यति नरसिंहानंद सरस्वती जी को महामंडलेश्वर घोषित करके सन्त समाज ने दिया है बड़ा संकेत।
सनातन समाचार (डासना) : हिन्दुओ पर बढ़ते अत्याचारों ने संत समाज की बदली प्राथमिकताएं। जूना अखाड़े के इस कदम ने घोषणा की है कि जिहाद के विरुद्ध संघर्ष में वो यति नरसिंहानंद सरस्वती जी का पूर्ण समर्थन करता है।
हर तरह से जगह जगह हिन्दुओ पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता स्वामी नारायण गिरी जी महाराज की पहल पर जूना अखाड़ा के महामंत्री स्वामी हरि गिरी जी महाराज ने अब तक संत समाज से अलग थलग रहने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती जी को बड़ी जिम्मेवारी देते हुए उन्हें अपना शिष्य बनाकर उनका महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक कर दिया है।
इस्लाम के खिलाफ
यति नरसिंहानंद सरस्वती जी महाराज को वैश्विक परिदृश्य में इस्लामिक जिहाद के विरुद्ध वैचारिक संघर्ष का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है। और ये सर्व विदित है कि मानव इतिहास में इस्लाम के खिलाफ बोलने पर उनके सर की आज तक की सबसे बड़ी कीमत लगाई है। ऐसे व्यक्ति को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देकर जूना अखाड़ा और सारे संत समाज ने अपनी बदलती हुई आवश्यकताओं और प्राथमिकताओ को भी दर्शाया है।
श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा
कल सर्वसम्मति से यति नरसिंहनंद सरस्वती जी महाराज को जूना अखाड़ा में शामिल करके उन्हें स्वामी नरसिंहानंद गिरी नाम से सुशिभित किया गया है। उन्हें चोटी गुरु श्री महंत हरी गिरि जी अंतरराष्ट्रीय संरक्षक से श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भगवा गुरु श्री महंत प्रेम गिरी जी महाराज अध्यक्ष सभापति जूना अखाड़ा श्री उमा शंकर भारती जी विभूति विभूति गुरु श्री महंत नारायण गिरी जी महाराज रुद्राक्ष गुरु श्री महंत केदार पुरी जी महामंत्री लंगोटी गुरु ने विधिवत सन्यास दीक्षा देकर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा में नरसिंहनंद गिरि जी को शामिल किया गया।
उसके बाद आज प्रातः काल 6:30 बजे ब्रह्म मुहूर्त में परम पूजनीय जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने हरिहर आश्रम में आज उनका महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक कर दिया गया। इसके साथ ही उनको देवी मंदिर डासना गाजियाबाद का पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर भी घोषित किया गया है।
सनातन समाचार से बात करते हुए स्वामी नरसिंहानंद गिरी जी ने बताया कि उन्हें इस बात की बेहद प्रसन्नता है कि उनके विचारों और कार्यों को परम आदरणीय सन्त समाज ने सही माना है। उन्होंने आगे बताया कि ये सब माँ और महादेव की मुझ पर विशेष अनुकम्पा का और समस्त सन्त समाज के आशीर्वाद का ही फल है। उन्होंने आगे कहा कि जिस उद्देश्य को ध्यान में रख कर मुझे सन्त समाज ने ये जिम्मेवारी दी है उसे मैं माँ और महादेव की कृपा से अपनी सारी शक्तियों के साथ पूर्ण करूँगा।
बहरहाल स्वामी नरसिंहानंद गिरी जी को महामंडलेश्वर घोषित किये जाने पर सभी सनातनियों में प्रसन्नता की लहर है।
Yeti Narasimhanand ji declared Mahamandaleshwar, people are praising this move of Juna Akhara