“When “Bheem” Kishanlal touched the tap for water, he got angry. “Meem” was caught “death” Shakeel, Bablu and Naseer.”
मनुवादी – मनुवादी चिल्ला कर हिंदुओं को कोसते रहने वाले भीम मीम चुप्प क्योंकि मीम ने मारा है भीम को।
सनातन 🚩समाचार🌎 इस बेहद दर्दनाक घटना पर दलित समाज के नेता अनिल तेजी ने कहा है कि पानी के लिए एक युवक की निर्मम हत्या कर दी गई है। वह अपने घर में इकलौता व्यक्ति था जो मजदूरी करके परिवार के सभी लोगों का पेट भरता था। मुस्लिम समाज के इन लोगों ने किशनलाल को पानी के लिए मार दिया। यह नारा लगाते हैं मीम और भीम भाई-भाई, पर आज कहाँ गए भाई-भाई का नारा लगाने वाले ? उन्होंने कहा, “इस भीम को मार दिया है कोई भी मीम यहाँ पर धरने पर नहीं पहुँचा है।”
सरकारी नल पर शकील, नासिर का कब्जा
मुस्लिम युवकों की हिंसा का शिकार हुए मृतक किशनलाल के भाई अशोक भील ने कहा है कि सरकारी हैंडपंप में मोटर लगी हुई है। उस पर शकील, नासिर और बबलू का कब्जा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ये लोग किसी अन्य समुदाय के व्यक्ति को पानी नहीं भरने देते हैं। अगर कोई हिंदू वहां से पानी भरता है तो उसका पाइप काट देते हैं। आरोपितों ने किशनलाल और उसके बेटे के साथ भी मारपीट की है।
विवरण ……….
राजस्थान के जोधपुर से ये शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां एक आदिवासी हिंदू “दलित” की उस समय बुरी तरह पिटाई कर दी गई जब उसने पानी पीने के लिए हैंडपंप को छुआ, और बाद में अधिक खून बह जाने के कारण उसकी मौत हो गई। प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार जोधपुर में एक ट्यूबवेल से पानी खींचने पर 46 वर्षीय दलित व्यक्ति किशनलाल भील की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। आरोपियों ने सूरसागर में ट्यूबवेल से पीने के लिए पानी लेने पर पहले किशनलाल भील को जातिसूचक गालियां दीं इसके बाद उस पर सरिया से हमला कर दिया।
शैतानों ने अस्पताल लेजाने से भी रोका
जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया और फिर उसकी बेतहाशा पिटाई की। बुरी तरह घायल किशन लाल को जब उसके परिजन इलाज के लिए अस्पताल लेजाने लगे तो आरोपियों ने उसे अस्पताल भी नहीं लेजाने दिया। मृतक के परिजन शैतानों की मिन्नतें करते रहे परंतु उनका दिल नहीं पसीजा। इसके बाद किशनलाल के परिजनो के घटना की सूचना पुलिस को दी, जब पुलिस मौके पर पहुंची तब जाकर किशनलाल को अस्पताल ले जाया गया।
परिजन धरने पर
परंतु इलाज में हुई देरी के चलते उसने दम तोड़ दिया। किशनलाल की मौत की जानकारी मिलने के बाद, उसके रिश्तेदार व जनजातीय संगठन के लोग भी हॉस्पिटल पहुँच गए। वहाँ इन लोगों ने मॉर्चरी के बाहर धरने पर बैठकर आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई व मृतक के परिवार को एक सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपए का मुआवजा देने की माँग की है। जनजातीय संगठन के लोगों का कहना है कि समुचित मुआवजा न मिलने पर आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन और बढ़ेगा।
तलाश जारी शैतानों की
इस घटना के बारे में थानाधिकारी डॉ. गौतम डोटासरा ने बताया है कि परिजनों की शिकायत मिलने के बाद रात को ही पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया है था तथा अब अन्य की तलाश की जा रही है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान शकील, नासिर और बबलू के रूप में हुई है। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम तथा IPC की धारा 302 (हत्या) के अंतर्गत केस दर्ज किया है।