“When Faisal Hussain appealed, the High Court gave permission to cut animals in “Shri Haridwar”
ये निर्णय हाईकोर्ट का है, और निर्णय हाईकोर्ट का है तो सही ही होगा। परंतु नूपुर शर्मा केस के बारे में लोग सोशल मीडिया पर सुप्रीमकोर्ट को गलत ठहरा रहे हैं।
हाईकोर्ट का निर्णय
सनातन 🚩समाचार🌎 हिंदुस्तान के कानून के अनुसार अदालत सर्वोपरि है। मी लॉर्ड जो कुछ भी कह दें अथवा लिख दें वह अवश्य ही माना जाना चाहिए। भले ही वह शनि शिंगणापुर के बारे में आदेश हो, जलीकट्टू के बारे में आदेश हो अथवा दही हांडी के बारे में आदेश हो। और अब दुनिया भर के हिंदुओं का पवित्रतम क्षेत्र “श्री हरिद्वार” मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड हाई कोर्ट ने श्री हरिद्वार जिला के मंगलोर इलाके में बकरीद के दिन जानवरों को काटने की इजाजत दे दी है। बता दें कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने 7 जुलाई 2022 गुरुवार को यह आदेश पारित किया है।
मुस्लिम समुदाय को बकरी ईद पर जानवरों की कुर्बानी देने की इजाजत दे दी है।
दरअसल उत्तराखंड की सरकार ने श्री हरिद्वार जिले को पूरी तरह स्लाटर मुक्त क्षेत्र घोषित किया हुआ था। सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसकी सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बूचड़ खानों पर लगाई गई पाबंदी को हटा दिया है। इस बारे में सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट ने श्री हरिद्वार जिले के मंगलोर इलाके में मुस्लिम समुदाय को बकरी ईद पर जानवरों की कुर्बानी देने की इजाजत दे दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मंगलोर नगर पालिका और याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि बकरीद पर कुर्बानी केवल बूचड़खाने में ही की जाएगी।
श्री हरिद्वार निवासी फैसल हुसैन ने उत्तराखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की
बता दें कि इस बारे में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस आरसी खुल्बे की बेंच ने निर्देश दिया है कि 10 जुलाई को बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग केवल मंगलोर में ही जानवरों की कुर्बानी दे सकेंगे। साथ ही यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि पशुओं की कुर्बानी मान्यता प्राप्त बूचड़खाना में ही की जा सकेगी, गलियों महलों में नहीं। इस बारे में श्री हरिद्वार निवासी फैसल हुसैन नाम के एक व्यक्ति ने उत्तराखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी की जानवरों की कुर्बानी इस्लाम में एक आवश्यक मजहबी रिवाज है और ईद उल अजहा (बकरीद) के लिए मंगलौर के बूचड़खाने में जानवरों की कुर्बानी की अनुमति दी जानी चाहिए।
यह आदेश पवित्र कुंभ के समय दिया गया था
इस याचिका में बकरीद को देखते हुए प्रदेश सरकार के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई थी याचिका में कहा गया था कि मंगलोर में लगभग 90% मुसलमान रहते हैं इसलिए बकरीद पर मंगलोर के मुसलमानों को कुर्बानी की अनुमति दी जानी चाहिए। आपको बता दें कि बीजेपी की उत्तराखंड सरकार ने पिछले वर्ष 3 मार्च 2021 को श्री हरिद्वार के सभी क्षेत्रों को बूचड़खाना मुक्त घोषित कर दिया था। सरकार की तरफ से यह आदेश पवित्र कुंभ के समय दिया गया था। उस समय श्री हरिद्वार जिले के बीजेपी विधायकों ने तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर यह मांग की थी की श्री हरिद्वार एक पवित्र धार्मिक भूमि है अतः इस शहर में बूचड़खानो की अनुमति ना दी जाए।
“श्री हरिद्वार” जिला में पड़ते मंगलोर में जानवरों की कुर्बानी कर पाएंगे
इसके बाद राज्य सरकार ने जिले के दो नगर निगम, दो नगर पालिकाओं और पांच नगर पंचायतों में चल रहे बूचड़खाना को चलाए जाने की अनुमति रद्द कर दी थी। बहरहाल हाईकोर्ट के निर्णय के बाद अब बकरीद के दिन मुस्लिम समाज के लोग “श्री हरिद्वार” जिला में पड़ते मंगलोर में जानवरों की कुर्बानी कर पाएंगे।