया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार 46 वर्षीय पादरी अलावला सुधाकर को गिरफ्तार कर लिया है जो एक गाँव में पादरी है।
मिली जानकारी के अनुसार आरोपित पादरी ने 22 जून 2021 को यौन शोषण करने के साथ ही नाबालिक बच्ची से मारपीट भी की थी। बच्ची की माँ को जैसे ही इस घटना के बारे में पता चला तो उसने सर्पवरम थाने में पादरी के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की। मिली शिकायत के बाद बाद पुलिस ने पादरी को गिरफ्तार कर लिया तथा जांच के बाद पादरी के खिलाफ POCSO धारा के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया और इसके बाद आरोपी पादरी को अदालत में पेश किया गया जहां पर अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इस घटना के बारे में पता चला है कि 22 जून को यह पादरी एक समारोह में शामिल हुआ था। वहीं पर 10 वर्षीय बच्ची भी आई हुई थी। आरोपी पादरी सुधाकर ने बच्ची को बहला-फुसलाकर चर्च से दूर ले जाकर उससे कुकर्म किया।
इस दुर्घटना से घबराई बच्ची जब चिल्लाने लगी तो पादरी ने ने बच्ची को 50 रुपए का का नोट पकड़ाकर इसके बारे में किसी से कुछ नहीं बताने को कहा। इस हुई घटना से बच्ची बहुत डरी हुई और गुमसुम थी, जिससे आशंकित होकर गांव वालों ने और उसके परिवार वालों ने जब उसे बार-बार पूछा तो नाबालिग बच्ची ने रोते हुए सारी घटना के बारे में बता दिया। इसके बाद आक्रोशित गांव वालों और पीड़िता के परिजनों ने पुलिस में इसकी शिकायत कर दी, जिसके आधार पर पुलिस ने पादरी को गिरफ्तार कर लिया।
इस घटना के बारे में सर्पवरम सर्किल के इंस्पेक्टर बी राजशेखर ने बताया की, “काकीनाडा के रहने वाले पादरी की पहचान अलवला सुधाकर के तौर पर हुई है। 22 जून 2021 को वह शहर में हुए एक समारोह में वह शामिल होने के लिए आया था, तथा इसी समारोह में अवसर पाकर उसने एक नाबालिग बच्ची को एक झोपड़ी में ले जाकर उसके साथ है कुकर्म किया था। बहर हाल अदालत के द्वारा पादरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।
इस सारे प्रकरण में ध्यान देने वाली बात यह है की सारी दुनिया सहित हिंदुस्तान में भी पादरियों पर अक्सर यौन शोषण के आरोप लगते रहते हैं परंतु क्या कारण है की इन पादरियों के कुकर्म ऊपर हमेशा चुप रहने वाला मीडिया हिंदू संतों के ऊपर मात्र आरोप लगते ही दिन रात मीडिया ट्रायल चलाना शुरु कर देता है और अदालत के फैसले के पहले ही हिंदू संतो को अपराधी भी सिद्ध कर देता है बड़ा सवाल यह है की तथाकथित सेकुलर मीडिया का यह दोहरा रवैया क्यों है ?❓