कुछ बंधुओं को यह बातें परेशान भी कर सकती हैं और बहुत सारे लोग इससे पूरी तरह सहमत भी अवश्य होंगे।

वर्तमान युग में पैसा कमाना अति आवश्यक हो चुका है। परंतु कुछ लोग अंधाधुंध पैसा कमाने की चाह में बहुत सारे उल्टे सीधे कार्य भी करने लगते हैं और अंततः वह पुलिस द्वारा पकड़े भी जाते हैं। परंतु एक धंधा ऐसा भी चल पड़ा है जिसमें पुलिस का कोई भी डर नहीं है। हां उसमें परमात्मा का डर तो है परंतु यह लोग परमात्मा के डर को तो मानते ही नहीं हैं बल्कि परमात्मा के ही नाम पर यह लोग ऐसे ऐसे आडंबर पूर्ण कार्य करते हैं जो पूरी तरह धर्म के विरुद्ध होते हैं। हम अक्सर देखते हैं कि हमारे बहुत सारे कथावाचक आजकल ऐसे ही कामों में लगे हुए हैं।

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👉 “सभी नहीं” परंतु कई ऐसे हैं जो अपने कृत्यों से धर्म का उपहास तो करते ही हैं साथ ही वह उनके पास आने वाले लोगों के दिमाग में भी बहुत बड़ी भ्रांति पैदा कर देते हैं। यह वह लोग होते हैं जो धर्म के नाम पर ज्यादा से ज्यादा धन इकट्ठा करने की दृष्टि से ही इस व्यवसाय में उतरते हैं।वास्तव में धर्म या कथा वाचन करना कोई व्यवसाय नहीं है, परंतु जब इन तथाकथित कथावाचकों के द्वारा ऐसी चेष्टाएँ की जाती हैं जिन्हें देखकर मुख से यही निकलता है कि यह लोग व्यवसाय कर रहे हैं, धंधा कर रहे हैं। यह लोग सनातन की श्रेष्ठ गद्दी यानी पवित्र व्यास पीठ पर बैठने से पहले खूब अच्छी तरह श्रृंगार करते हैं। कई तो भोले भाले हिंदुओं को भ्रमित करने के लिए अपनी पगड़ी इत्यादि में मोर का पंख सजा लेते हैं, मेकअप कर लेते हैं, और थोड़ी बहुत हास्य विनोद जैसी बातें कथाओं में करने के बाद यह लोग एकाएक नाचने कूदने लग जाते हैं।

और क्योंकि हिंदू स्वभाव से ही श्रद्धालु होते हैं इसलिए इनके सामने बैठे हुए भोले भाले श्रद्धालु भी इनकी भाव भंगिमाओं में फंस कर इन को पूरा समर्थन देने लगते हैं, ताली बजाने लगते हैं, इन पर नोटों की बौछार करने लगते हैं और खुद भी नाचने लगते हैं।

बस यहीं से शुरू होता है सनातन धर्म का पतन क्योंकि कहां तो इन कथा वचनों के द्वारा अपने पास हुए लोगों को धर्म के प्रति दृढ़ होना बताया जाना था, धर्म पर डटना बताया जाना था, लव जिहाद का विरोध करना बताया जाना था, अपना धर्म त्याग कर किसी अन्य धर्म को ना अपनाने की प्रेरणा दी जानी थी, परंतु यह लोग भोली भाली जनता को, श्रद्धालुओं को यही प्रेरणा देते हैं कि कृष्ण भगवान जी तो रास रचैया हैं, वह तो नृत्य/डांस करते हैं, माखन बाजी करते हैं, मुरली वादक हैं, चूड़ी बेचने वाले और भी जाने क्या-क्या बता बता कर, भावपूर्ण बातें कर कर के श्रद्धालु भक्तों को अपनी लच्छे दार बातों में भ्रमित करके, उन्हें फिर नाच नाच के दिखाते हैं और तरह-तरह के एक्शन में नाचते हैं। और भोले भाले सनातनी श्रद्धालु हिंदू तब केवल इन चुटकुले बाजों की झूठी कथाएं और डांस बाजियों को ही धर्म समझ लेते हैं। जिस कारण उन्हें धर्म के वास्तविक अर्थ का पता ही नहीं चलता। और अपनी जड़ों से कमजोर हुए हिंदू बहुत आसानी से अपना धर्म बदल रहे हैं। और पहले से ही इन लोगों के द्वारा श्रृंगार रस की बातें, डांस की बातें, चुटकुलों की बातों में रमी हुई हिंदुओं की लड़कियां बहुत आसानी से लव जिहादियों के चंगुल में फंसकर अपना जीवन बर्बाद कर लेती हैं।

अतः सनातन🚩समाचार🌎 अपने ऐसे सभी तथाकथित कथावाचकों के चरणों में दंडवत प्रणाम करते हुए विनती करता है कि कृपा करके अब हम हिंदुओं को वास्तविक धर्म की बातें बताएं 🙏 इस तरह की माखन बाजियां, बांसुरी वादक, श्रृंगार की बातें बता बता कर हमे और भ्रमित ना करें। हमे महाबली भगवान श्री कृष्ण जी के शौर्य की बातें बताया करें।

यहां एक बात बहुत ध्यान देने वाली है कि मुसलमान कभी भी नहीं नाचते इसलिए उनके सामने सभी पार्टियां नाचती हैं, सभी सरकारें उनके आगे नाचती हैं। और इधर हिंदू नाचने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते इसलिए सभी पार्टियां, सभी नेता और सभी सरकारें हिंदुओं को नचाती हैं। मुसलमान कभी नहीं नाचते वह अपने मजहब पर अडिग रहते हैं जिस कारण आज उनके विश्व में 57 इस्लामिक देश हैं। और इधर हिंदू जो कभी विश्व सम्राट था आज बचे खुचे भूभाग हिन्दुस्थान में ही अपने खत्म हो रहे अस्तित्व को फटी आंखों से हक्का बक्का होकर देख रहा है।

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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