नालागढ़: मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में बीते दिनों एक नवयुवक ने कोरोना और लॉकडाउन पर सवाल खड़े करते हुए एक वीडियो बना कर फेसबुक पे अपलोड करदी।
सरकार व प्रशासन हिंदुत्ववादी गौरक्षों पर कर रही है अत्याचार: यति सत्यदेवा नन्द सरस्वती जी महाराज।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय संत परिषद् के हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा के प्रभारी यति सत्यदेवानन्द सरस्वती महाराज जी ने यह बात आज गूगल मीट पर ऑन लाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस मे पत्रकार वार्ता में कही।
उन्होंने नालागढ़ के एक छोटे दुकानदार सुरिन्द्र राणा द्वारा मुख्यमंत्री और प्रशासन से सवाल करने वाला एक विडियो वायरल किया गया था। इस पर बीजेपी तथा प्रशासन द्वारा उसको प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि एक अपराध पर दो बार एफ आई आर और एक में जमानत और दूसरे मे 14 दिन का रिमांड किस संविधान के तहत दिया गया है ?
उन्होंने आगे बताया कि सुरिंदर राणा एक प्रबल गौ रक्षक भी हैं। उसने 18 मई को बद्दी में एक विडियो में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रशासन से लॉकडॉउन पर कुछ सवाल किए जो की उसका लोकतांत्रिक अधिकार है।
जिसके बाद बद्दी पुलिस ने उसको 20 मई रात को गिरफतार किया और 21 मई को उसको ज़मानत पर रिहा कर दिया। यहां तक की कार्रवाई तो न्यायसंगत थी। परन्तु सुरिंदर राणा की उसी पुरानी वीडियो एक अन्य आइडी से बायरल होने पर उसपर दोबारा मुकद्दमा दर्ज करके झूठी धाराएं लगाकर रविवार को फ़िर से नालाघर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और फ़िर से रविवार को ही कोर्ट ने उसको 14 दिन का रिमांड पर भेज दिया।
उन्होंने आगे कहा कि आज जहां वैश्विक महामारी के चलते जेलों से कैदियों को निकाला जा रहा है वहीं सुरिंदर राणा का 14 दिन का रिमांड निदनीय है।
उन्होंने कहा कि सुरिन्द्र राणा के ऊपर प्रशासन ने एक आरोप दुकानदारों और जनता को भड़काने का लगाया है तो प्रशासन को सबसे पहले व्यापार मंडल के उन अधिकारियों पर कार्यवाही करनी चाहिए जिन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार को चैलेंज किया था कि अगर 18 मई तक सरकार ने सभी दुकानें नहीं खुलवाई तो उसके बाद बुधवार को सभी व्यापारी दुकानें खोलेंगे और अगर किसी भी अधिकारी ने किसी दुकानदार का चलान काटा तो सब व्यापारी परिवार सहित सड़कों पर आ जाएंगे। यह लोगों के भड़काने में नहीं आता या केवल एक वीडियो पर सवाल करना राष्ट्र द्रोह हो जाता है ?
उन्होंने आगे कहा कि जितना दोषी सुरिन्द्र राणा है उससे कहीं ज्यादा दोषी संघठन के वो पदाधिकारी हैं जो अपने लोगों को भड़का कर खुद उनका साथ छोड़ देते हैं।
उन्होंने कहा जैसे ही लोकडाउन खत्म होगा वो हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में जाकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे।