“Where Shri Krishna Bhagavad Gita had revealed the knowledge of Shrimad Bhagvad Gita, this disaster has happened in the same best place / temple.”
दस बारा ईंटें जोड़ कर ढक दो हरे कपड़े से फिर मंद मती हिंदू वहां रगड़ते हैं नाक।
सनातन🚩समाचार🌎भगवान भोलेनाथ और मां आदिशक्ति की संताने जब इन पर विश्वास ना करके कहीं और नाक रगडती हैं तब बहुत अजीब लगता है कि क्या इनके देवताओं की शक्ति खत्म हो गई है जो यह कहीं भी जाकर अपना माथा रगड़ने लगते हैं ? न जाने क्यों ऐसा चलन हिंदुओं में चल पड़ा है कि कहीं पर भी 10 -12 ईंटें रखकर उसके ऊपर अगर हरा कपड़ा ढका हुआ होता है तो तुरंत बहुत सारे हिंदू वहां पर लाइन लगाकर नाक रगड़ने लग जाते हैं। यह बात समझ से परे है कि एक तरफ जहां शास्त्र सम्मत विधि से किसी भी देवी या देवता की प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति है जिसकी युगों युगों से हिंदू पूजा अर्चना करते आए हैं उसको त्याग कर किसी ऐसी जगह पर जाकर दया की भीख मांगना जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है > ऐसा अब हिंदू लोग क्यों करने लगे हैं ?
मरा हुआ कुत्ता
मजे की बात यह है की हम जानते हैं कि यहां पर कभी कूड़ा करकट का ढेर होता था या यहां पर कुत्ते गंदगी फैलाते थे वहां पर किसी ने भी एक लंबे से आकार की ईंटें जोड़कर ऊपर हरा कपड़ा डाल दिया, बस पता नहीं उसमें ऐसा हिंदुओं को ऐसा क्या दिखने लग जाता है जो वहां पर जाकर हर बृहस्पतिवार को लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं। और कई प्रमाण तो ऐसे भी हैं कि किसी स्थान पर किसी ने मरा हुआ कुत्ता गाड़ के उसके ऊपर 2-4 ईंटें रख कर उसके ऊपर कोई कपड़ा बोरी इत्यादि ढक दिया और फिर किसी ने आकर हरा कपड़ा रख दिया। बस यह हरे कपड़े का चमत्कार पता नहीं कैसा हैं कि मंदबुद्धि लोग बोलने लगते हैं पीर साहब पीर शाह, मजार मजार।
मंदिरों की छतों के ऊपर भी मजारे
बता दें कि इन मजारों के बारे में अब यह चर्चाएं आम होने लगी हैं यह एक तरह का लैंड जिहाद है। क्योंकि देश का ऐसा कोई कोना नहीं है जहां पर इस तरह की अवैध मजारें ना हों। रातो रात मुख्य मार्गों के किनारे पर उग आने वाली यह मजारे आश्चर्य में डालती हैं की यहां पर तो कभी कुछ था ही नहीं अब यह कैसे हो गया है ? और तो और पुलों के ऊपर और मंदिरों की छतों के ऊपर भी मजारे बना दी गई हैं। हालांकि सनातन धर्म में मजार नाम की किसी भी चीज का कोई विवरण नहीं है, परंतु बहुत सारे हिंदुओं की अक्ल पर पत्थर पड़ गए हैं जो मजारों पर जाकर अपनी श्रद्धा समय और पैसा बर्बाद कर रहे हैं। यह मजारें वास्तव में एक बहुत बड़े षड्यंत्र का हिस्सा हैं, क्योंकि हर उस मंदिर परिसर में या उसकी छत पर कहीं ना कहीं जबरन मजार बना ही दी जाती है ताकि आने वाले समय में वहां पर मस्जिदें बनाई जा सके शायद इसी कारण मजारों को अब लैंड जिहाद का नाम दिया जा रहा है।
इसी भयानक श्रंखला में अब एक बहुत ही चौका देने वाली घटना घटी है हरियाणा के कुरुक्षेत्र में।
कुरुक्षेत्र का नाम आते ही प्रत्येक सनातनी के मन में महाभारत उभरता है। यह वह प्रसिद्ध स्थान है यहां पर धर्मियों और अधर्मीयों के बीच युद्ध हुआ था और यहीं पर महायोद्धा भगवान श्री कृष्ण जी ने विश्व को सर्वश्रेष्ठ श्री गीता जी का ज्ञान भी दिया था। बता दें की इस लैंड जिहाद से अब हिंदुओं का यह विश्व प्रसिद्ध तीर्थ भी नहीं बचा है। यहां पर भी विधारमियों के द्वारा एक मजार बना दी गई है।
कुरुक्षेत्र में बने इस विशाल मंदिर के प्रांगण में किसी भी मजार के होने का सवाल ही पैदा नहीं होता है और ना ही कभी यहां पर कोई मजार थी। परंतु एक बहुत बड़े षड्यंत्र के चलते यहां पर भी मजार बना दी गई है। अब यहां पर मुसलमान तो कोई नहीं जाएगा हिंदू ही वहां जाएंगे और अपने आराध्य श्री कृष्ण भगवान जी की भूमि पर उनका तिरस्कार करके इस ईटों के लंबे से निर्माण के आगे नाक रगड़ेंगे।
इसके बाद जब यहां पर हिंदुओं के द्वारा भरपूर चढ़ावा चढ़ाया जाने लगेगा फिर शुरू होगा असली खेल। तब यहां पर भी जबरन एक मस्जिद खड़ी कर दी जाएगी। यह सब किसी से छिपा हुआ नहीं है, क्योंकि सारे देश में ऐसे असंख्य प्रमाण हैं।
बहरहाल अब देखना यह होगा की इस विश्व प्रसिद्ध और हिंदुओं के सर्वश्रेष्ठ तीर्थ स्थली पर बनी इस अवैध अतिक्रमण करके बनाई हुई मजार को हिंदू अपने धर्म की रक्षा के लिए हटाते हैं या नहीं ???