कश्मीर में सिख बेटी को 46 साल के अधेड़ से बचा कर लाने और उस बेटी का सिख युवक से आनंदकारज सम्पन्न कराने में सफल हो जाने के लिए समस्त सिख संगत को बधाई।
यह ज़िंदा कौम होने का सर्वश्रेष्ठ प्रमाण है। इस मामले में कानून और कथित आदर्शों के सम्मुख सिक्खों ने आत्मसमर्पण नहीं किया। इस घटना से बहुत से सबक सीखने चाहियें हिंदुओं को! घटना की जानकारी होते ही श्रीनगर में बहुत कम संख्या होने के बाबजूद समस्त सिख स्त्रियां, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सड़क पर उतर आए, कोर्ट परिसर का घेराव किया गया वहीं दूसरी ओर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के बुजुर्ग सिख और सिख नेताओं ने श्रीनगर पहुचने में देर नहीं की ! पहले घेराव, धरना, प्रदर्शन में भाग लिया, पूरे देश को हिला दिया और फिर सरकार को भी अल्टीमेटम दे दिया।
सिखों द्वारा किये गए इस प्रतिकार से गृहमंत्री को भी अपनी मशीनरी को लगाना पड़ा, क्योकि बगैर प्रशासनिक सहयोग के युवती का सिख रीति से गुरुद्वारे में विवाह करना असम्भव सा कार्य था।
लड़की वापिस मिलते ही उसका विवाह
सिख समुदाय के लोगों के भारी प्रदर्शन के बाद अपहरणकर्ताओं द्वारा सिख लड़की को सिख समुदाय के हवाले कर दिया गया तो सिख समुदाय द्वारा 18 साल की इस लड़की की गुरुदारा छटी पातशाही में एक स्थानीय सिख युवक से शादी करवा दी गयी है। जिसकी एक तस्वीर भी सिख समुदाय द्वारा जारी की गई है। इसके साथ ही ये कुकृत्य करने वाले शाहिद नजीर अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया है।
Paying obeisance at Gurdwara Sri Bangla Sahib with Manmeet Kaur, the Sikh daughter from Kashmir who was forcibly converted. But her family fought for faith and got her back. Manmeet Kaur has come to Delhi to take Guru Sahib’s blessings and thank the Sangat for their support. 🙏🏻 pic.twitter.com/7OjQRKp6dG
— Manjinder Singh Sirsa (मोदी का परिवार) (@mssirsa) June 29, 2021
श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन में शिअद नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा था कि उन्होंने यह मुद्दा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा के समक्ष उठाया है। सिरसा ने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह हमसे फोन पर बात की। उन्होंने हमें बताया कि वह रविवार से उपराज्यपाल के संपर्क में हैं और स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं।’’
बहरहाल यह एक बहुत बड़ी खुशी की बात है कि सिख भाइयों ने एक बार फिर से अपने जिंदा होने का प्रमाण दिया है, परंतु इसके विपरीत अगर किसी हिन्दू सनातनी युवती के साथ ऐसा होता तो हिन्दू माता-पिता कुछ दिन रो-धोकर, हार मानकर बैठ जाते ! कोई सामाजिक मदद, धरना-प्रदर्शन, धमकी और प्रतिरोध का तो प्रश्न ही नहीं था। अनेक हिन्दू खुद ही कहने लगते कि कन्या 18 वर्ष की बालिग हो चुकी है, मोमिन बन चुकी है, निकाह भी हो चुका है, अब कुछ होना संभव नहीं।
कश्मीर की हुई इस घटना से इस समय हिंदुओं के सभी नेता सवालों के घेरे में हैं क्योंकि ऐसी अपहरण और जबरन निकाह की घटनाएं हिंदुओं के साथ अक्सर होती ही रहती हैं परंतु कभी भी कोई हिंदू नेता इस तरह से सामने नहीं आया है जिस तरह से कश्मीर में सिख नेता खुलकर अपनी कौम के पक्ष में खड़े हो गए।
सिक्ख भाईयो ने अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है। गृहमंत्री अमित शाह जी के प्रयासों की सराहना।
जय श्री राम।।
आदरणीय जी सवाल तो ये है कि हिन्दू भाई ऐसा कब करेंगे ?????